Indian Rupee Gains: पिछले कुछ दिनों से भारतीय रुपये में बड़ी गिरावट देखी गई है. इसकी वजह एक तरफ जहां भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की ओर से हो रही पूंजी निकासी है, तो वहीं हाई टैरिफ और एच-1बी वीजा की बढ़ी फीस ने भी भारतीय करेंसी पर दबाव बनाया है. इसके अलावा, अब फार्मा पर लगाए गए 100 प्रतिशत टैरिफ का भी बाजार पर नकारात्मक असर देखा जा रहा है.
रुपये में तेजी
हालांकि, हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन की शुरुआत में शुक्रवार 26 सितंबर 2025 को भारतीय करेंसी ने भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर बनी उम्मीद और कमजोर डॉलर के बीच छह पैसे की बढ़त दर्ज की. इसके बाद अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपया 88.70 के स्तर पर पहुंच गया.
विदेशी मुद्रा कारोबारियों (Forex Traders) का कहना है कि विदेशी पूंजी की निकासी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल के बढ़े भाव ने स्थानीय करेंसी की बढ़त को सीमित कर दिया. दूसरी ओर, अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Interbank Forex Market) में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 88.72 पर खुला और फिर 88.70 प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 6 पैसे की मजबूती दर्शाता है.
शेयर बाजार में गिरावट
भारतीय रुपया एक दिन पहले यानी गुरुवार को अपने सर्वकालिक निचले स्तर 88.76 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इस बीच, 6 प्रमुख करेंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.38 पर आ गया.
घरेलू शेयर बाजारों में बीएसई का सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 329.66 अंक गिरकर 80,830.02 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 50 भी 105.7 अंक फिसलकर 24,785.15 अंक पर पहुंच गया.
क्रूड ऑयल और एफआईआई का प्रभाव
इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ब्रेंट क्रूड 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 69.57 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) गुरुवार को बिकवाल रहे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,995.42 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
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Source: https://www.abplive.com/business/indian-rupee-gains-six-paise-against-dollar-amid-pressure-on-stock-market-and-high-tariffs-3018950