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Drones: आज के समय में बिना पायलट वाले लड़ाकू ड्रोन (UCAVs) युद्ध के मैदान की तस्वीर ही बदल रहे हैं. ये ड्रोन अब केवल निगरानी और जासूसी तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि सटीक हमलों में भी इनकी भूमिका बेहद अहम हो गई है और वो भी बिना किसी सैनिक की जान जोखिम में डाले. कभी सीमित उपयोग वाली तकनीक माने जाने वाले ये ड्रोन अब हर देश की सैन्य रणनीति का अहम हिस्सा बन चुके हैं. तेज़, खतरनाक और स्वायत्त रूप से काम करने वाले इन प्लेटफॉर्म्स की मांग पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ चुकी है. चाहे अमेरिका का MQ-9 रीपर हो, तुर्की का किफायती लेकिन घातक Bayraktar TB2 या फिर चीन और रूस द्वारा विकसित हो रहे नए ड्रोन—ये सभी आने वाले हवाई युद्धों की दिशा तय कर रहे हैं.

MQ-9 Reaper
अमेरिका द्वारा विकसित MQ-9 Reaper को दुनिया का सबसे प्रभावशाली कॉम्बैट ड्रोन माना जाता है. यह न सिर्फ लंबे समय तक उड़ान भर सकता है बल्कि भारी हथियारों को भी ले जाने में सक्षम है. MQ-1 Predator के उत्तराधिकारी के रूप में विकसित यह ड्रोन अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की सैन्य ताकत का अभिन्न हिस्सा है.
Bayraktar TB2
तुर्की की Baykar Defense कंपनी द्वारा विकसित Bayraktar TB2, आधुनिक युद्धों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला सैन्य ड्रोन बन चुका है. इसकी लागत अपेक्षाकृत कम है, लेकिन इसकी मारक क्षमता किसी भी बड़े ड्रोन से कम नहीं. TB2 ने सीरिया, लीबिया, नागोर्नो-कराबाख और यूक्रेन जैसे क्षेत्रों में अपनी ताकत साबित की है. पहली उड़ान 2009 में और सेवा में प्रवेश 2014 में हुआ था. इसके बाद यह दुनिया के सबसे भरोसेमंद और प्रभावी ड्रोन में गिना जाने लगा.
TAI Anka
TAI Anka, Bayraktar TB2 से कहीं अधिक क्षमताओं वाला ड्रोन है. यह लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है और भारी हथियार ले जाने में सक्षम है. शुरुआत में इसे निगरानी और जासूसी के लिए डिजाइन किया गया था, लेकिन बाद में इसे हथियारों से लैस कर युद्ध-योग्य बना दिया गया. Anka-A संस्करण 2016 में तुर्की वायुसेना में शामिल हुआ, जबकि Anka-B ने 2015 में उड़ान भरी और इसमें स्वचालित लैंडिंग की सुविधा और अधिक पेलोड क्षमता है. वहीं Anka-S, इसका उत्पादन संस्करण है जिसमें सैटेलाइट संचार और अलग-अलग प्रकार के हथियार जोड़ने की क्षमता है.
Wing Loong II
चीन की चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री ग्रुप द्वारा बनाया गया Wing Loong II एक मीडियम एल्टीट्यूड, लॉन्ग एंड्यूरेंस ड्रोन है. इसका उपयोग खुफिया जानकारी इकट्ठा करने से लेकर सटीक हमलों तक में किया जाता है. यह अमेरिका के MQ-9 का किफायती विकल्प है और मध्य पूर्व, अफ्रीका और एशिया में काफी लोकप्रिय हो चुका है. 2015 में पहली बार पेश किए जाने के बाद, इसने 2017 में पहली उड़ान भरी और उसी साल सेवा में शामिल हो गया. इसकी डिज़ाइन और क्षमताएं काफी हद तक MQ-9 से मिलती-जुलती हैं, लेकिन लागत के मामले में यह कहीं सस्ता विकल्प है.

Kronshtadt Orion
Kronshtadt Orion रूस का पहला ऐसा MALE ड्रोन है जिसे पूरी तरह देश में ही विकसित किया गया है. Kronstadt Group ने इसे 2011 में बनाना शुरू किया, और 2016 में इसने पहली उड़ान भरी. 2020 में यह रूसी सेना में शामिल हो गया. इसे ‘Inokhodets’ (अर्थ: धीरे चलने वाला) नाम से भी जाना जाता है.
यह ड्रोन लगभग 26 फीट लंबा है और 250 किलोग्राम तक के पेलोड में चार गाइडेड बम या मिसाइलें ले जा सकता है. भले ही इसे उतनी वैश्विक सफलता न मिली हो जितनी अन्य ड्रोन को, लेकिन इसकी क्षमताएं इसे 2025 में दुनिया के प्रमुख सैन्य ड्रोन की सूची में शामिल करती हैं.
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