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एसडीएम बावल के आदेश पर दो प्राइवेट स्कूलों की बसों की जांच में 18 बसें अनफिट पाई गई हैं। अनियमितता मिलने पर बसों का मौके पर चालान भी किया गया है। जांच में यह भी पता चला है कि कई बसें तो ऐसी थीं, जो कंडम स्थिति में थीं। दोबारा से फिर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होने के बाद प्राइवेट स्कूलों में हड़कंप मचा हुआ है।
कनीना बस हादसे के बाद प्राइवेट बस संचालक अनफिट बसों को सड़कों से हटाने पर मजबूर हो गए थे। अब ऐसी बसों को फिर से बच्चों को स्कूल लाने व ले जाने के लिए दौड़ाया जा रहा है। कंडम बसों से बच्चों को ढोना एक बार फिर बड़े हादसे का कारण बन सकता है। आरटीए स्टाफ की ओर से अगर प्राइवेट स्कूलों की बसों की नियमित जांच की जाती है, तो इन स्कूलों में बड़ी संख्या में अनफिट बसें सामने आ सकती हैं। यह भी जानकारी मिली है कि कनीना बस हादसे के बाद जिन खटारा बसों को स्कूल संचालकों ने रूटों से हटा दिया था। उन बसों को फिर से चलाया जा रहा है। फिटनेस टेस्ट में यह बसें पूरी तरह अनफिट साबित हो सकती हैं। दो स्कूलों में ही बड़ी संख्या में अनफिट बसें मिलने का सीधा मतलब है कि स्कूल संचालकों को बच्चों की जान की कोई परवाह नहीं है। विभाग का कहना है कि ऐसे स्कूलों पर शिकंजा कसा जाएगा।
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रेवाड़ी: निजी स्कूलों ने हादसे के बाद भी नहीं लिया सबक, अनफिट पाई गई 18 बसें