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रेलवे संशोधन विधेयक से Indian Railways में कितना बदलाव होगा? जानें सबकुछ – India TV Hindi Politics & News

रेलवे संशोधन विधेयक से Indian Railways में कितना बदलाव होगा? जानें सबकुछ – India TV Hindi Politics & News

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रेलवे (संशोधन) बिल 2024 को मिली मंजूरी

भारतीय संसद से रेलवे (संशोधन) बिल 2024 को मंजूरी मिल गई है, जिसका उद्देश्य भारतीय रेलवे के संचालन को सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाना है। यह बिल सोमवार को राज्यसभा में ध्वनि मत से पारित हुआ, जबकि लोकसभा ने इसे पिछले साल दिसंबर में ही मंजूरी दे दी थी।

इस बिल का मुख्य उद्देश्य भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 को निरस्त करना है और इसके स्थान पर रेलवे अधिनियम, 1989 में रेलवे बोर्ड के गठन और संरचना से संबंधित प्रावधानों को समाहित करना है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान

राज्यसभा में रेलवे (संशोधन) बिल 2024 पर चर्चा के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य क्षेत्रीय दफ्तरों को सशक्त बनाना, कार्यकुशलता में वृद्धि करना और सहकारी संघवाद को मजबूत करना है। उन्होंने बताया कि इस बिल से मौजूदा कानूनों को सरल बनाने का प्रयास किया गया है और इससे राज्य सरकारों की शक्तियों में कोई कमी नहीं आएगी। इसके बजाय, यह विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देता है और रेलवे जोनों के सामान्य प्रबंधकों को 1,000 करोड़ रुपये तक के परियोजनाओं को मंजूरी देने का पूरा अधिकार प्रदान करता है।

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार रेलवे सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दे रही है और विभिन्न प्रणालियों के उन्नयन के लिए हर साल 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट निर्धारित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न उपायों के कारण, रेलवे दुर्घटनाओं की वार्षिक दर 171 से घटकर 30 तक आ गई है।

बिल के मुख्य उद्देश्य और भारतीय रेलवे पर प्रभाव

रेलवे (संशोधन) बिल 2024 का उद्देश्य 1989 के रेलवे अधिनियम में संशोधन कर रेलवे बोर्ड को वैधानिक रूप से मजबूती देना है, क्योंकि रेलवे बोर्ड अब तक बिना किसी वैधानिक समर्थन के काम कर रहा था। इसके तहत रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति, योग्यता, कार्यकाल और मापदंडों का निर्धारण केंद्रीय सरकार की जिम्मेदारी होगा।

इस बिल में एक स्वतंत्र नियामक के गठन का प्रावधान भी है, जो किराया निर्धारण, बुनियादी ढांचे की पहुंच और सेवा मानकों पर निगरानी रखेगा। इसका उद्देश्य हितधारकों के हितों की रक्षा करना और रेलवे क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। यह नियामक 2015 में रेलवे के पुनर्गठन पर समिति द्वारा पहली बार प्रस्तावित किया गया था।

बिल का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य रेलवे जोनों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करना है, जिससे संचालन और वित्तीय निर्णयों में अधिक स्वतंत्रता मिल सके। यह बदलाव 2014 की श्रीधरन समिति की सिफारिशों के अनुरूप है। इसके तहत रेलवे जोनों को बजट प्रबंधन, बुनियादी ढांचा विकास और भर्ती जैसे महत्वपूर्ण मामलों में अधिक नियंत्रण मिलेगा।

इस संशोधन से ट्रेन सेवाओं की मंजूरी प्रक्रिया को तेज़ किया जाएगा, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में लंबित मांगों को पूरा किया जा सकेगा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और सुपरफास्ट ट्रेनों की सुविधा

इस बिल के तहत सरकार को इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और सुपरफास्ट ट्रेनों के संचालन को तेजी से आगे बढ़ाने की अनुमति मिलेगी। उदाहरण के लिए, यह अरुणाचल एक्सप्रेस को सीवान-थावे-कप्तांगंज-गोरखपुर रूट के माध्यम से बढ़ाने में सहायक हो सकता है, जिससे विशेष रूप से बिहार जैसे पिछड़े क्षेत्रों में महत्वपूर्ण लाभ हो सकता है।

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