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Modi Bhagat Ram Chandra: रामचंद्र स्वामी, 72 वर्षीय, ने 11 साल पहले नरेंद्र मोदी से मिलने की ठानी और स्वच्छता को जरिया बनाया. वे हरियाणा, गुजरात, राजस्थान में सफाई करते हैं. पीएम मोदी से मिलने की उम्मीद में जुट…और पढ़ें
पीएम मोदी से मिलने दो बार दिल्ली तक की पैदल यात्रा कर चुके हैं, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है.
हाइलाइट्स
- रामचंद्र स्वामी 11 साल से मोदी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं.
- स्वच्छता अभियान के जरिए रामचंद्र ने मोदी तक पहुंचने की ठानी.
- रामचंद्र ने कार पर ‘मोदी भक्त’ और ‘1972 का अनपढ़ ड्राइवर’ लिखवाया.
चरखी दादरी. हरियाणा के चरखी दादरी के गांव कारी मोद निवासी 72 वर्षीय रामचंद्र स्वामी ने 11 साल पहले नरेंद्र मोदी से मिलने की ठानी और उन तक पहुंचने के लिए स्वच्छता को जरिया बनाया है. इसके लिए उन्होंने पीएम के क्लीन इंडिया को आगे बढ़ाते हुए झाडू उठाई और निशुल्क सार्वजनिक स्थानों पर सफाई करते हैं. उन्होंने हरियाणा के अलावा गुजरात,राजस्थान में कई स्थानों पर लगातार स्वच्छता मुहिम चलाई है. वे पीएम से मिलने की तमन्ना लिए आज भी अपने कार्य में जुटे हुए है. ऐसे में आप कह सकते हैं रामचंद्र बिरला (अलग) बंदा है जो अपनी तमन्ना पूरी करने के इंतजार में घूम रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान कृष्ण स्वरूप मानने वाले रामचंद्र स्वयं को गरीब सुदामा बताते हैं और पीएम मोदी से मिलने दो बार दिल्ली तक की पैदल यात्रा कर चुके हैं, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है. अब हाले ही में हरियाणा दौरे के दौरान पीएम मोदी ने कैथल में 14 साल से नंगे पांव रहने वाले रामपाल से मुलाकात कर उन्हें जूते पहनाए तो रामचंद्र स्वामी को भी इससे हौसला मिला और उनमें मोदी से मिलने की नई उम्मीद जगी है.
दरअसल, दादरी जिले के गांव कारीमोद निवासी रामचंद्र स्वामी ट्रक ड्राइवरी का काम करते थे और अक्सर उनका गुजरात आना-जाना रहता था. वहां के स्वच्छता कार्यों से प्रभावित होकर उनके मन में नरेंद्र मोदी के प्रति आस्था जगी. वहीं जब 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया तो उन्होंने उनके प्रधानमंत्री बनने की कामना करते हुए तीन महीने नौ दिन का उपवास रखा. बाद में भिवानी-महेंद्रगढ़ सांसद ने उनका उपवास तुड़वाया था.
रामचंद्र ने भी ट्रक ड्राइवरी छोड़ झाडू उठाया

वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री ने पीएम बनने के बाद जब झाडू उठाकर स्वच्छता अभियान की शुरूआत की तो रामचंद्र ने भी ट्रक ड्राइवरी छोड़ झाडू उठा ली और स्चछता अभियान की शुरूआत की. रामचंद्र उसके बाद से एक कार रखते हैं और उसी में हमेशा झाडू साथ रखते और अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर मुख्य बाजारों, चौक-चौराहों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर सफाई में जुटे रहते हैं. उन्होंने कार पर भी मोदी भक्त लिखवा रखा है. इसके अलावा कार पर उन्होंने लिखवाया है कि 1972 का अनपढ़ ड्राइवर, मोदी से मिलने की तमन्ना.
केवल चाय पीने की आस रखते हैं
रामचंद्र बीते करीब 11 सालों से बिना किसी लोभ-लालच के सेवा भावना से अपने कार्य में जुटे हुए है. उन्होंने बताया कि उन्होंने लिखित शपथ पत्र दे रखा है कि यदि वे कहीं भी स्वच्छता कार्य करते समय किसी हादसे का शिकार हो जाए या उनकी मौत हो जाए तो उसका जिम्मेदार कोई नहीं होगा वे स्वयं जिम्मेवार होंगे और इसके बदले किसी प्रकार का अनुदान या कोई आर्थिक सहायता भी उनके परिजनों को ना दी जाए वे केवल और केवल सेवा भावना से कार्य करना चाहते हैं.उन्होंने कहां कि वे जहां भी जाते हैं वहां चाय पीने के अलावा कुछ भी नहीं लेते हैं.
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