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लक्ष्य अधूरा रह गया; विनेश फोगाट ने संन्यास को लेकर बदला अपना मन, 2032 तक खेलने की जताई इच्छा Today Sports News

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पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट पदक जीतने के काफी करीब पहुंच गईं थी लेकिन फाइनल से पहले 100 ग्राम अधिक वजह होने के कारण उनके साथ-साथ करोड़ों भारतीयों का दिल टूट गया। विनेश को वजन ज्यादा होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था और इस वजह से वह फाइनल में भी हिस्सा नहीं ले सकी। हालांकि उन्होंने आखिरी दम तक वजन कम करने के लिए सारे तरीके अपनाए लेकिन फाइनल की सुबह वह तय वजन तक नहीं पहुंच सकी। विनेश ने वजन कम करने के लिए खून निकलवाया, बाल कटवाए और लगातार कई घंटों तक एक्सरसाइज की थी, एक समय ऐसा भी आया था, जब उनके कोच को लगा था कि इतना ज्यादा प्रयास करने के कारण पहलवान की मौत भी हो सकती है। ओलंपिक में पदक जीतने का सपना चकनाचूर होने के बाद संन्यास का ऐलान करने वाली विनेश ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करके उनके इस सफर में साथ देने वाला का धन्यवाद किया और ये भी संकेत दिए हैं कि वह कुश्ती में वापसी करने वाली हैं।

विनेश की ओलंपिक रजत पदक जीतने की उम्मीदें बुधवार को उस समय धराशायी हो गईं, जब कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) ने 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ उनकी अपील खारिज कर दी। विनेश (29) को पिछले सप्ताह महिलाओं के 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के अंतिम मुकाबले की सुबह अयोग्य घोषित कर दिया गया था। विनेश ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर काफी इमोशनल पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने अपने करियर से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई है। विनेश ने ये भी कहा है कि वह 2032 तक खेलना चाहती हैं।

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विनेश ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ”मेरी टीम, मेरे साथी भारतीयों और मेरा परिवार, ऐसा लगता है कि जिस लक्ष्य के लिए हम काम कर रहे थे और जिसे हासिल करने की हमने योजना बनाई थी, वह अधूरा रह गया है, कुछ कमी हमेशा बनी रह सकती है और चीजें फिर कभी वैसी नहीं हो सकतीं। शायद अलग परिस्थितियों में मैं खुद को 2032 तक खेलते हुए देख पाऊं, क्योंकि मेरे अंदर की लड़ाई और कुश्ती हमेशा रहेगी।”

पेरिस ओलंपिक में जापान की युई सुसाकी के खिलाफ जीत सहित तीन जीत के साथ महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली विनेश को आखिर में स्वर्ण पदक जीतने वाली अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ खिताबी मुकाबले से बाहर कर दिया गया, क्योंकि सुबह वजन करते समय उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया।

पहलवान ने खेल पंचाट में इस फैसले के खिलाफ अपील की और मांग की कि उसे क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए। लोपेज सेमीफाइनल में विनेश से हार गई थी लेकिन बाद में भारतीय पहलवान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्हें फाइनल में जगह मिली। हालांकि विनेश की इस अपील को पहले ही खारिज कर दिया गया था। हालांकि सिल्वर मेडल देने की अपील की सुनवाई तीन घंटे चली, जिसके कुछ दिन बाद खेल पंचाट ने इसे भी खारिज कर दिया।

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