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प्रदेश के बहुचर्चित रेलू राम पूनिया हत्याकांड में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने वीरवार को दोनों दोषियों सोनिया और उसके पति संजीव कुमार को राहत देते हुए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य अपनी बनाई नीति का स्वयं उल्लंघन नहीं कर सकता और रियायत को पूरी पारदर्शिता व समानता के आधार पर देखना होगा।
समय पूर्व रिहाई की मांग के आदेश में गंभीर त्रुटियों को देखते हुए हाईकोर्ट ने न केवल आदेश रद्द किया बल्कि राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह दो महीने के भीतर 2002 की नीति के प्रावधानों के तहत मामले पर नए सिरे से निर्णय करे। तब तक संजीव कुमार व सोनिया अंतरिम जमानत पर रिहा रहेंगे बशर्ते वह आवश्यक बॉन्ड भर दें।
समयपूर्व रिहाई की मांग ठुकराने के आदेश को चुनौती दी थी
सोनिया और संजीवन ने हरियाणा सरकार की ओर से उनकी समयपूर्व रिहाई की मांग ठुकराने के आदेश को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि वे नीति और कानून के तहत तय सभी शर्तें पूरी कर चुके हैं। अगस्त 2001 में लितानी गांव स्थित फार्म हाउस में हुए दिल दहला देने वाले हत्याकांड में पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया (50), उनकी पत्नी कृष्णा देवी (41), बच्चे प्रियंका (14), सुनील (23), बहू शकुंतला (20), पोता लोकेश (4) और दो पोतियों शिवानी (2) तथा 45 दिन की प्रीति की हत्या कर दी गई थी। मई 2004 में हिसार की अदालत ने सोनिया व संजीव को फांसी की सजा सुनाई थी। 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा था।
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रेलूराम पूनिया हत्याकांड: बेटी और दामाद को मिली अंतरिम जमानत, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला


