[ad_1]
कीव/ मास्को2 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
यूक्रेनी सेना ने ब्लैक सी में रूसी तेलवाहक जहाजों कैरोस और विराट पर हमले के वीडियो जारी किए हैं।
रूस के दो ऑयल शिप (टैंकरों) पर शनिवार को ब्लैक सी में पानी के अंदर चलने वाले ड्रोन (सी बेबी) ने अटैक किया। यूक्रेन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। दोनों शिप रूस की ‘शैडो फ्लीट’ का हिस्सा माने जाते हैं। यह प्रतिबंधों से बचने के लिए अलग-अलग देशों के झंडे लगाकर रूसी तेल ढोते थे।
पहले शिप ‘विराट’ पर शुक्रवार को धमाका हुआ था। शनिवार को उस पर फिर से हमला हुआ। तुर्किये ने बताया कि जहाज को हल्का नुकसान हुआ है, लेकिन सभी लोग सुरक्षित हैं। जहाज तुर्किये तट से लगभग 30 मील दूर था।
दूसरे शिप का नाम ‘कैरोस’ है। हमले के बाद जहाज में आग लग गई थी। इसमें मौजूद 25 लोग सुरक्षित निकाल लिए गए। दोनों जहाज गाम्बिया के झंडे लगाए हुए थे, लेकिन यह रूसी ऑयल ले जा रहे थे।
हमले के समय विराट के चालक दल ने ओपन फ्रीक्वेंसी रेडियो पर मेडे कॉल किया था, जिसमें वे बार-बार बोल रहा था, “यह विराट है। मदद चाहिए! ड्रोन हमला! मेडे, मेडे, मेडे!’
हमले की तस्वीरें…

रूस के ऑयल शिप विराट पर शनिवार को यूक्रेन ने ड्रोन अटैक किया।

हमले के बाद शिप में भीषण आग लग गई।

हमले से जहाज को नुकसान हुआ है, लेकिन सभी क्रू मेंबर सुरक्षित हैं।

यूक्रेन ने दावा किया कि दोनों जहाज रूसी ऑयल ले जा रहे थे।
यूक्रेन बोला- जहाज इस्तेमाल लायक नहीं बचे, रूस को नुकसान पहुंचाया
यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक, यह ऑपरेशन SBU और नौसेना ने मिलकर किया और दोनों जहाजों को इतना नुकसान हुआ है कि वे अब इस्तेमाल लायक नहीं बचे।
उनका दावा है कि इससे रूस की तेल सप्लाई पर बड़ा असर पड़ेगा। रूस की ओर से इस पर अभी कोई बयान नहीं दिया गया है।
वहीं, CNN ने सूत्रों के हवाले से बताया कि, यह दोनों हमले पूरी तरह प्लानड थे और इनमें अंडरवाटर और सरफेस ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया। हमले के बाद जहाज में आग लग गई थी।
विराट पर अमेरिका-ब्रिटेन ने प्रतिबंधित लगा रखा
विराट पहले किसी और नाम से चलता था और जनवरी 2025 में अमेरिका ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था। बाद में ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने भी इस पर पाबंदी लगा दी थी।
तुर्किये के परिवहन मंत्री अब्दुलकादिर उरालोग्लू ने कहा कि जहाज पर बाहरी प्रभाव के निशान मिले हैं, जो माइन, रॉकेट या समुद्री ड्रोन से हमले की ओर इशारा करते हैं।
शुक्रवार के हमले के बाद विराट के 20 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि काइरोस के सभी 25 क्रू मेंबर्स को भी बचा लिया गया। दोनों हमले तुर्किये के क्षेत्रीय जल से बाहर हुए थे, इसलिए तुर्किये केवल बचाव कार्य में मदद कर रहा है।
चकमा देने में माहिर विराट रूस के शैडो फ्लीट का हिस्सा था
विराट (M/T Virat) एक क्रूड ऑयल टैंकर है, जो रूस की “शैडो फ्लीट” (छाया बेड़ा) का हिस्सा माना जाता है। यह जहाज मुख्य रूप से रूसी तेल को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचाकर एशिया और अन्य बाजारों तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होता है।

इसका निर्माण 2018 में हुआ था। 2022 के रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद लगे पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने के लिए रूस ऐसे जहाजों का सहारा लेता है, जो नाम, झंडे और मालिक बदलते रहते हैं।
वर्तमान में गैंबिया के झंडे के तहत चलता है। पहले यह बारबाडोस, कोमोरोस, लाइबेरिया और पनामा के झंडों के तहत संचालित होता था। जनवरी 2025 में यह एक चीनी कंपनी को बेचा गया था।
ये जहाज अपने AIS (Automatic Identification System) ट्रांसपोंडर्स को बंद कर चलते हैं, जिससे वे रडार और निगरानी प्रणालियों से गायब हो जाते हैं। इससे इनकी गतिविधियों को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।
—————————
[ad_2]
रूस के ऑयल टैंकर ‘विराट’ और ‘कैरोस’ पर ड्रोन अटैक: दूसरे देशों के झंडे लगाकर रूसी तेल ढोते थे; यूक्रेन ने हमले की जिम्मेदारी ली