राजस्थान : नोटिस के बाद तेवर दिखा रहे धर्मेंद्र राठौड़, धारीवाल और जोशी हो गए सॉफ्ट, जानिए किसने क्या कहा


जयपुर : राजस्थान में सियासी संकट को लेकर तीन नेताओं को नोटिस जारी किया गया है। 10 दिन में इन्हें जवाब देना है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव तारिक अनवर की ओर से कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ से जवाब तलब किया गया है। रविवार 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने और समानांतर मीटिंग करने का आरोप है। इन तीनों कांग्रेसी नेताओं को अनुशासनहीनता करने का नोटिस दिया गया है। नोटिस मिलने के बाद तीनों नेताओं ने प्रतिक्रिया दी। आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने आक्रामक अंदाज में रिप्लाई दिया है, जबकि धारीवाल और महेश जोशी ने सहज रूप से कहा कि नोटिस का संतोषपूर्ण जवाब देंगे।

‘अब भी षड्यंत्र रचकर सत्ता प्राप्त करना चाहते हैं’
मंगलवार रात को नोटिस जारी होने के बाद आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सचिन पायलट का नाम तो नहीं लिया लेकिन ये जरूर कहा कि पहले भी भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस के खिलाफ षड्यंत्र रचे थे। अब भी वही षड्यंत्र रचकर सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं। राठौड़ ने कहा कि हमने पहले भी इनके षड्यंत्र को फेल किया था और अब भी इनके षड्यंत्र को हमने फेल कर दिया। राठौड़ ने कहा कि वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सच्चे सिपाही हैं। उन पर पूरा भरोसा है। वे पहले भी हमेशा हौंसला देते आए हैं। वे आश्वस्त करते हैं है कि आप डरो मत। ऐसे में हमने जो किया। अपने हिसाब से ठीक किया। पार्टी की ओर से नोटिस मिला है, तो जवाब दे देंगे।

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‘कांग्रेस आलाकमान के आगे हम सब नतमस्तक’
जलदाय मंत्री महेश जोशी ने एआईसीसी द्वारा नोटिस मिलने के बाद कहा कि वे आलाकमान के हर नोटिस का संतोषपूर्ण जवाब देने को तैयार हैं। हाईकमान कोई सजा भी देगा तो वह भुगतने के लिए तैयार हूं। जोशी बोले कि उन्होंने किसी भी विधायक को कॉल करके धारीवाल जी के बंगले पर नहीं बुलाया था। जो विधायक और मंत्री वहां आए, वे अपनी पीड़ा सुनाने के लिए आए थे। हम सब आलाकमान के आगे नतमस्तक हैं। उनके हर आदेश को मानने को तैयार हैं।

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‘सबने अपनी इच्छा से इस्तीफे दिए, हमारे पास सबूत’
मंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि जब उन्हें एक लाइन के प्रस्ताव पास किए जाने के बारे में पता चला तो उनके कॉल आने लगे। सभी विधायक इस बात से नाराज थे कि कहीं उन लोगों को सीएम नहीं बना दें, जिन्होंने दो साल पहले कांग्रेस सरकार को गिराने का प्रयास किया। इसी शंका को लेकर वे हमारे पास आए थे। करीब 90 विधायक थे, उनकी बातें सुनने में काफी समय लग गया था। इसके बाद सभी ने एकजुट होकर इस्तीफा देने का निर्णय लिया। धारीवाल ने कहा कि उन्होंने किसी को फोर्स नहीं किया। सबने अपनी मर्जी से इस्तीफे दिए। इसके सबूत हमारे पास हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अब कुछ विधायक इस बात से मुकर रहे हैं कि वे इस्तीफा नहीं देना चाहते थे, जबकि हमारे पास सभी सबूत है। नोटिस के जवाब के रूप में सब कुछ प्रस्तुत कर देंगे।

रिपोर्ट- रामस्वरूप लामरोड़

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