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Infertility from Overeating : ओवरईटिंग से सिर्फ मोटापा ही नहीं कई खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. रोज-रोज ज्यादा खाना बेबी कंसीव करने में दिक्कतें पैदा कर सकता है. दरअसल, बिंज ईटिंग (Binge Eating Disorder) खाने के सबसे आम डिसऑर्डर में से एक है. जिसमें किसी को बहुत ज्यादा भूख और खाने की इच्छा महसूस होता है, जिसके कारण वह बहुत कम समय में बहुत ज्यादा मात्रा में खाना खा लेता है. इससे वजन बढ़ सकता है, कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं, यहां तक कि बांझपन (Infertility) भी हो सकता है.
ओवरईटिंग से इंफर्टिलिटी की प्रॉब्लम
बहुत ज्यादा खाने से इंफर्टिलिटी की प्रॉब्लम काफी आम है. खाने का ये डिसऑर्डर सभी उम्र की महिलाओं में हो सकते हैं. लेकिन मां बनने की उम्र में सबसे ज्यादा होता है. यह भी देखा गया है कि रोजाना बहुत ज्यादा खाने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है. इससे री-प्रोडक्टिविटी हेल्थ प्रभावित कर सकते हैं. ओव्यूलेशन से लेकर गर्भपात (abortion) तक का रिस्क बढ़ता है.
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कंसीव करने में आ सकती है दिक्कत
डॉक्टर्स का कहना है कि बहुत ज्यादा खाना खाने से बेबी कंसीव करने में समस्या हो सकती है. वैसे तो किसी कपल में बांझपन के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें जेनेटिक, एनवायरमेंटल फैक्टर्स, हार्मोनल असंतुलन जैसे कई कारण शामिल हैं. खाने के विकार वाले व्यक्ति, जैसे कि अधिक खाना (बिंज ईटिंग) को भी गर्भधारण करने में कठिनाई हो सकती है। अधिक खाने से समग्र पोषण की स्थिति खराब हो सकती है, जिससे मनोवैज्ञानिक तनाव और मोटापा हो सकता है।”
पीरियड्स और एनोव्यूलेशन की समस्या
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह साबित हो चुका है कि अपर्याप्त आहार, चाहे कम कैलोरी वाला हो या अनहेल्दी, अत्यधिक कैलोरी का सेवन प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है. इसलिए बांझपन का जोखिम बढ़ा सकता है.
ज्यादा खाना और बांझपन में क्या कनेक्शन है
डॉक्टर्स का कहना है कि खाने के डिसऑर्डर और बांझपन के बीच सीधा कनेक्शन होता है. बहुत ज्यादा तनाव में न्यूट्रिशन, इमोशनल और फिजिकल- जैसे खाने के डिसऑर्डर, हाइपोथैलेमस से GnRH रिलीज में दिक्तें होती है और ब्रेन री-प्रोडक्श बंद कर देता है. इसे हाइपोथैलेमिक एमेनोरिया कहा जाता है. जब किसी महिला को नियमित पीरियड्स नहींआता है या पूरी तरह बंद हो जाता है या ओव्यूलेशन नहीं होता है तो कंसीव करना संभव नहीं है.

ओवरईटिंग और बांझपन रोकने के उपाय
हेल्दी खाना खाएं.
खाने का टाइम फिक्स करें.
ओवरईटिंग से बचें.
अपनी रोजाना कैलोरी चेक करें.
रेगुलर तौर पर फिजिकल एक्टिविटी करें.
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रोज करती हैं ओवरईटिंग तो बेबी कंसीव करने में आ सकती है दिक्कत, जानिए इसका कनेक्शन