[ad_1]
परिवार पहचान प्राधिकरण के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. सतीश खोला ने सेक्टर-1 स्थित कार्यालय में जन समस्याएं सुनीं। सतीश खोला ने बताया कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के आधार पर योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजा जा रहा है, जिससे बिचौलियों और भ्रष्टाचार की गुंजाइश समाप्त हो गई है। डीबीटी ने न केवल प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि आमजन का प्रशासन पर विश्वास भी बढ़ाया है।
कार्यालय में जन समस्याएं सुनने के दौरान ग्रामीणों और शहरी नागरिकों ने विभिन्न योजनाओं से जुड़ी शंकाएं और सुझाव साझा किए। इस पर डॉ. खोला ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी पात्र व्यक्ति को योजनाओं का लाभ लेने में देरी या बाधा न हो।
उन्होंने कहा कि हरियाणा मॉडल को अब अन्य प्रदेश भी अपनाने की ओर अग्रसर हैं। सरकार का उद्देश्य है कि योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचे और इसे साकार करने में परिवार पहचान प्राधिकरण अहम भूमिका निभा रहा है। इस मौके पर विभागीय कर्मचारी भी मौजूद रहे।
[ad_2]
रेवाड़ी: परिवार पहचान प्राधिकरण के स्टेट कोऑर्डिनेटर ने सुनी लोगों की समस्याएं


