राजस्थान कांग्रेस कहां सब ठीक? अपने ही सरकार के मंत्री के बंगले के बाहर धरने पर बैठ गए विधायक अमीन कागजी, जानिए वजह


रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: कांग्रेस सब कंट्रोल में होने की बात करती है, लेकिन शनिवार 25 जून को राजस्थान कांग्रेस की आपसी कलह एक बार फिर उजागर हुई। धर्म विशेष के कई डॉक्टरों को एक साथ हटाने पर जयपुर के किशनपोल विधायक अमीन कागजी ने चिकित्सा मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कागजी ने अपने समर्थकों के साथ चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के सरकारी बंगले पर धरना दे दिया। परसादी लाल मीणा की मौजूदगी में कांग्रेस विधायक अमीन काजगी और दर्जनों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने परसादी लाल गीणा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही तबादलों में धांधली करने के आरोप लगाए। साथ ही समुदाय विशेष के डॉक्टरों को जानबूझकर टारगेट करते हुए उनका तबादला करके दूर फेंकने के आरोप लगाए गए।

चिकित्सा मंत्री और कांग्रेस विधायक में हुई तीखी नोकझोंक
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के सरकारी बंगले के बाहर मंत्री और कांग्रेसी विधायक अगीन काजगी के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विधायक अमीन कागजी ने कहा कि क्या उनके इलाके में जनता नहीं रहती। काजगी ने पूछा कि उनके इलाके में डॉक्टरों के ट्रांसफर करने से पहले उनसे राय नहीं ली गई। जानबूझकर समुदाय विशेष के डॉक्टरों को प्रताड़ित करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से हटाया जा रहा है। इलाके में रहने वाले मरीज परेशान है।

कागजी ने कहना है कि जनता की समस्याओं के बारे में अवगत कराने के बावजूद भी चिकित्सा मंत्री सुनवाई करने को तैयार नहीं है। हालांकि चिकित्सा मंत्री ने कहा कि उन्होंने कागजी के विधानसभा क्षेत्र में उनसे चर्चा करने के बाद ही कार्य करवाए हैं ,लेकिन कागजी ने इसे झूठ करार दिया। मंत्री से बहस करते हुए अमीन कागजी मंत्री के बंगले के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक ट्रांसफर किए गए समुदाय विशेष के डॉक्टरों का ट्रांसफर निरस्त नहीं किया जाएगा, तब तक वे धरने से नहीं उठेंगे।

मंत्री के कामकाज पर सत्ता पक्ष के कई विधायक लगा चुके आरोप
उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार में मंत्रियों के कामकाज पर सत्ता पक्ष के कई विधायक आरोप लगा चुके है कि मंत्री उनकी सुनवाई नहीं करते हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र में चेहते लोगों का ट्रांसफर कराने के लिए विधायक डिजायर लेकर मंत्रियों के चक्कर लगाते रहते हैं। इसके बावजूद भी सत्ता पक्ष के विधायकों की डिजायर पर ट्रांसफर नहीं होने के आरोप लगते रहे हैं। इस तरह की शिकायतें मुख्यमंत्री तक पहुंचती है। मुख्यमंत्री की दखल के बाद गुस्साए विधायकों को शांत किया जाता है। इस तरह के दर्जनों प्रकरण पिछले तीन साल में सबके सामने आ चुके हैं।

सदन में बोले चिकित्सा मंत्री, कहा – मंत्री रहूं या ना रहू, डेपुटेशन खत्म करके रहूंगा
बता दें कि डॉ. रघु शर्मा को चिकित्सा मंत्री से हटाए जाने के बाद परसादी लाल मीणा को चिकित्सा मंत्री बनाया गया। मार्च 2022 में राजस्थान विधानसभा में बोलते हुए परसादी लाल मीणा ने कहा था कि चिकित्सा विभाग में भारी अव्यवस्थाएं हैं। जहां जरूरत है, वहां डॉक्टर नहीं है और जहां जरूरत नहीं है वहां पर कई डॉक्टर फालतू बैठे हैं। मंत्री ने कहा था कि व्यवस्था सुधारने के लिए वे चिकित्सा विभाग में डेपुटेशन सिस्टम को खत्म करके रहेंगे। भले ही उनसे मंत्री पद छिन लिया जाए।

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