26 मई को डीपीसी के जरिए किया गया प्रमोशन
शिक्षा निदेशालय बीकानेर की ओर से 26 मई को डीपीसी के जरिए होने वाले प्रमोशन की सूची जारी करते हुए ऑर्डर निकाला था। इस सूची में 46 स्थान पर सिरोही जिले के राजकीय महात्मा गांधी स्कूल भावरी के वाइस प्रिंसिपल रहे शेरसिंह मीणा का नाम है। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में शेरसिंह मीणा को सरकार नौकरी से बर्खास्त कर चुकी है लेकिन, शिक्षा निदेशालय ने शेर सिंह का प्रमोशन कर दिया। जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो हड़कंप मच गया। अब शिक्षा निदेशालय इस मामले को रफा दफा करने में जुटा है।वहीं भाजपा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के कार्यालय ने दावा किया कि अनिल कुमार मीणा का राज्य सरकार की हाल ही में जारी पदोन्नति सूची में नाम है। भाजपा सांसद पेपर लीक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने अनिल कुमार मीणा के बारे में राज्य सरकार को अहम सुराग भी दिए थे।
शेरसिंह ने 1 करोड़ में पेपर खरीद कर आगे बेचा था
दिसंबर 2022 में वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षाएं हो रही थी। इस परीक्षा का पेपर शेर सिंह मीणा ने दो तीन महीने पहले ही खरीद लिया था। आरपीएससी सदस्य बाबुलाल कटारा से 60 लाख रुपए नकद देकर पेपर खरीदा था। बाद जयपुर के शास्त्री नगर स्थित एक टाइपिंग की दुकान से पेपर टाइप करवाया। फिर पेपर लीक माफिया सुरेश ढाका और भूपेन्द्र सारण को बेच दिया था। 24 दिसंबर को उदयपुर पुलिस ने पेपर लीक प्रकरण का खुलासा किया था।
इस मामले में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल मीणा, उनका भांजा विजय, ड्राइवर गोपाल सिंह और शेर सिंह मीणा सहित 60 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। कटारा, शेर सिंह सहित कई आरोपी फिलहाल जेल में है लेकिन जेल में रहते हुए भी बर्खास्त वाइस प्रिंसिपल शेर सिंह मीणा का प्रमोशन कर दिया गया। (रिपोर्ट रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
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