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Faridabad News: फरीदाबाद के कोट गांव की अरावली पहाड़ियों में त्रिशूल चिह्नों वाली शिलाएं मिली हैं, जो प्राचीन हिंदू मंदिरों से जुड़ी हो सकती हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है. …और पढ़ें
फरीदाबाद के कोट गांव में मिले प्राचीन त्रिशूल चिह्न.
हाइलाइट्स
- फरीदाबाद के कोट गांव में त्रिशूल चिह्न मिले.
- यह खोज प्राचीन मंदिर से संबंधित हो सकती है.
- स्थल का संरक्षण पर्यटन के लिए अहम हो सकता है.
फरीदाबाद. फरीदाबाद के कोट गांव की अरावली पहाड़ियों में ऐतिहासिक अवशेषों की खोज जारी है. हाल ही में यहां कुछ शिलाओं (पत्थरों) पर त्रिशूल जैसे निशान मिले हैं जो प्राचीन हिंदू मंदिरों से जुड़े हो सकते हैं. यह खोज क्षेत्र के इतिहास और पुरातात्विक महत्व को उजागर करती है. कोट गांव की अरावली की पहाड़ी पर आये दिन कुछ न कुछ निकलते ही रहते हैं.
पुरातत्व विभाग से जुड़े विशेषज्ञ तेजवीर मावी ने इस खोज पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये शिलाएं संभवत: एक पुराने किले के अंदर स्थित मंदिर से संबंधित हैं. उनका कहना है कि कोट गांव में मंदिर के कई अवशेष अब भी मौजूद हैं जबकि कई नष्ट हो चुके हैं. यदि इस स्थान का व्यवस्थित रूप से सर्वेक्षण किया जाए तो एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विरासत सामने आ सकती है.
त्रिशूल चिह्न का महत्व
त्रिशूल हिंदू धर्म में भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. ऐसे चिह्न प्राचीन मंदिरों, गुफाओं और पौराणिक स्थलों पर देखने को मिलते हैं. कोट गांव में मिले त्रिशूल के निशान यह संकेत देते हैं कि यहां कभी धार्मिक गतिविधियां होती थीं और यह स्थान संभवतः एक प्रमुख तीर्थस्थल रहा होगा.

इतिहास बचाने की जरूरत
तेजवीर मावी ने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने में सहयोग करें. उनका कहना है कि समय के साथ कई महत्वपूर्ण अवशेष नष्ट हो चुके हैं लेकिन यदि सरकार और स्थानीय समुदाय इस ओर ध्यान दें तो कोट गांव के इस ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित किया जा सकता है.
फरीदाबाद के कोट गांव में मिली यह ऐतिहासिक खोज अरावली की पहाड़ियों के गहरे इतिहास की झलक दिखाती है. यदि पुरातत्व विभाग इस स्थल का विस्तृत अध्ययन और खुदाई करे तो यह स्थान न केवल इतिहासकारों के लिए बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.
Faridabad,Haryana
March 08, 2025, 14:47 IST
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