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अदालत ने 2010 में एमबीए छात्रा से दुष्कर्म और मर्डर केस मामले में चंडीगढ़ के सीरियल किलर मोनू को दोषी करार दिया है. मोनू को आज उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. फैसले के समय पीड़िता के माता-पिता कोर्ट में मौजूद रहे.
चंडीगढ़: इंसान के रूप में एक ऐसा हैवान जिसने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं. इस अकेले आदमी ने अकेले 4 महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया. इतना ही नहीं इन महिलाओं को बेहद बेरहमी से हत्या भी की. हम बात कर रहे हैं सीरियल किलर मोनू के बारे में. तो चलिए आपको इसके घटिया कारनामों के बारे में बताते हैं.
कहानी शुरू होती है 2010 में. जब 21 साल की एमबीए छात्रा नेहा अहलावत 30 जुलाई 2010 की शाम करीब 6 बजे अपने घर सेक्टर 38 वेस्ट से स्कूटर लेकर अंग्रेजी बोलने की क्लास के लिए निकली थी. लेकिन वह घर वापस नहीं लौटी. उसी रात भारी बारिश के बीच, उसका अर्धनग्न, खून से सना शव टैक्सी स्टैंड के पास झाड़ियों में मिला. शव पर चोटों के निशान थे और गला घोंटकर उसकी हत्या की गई थी. बाद में सीएफएसएल ने उसके कपड़ों पर मौजूद वीर्य के नमूनों से रेप की पुष्टि की थी. इस केस में उस समय कोई सुराग नहीं मिला और 2020 में यह केस अनसुलझा मानकर बंद कर दिया गया. लेकिन यह केस बंद हुआ जरूर, पर खत्म नहीं हुआ. क्योंकि उसी डीएनए के जरिए पुलिस को 15 साल बाद सच्चाई तक पहुंचना था.
एक ही पैटर्न में देता घटना को अंजाम
इस दौरान चंडीगढ़ के जंगलनुमा क्षेत्रों में इसी तरह के दो और मामले हुए. सभी महिलाओं को अकेला देखकर निशाना बनाया गया. बारिश के मौसम का फायदा उठाया गया. हमलावर उन्हें सुनसान इलाके में ले जाता, उन पर हमला करता, गला घोंटता और फिर झाड़ियों में शव फेंक देता. कई मामलों में हत्या के बाद भी रेप के संकेत मिले. तीनों मामलों में डीएनए मिला, जो एक ही व्यक्ति का था.
स्पर्म से हुई हत्यारे की पहचान
मोनू ने एक नहीं बल्कि चार महिलाओं के साथ एक ही पैटर्न में हत्या कर दुष्कर्म किया. उसने सबसे पहले वर्ष 2008 में महज 20 साल की उम्र में सबसे पहले हिमाचल के चंबा क्षेत्र में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. उसने नुकीले पत्थर से सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी थी. हिमाचल पुलिस ने इस मामले में आरोपी मोनू कुमार को गिरफ्तार किया था लेकिन कोई पुख्ता सबूत नहीं होने के कारण कोर्ट ट्रायल के दौरान बरी हो गया था. इसके कुछ महीनों बाद ही उसने वर्ष 2010 में एमबीए छात्रा के साथ दुष्कर्म किया और उसके सिर पर भी नुकीले पत्थर से वार कर हत्या कर दी थी. इसके बाद आरोपी ने वर्ष 2022 में मलोया के जंगल में विवाहिता के साथ भी ऐसी ही घटना को अंजाम दिया. फरवरी 2024 में किलर ने 65 साल की बुजुर्ग महिला की हत्या की और दुष्कर्म करने का प्रयास किया. महिला के कपड़ों पर मिले सीमन का उससे डीएनए मैच हो गया था.
डॉक्टरों ने डीएनए टेस्ट के दौरान मोनू कुमार के सैंपल की जांच सबसे पहले मृत विवाहिता महिला के सैंपल से करवाई. 6 मई 2024 को जब मोनू वापस आया, तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पहले तो उसने सब कुछ नकार दिया. लेकिन जब पुलिस ने बताया कि उसका डीएनए तीनों केस से मैच हुआ है, तो उसने तीनों हत्याओं की बात कबूल कर ली. इस बार उसके पास उसका मोबाइल फोन भी था. मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रैकिंग से पता चला कि वह सेक्टर 54 के उसी इलाके में मौजूद था, जहां शनीचरा देवी का शव मिला था.
मोनू को उम्रकैद की सजा
अब इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने कुख्यात सीरियल किलर मोनू को एमबीए छात्रा के रेप और मर्डर के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 50-50 हजार रुपये का अलग-अलग धाराओं में जुर्माना भी लगाया गया है. मोनू पर इसी तरह की कई वारदातों के आरोप हैं और अन्य मामलों की सुनवाई अदालत में अभी भी जारी है.
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यामिनी सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. फिलहाल न्यूज18 में ये क्राइम सेक्शन को देख रही हैं. इन्हें देश (Nation) और विदेश (International) मामलों में भी गहरी रुचि है. खबरों से जुड़ी और जानकारी के लिए …और पढ़ें
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