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हिंदी दिवस के अवसर पर संविधान से सोशल मीडिया तक हिंदी की यात्रा विषय को लेकर शनिवार को सेक्टर-1 में अमर उजाला की तरफ से संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिक्षकों ने कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने हिंदी के संवैधानिक दर्जे, इसके ऐतिहासिक सफर और डिजिटल युग में सोशल मीडिया के जरिए बढ़ते प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। प्राचार्य एवं वरिष्ठ प्रवक्ता इंद्राज भारद्वाज, प्रवक्ता दिनेश सोनी, प्रवक्ता बाबरूभान सैनी
ने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और पहचान का अभिन्न हिस्सा है। संविधान में हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिए जाने के बाद इसकी यात्रा को नए आयाम मिले। स्वतंत्रता के शुरूआती दौर में हिंदी मुख्य रूप से सरकारी कामकाज और साहित्यिक रचनाओं तक सीमित थी, लेकिन समय के साथ इसका स्वरूप और क्षेत्र दोनों व्यापक हुए हैं। प्रवक्ता डॉ. सरिता यादव, प्रवक्ता एवं कार्यवाहक प्रधानाचार्य दीप्ति, प्रवक्ता महेश शास्त्री ने कहा कि सोशल मीडिया युग में हिंदी की स्थिति पर खास तौर पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सऐप और एक्स (ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म पर हिंदी का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। मनोरंजन, शिक्षा, राजनीति, व्यवसाय हर क्षेत्र में हिंदी का प्रभाव देखा जा सकता है। डिजिटल माध्यमों ने हिंदी को न केवल नई पहचान दी है बल्कि वैश्विक स्तर पर इसकी लोकप्रियता भी बढ़ाई है।
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रेवाड़ी: डिजिटल माध्यमों ने हिंदी को दी नई पहचान, वैश्विक स्तर पर बढ़ाई लोकप्रियता