राइस मिलर्स ने बुलाई बैठक, एसो. अध्यक्ष ने रखी बात


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नई धान खरीद नीति में हरियाणा राइस मिलर्स की आपत्तियों पर राहत देने के लिए सरकार का आभार जताने और कैथल मंडी में चीका के मिलर्स की खरीद बंद करने के सवालों के बीच राइस मिलर्स ने कोयल काम्पलेक्स में बैठक बुलाई। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि नई धान खरीद नीति में 10 से 25 लाख तक बढ़ाई गई ड्यूटी को कम करके 10 लाख करने की मांग को मान लिया है। एसोसिएशन की मांग पर इस बार भी मिलिंग चार्जेज केंद्र के 10 रुपये के अलावा राज्य की ओर से 15 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिए जाने की बात भी मानी है।
चीका मिलर्स को कैथल मंडी में खरीद पर प्रतिबंध लगाने के विवाद पर प्रधान अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि कुछ लोगों ने अपने निजी स्वार्थ के कारण यह विवाद खड़ा किया है। एमएसपी से नीचे कोई खरीद नहीं बिक रही।
प्रश्र-आरोप है कि कैथल मिलर्स के दबाव में जिला प्रशासन ने चीका मिलर्स को प्रतिबंधित किया है, जिस कारण ये कीमतें गिरी हैं?
उत्तर-धान की कीमत कम ज्यादा होती रहती है। सरकारी खरीद शुरू होने के कारण एमएसपी पर ही खरीद होगी। कैथल मिलर्स का कोई प्रतिबंध नहीं है।
प्रश्र-यही सरकारी धान कैथल के अलावा दूसरी मंडियों में एमएसपी से अधिक कीमत पर बिक रही है, क्यों?
उत्तर-निजी तौर पर कैथल अनाज मंडी में भी 2190 रुपये बिकी है। यह प्राइवेट है, एमएसपी पर नहीं है। यदि एमएसपी पर है तो गलत है। यदि कहीं एमएसपी से अधिक बिक रही है तो यह बहकावे की बातें हैं।
प्रश्र-विधायक लीला राम का आरोप है कि कैथल के कुछ मिलर्स हर साल अधिकारियों के साथ मिलकर यह खेल खेलते हैं? किसानों के साथ यह लूट है।
उत्तर-विधायक को इस बारे में ज्ञान कम है। उन्हें किसी ने गुमराह किया है। नीति के अनुसार यदि धान नहीं बिक रहा तो विधायक मंडी में जाकर धान बिकवाएं। मंडी में धान नहीं बचा। नियमानुसार खरीद हो रही है।

नई धान खरीद नीति में हरियाणा राइस मिलर्स की आपत्तियों पर राहत देने के लिए सरकार का आभार जताने और कैथल मंडी में चीका के मिलर्स की खरीद बंद करने के सवालों के बीच राइस मिलर्स ने कोयल काम्पलेक्स में बैठक बुलाई। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि नई धान खरीद नीति में 10 से 25 लाख तक बढ़ाई गई ड्यूटी को कम करके 10 लाख करने की मांग को मान लिया है। एसोसिएशन की मांग पर इस बार भी मिलिंग चार्जेज केंद्र के 10 रुपये के अलावा राज्य की ओर से 15 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिए जाने की बात भी मानी है।

चीका मिलर्स को कैथल मंडी में खरीद पर प्रतिबंध लगाने के विवाद पर प्रधान अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि कुछ लोगों ने अपने निजी स्वार्थ के कारण यह विवाद खड़ा किया है। एमएसपी से नीचे कोई खरीद नहीं बिक रही।

प्रश्र-आरोप है कि कैथल मिलर्स के दबाव में जिला प्रशासन ने चीका मिलर्स को प्रतिबंधित किया है, जिस कारण ये कीमतें गिरी हैं?

उत्तर-धान की कीमत कम ज्यादा होती रहती है। सरकारी खरीद शुरू होने के कारण एमएसपी पर ही खरीद होगी। कैथल मिलर्स का कोई प्रतिबंध नहीं है।

प्रश्र-यही सरकारी धान कैथल के अलावा दूसरी मंडियों में एमएसपी से अधिक कीमत पर बिक रही है, क्यों?

उत्तर-निजी तौर पर कैथल अनाज मंडी में भी 2190 रुपये बिकी है। यह प्राइवेट है, एमएसपी पर नहीं है। यदि एमएसपी पर है तो गलत है। यदि कहीं एमएसपी से अधिक बिक रही है तो यह बहकावे की बातें हैं।

प्रश्र-विधायक लीला राम का आरोप है कि कैथल के कुछ मिलर्स हर साल अधिकारियों के साथ मिलकर यह खेल खेलते हैं? किसानों के साथ यह लूट है।

उत्तर-विधायक को इस बारे में ज्ञान कम है। उन्हें किसी ने गुमराह किया है। नीति के अनुसार यदि धान नहीं बिक रहा तो विधायक मंडी में जाकर धान बिकवाएं। मंडी में धान नहीं बचा। नियमानुसार खरीद हो रही है।

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