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एशियन मार्केट्स में 10% तक की गिरावट के बाद अब यूरोपीय बाजारों में भी गिरावट है। शुरुआती कारोबार में जर्मनी का डैक्स इंडेक्स करीब 10% की गिरावट के साथ 18,489 के स्तर पर आ गया है। वहीं यूके के FTSE 100 इंडेक्स में 5% से ज्यादा की गिरावट है।
उधर, अमेरिकी बाजार का डाउ फ्यूचर्स 2.68% नीचे हैं। इससे आज एक बार फिर अमेरिकी बाजार के शाम को नीचे खुलने के संकेत मिल रहे हैं। एसएंडपी 500 फ्यूचर्स भी 3.30% गिरा है। टेक शेयरों के इंडेक्स नैस्डैक-100 फ्यूचर्स में 4.20% की गिरावट आई है।

बाजार में गिरावट की 3 वजह

- ट्रम्प का रेसिप्रोकल टैरिफ: अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। भारत के अलावा चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगेगा।
- चीन ने जवाबी 34% टैरिफ लगाया: चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर 34% जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। नया टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा। 3 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाया था। इसमें चीन पर 34% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया था। अब चीन ने उतना ही टैरिफ अमेरिका पर लगा दिया है।
- इकोनॉमिक स्लोडाउन की चिंता: टैरिफ से सामान महंगा होने पर लोग कम खरीदारी करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। साथ ही, मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमतें भी गिरी हैं। ये कमजोर इकोनॉमिक एक्टिविटी का संकेत है।
हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 10% टूटा, चीनी इंडेक्स भी 6.50% नीचे
- एशियाई बाजारों में जापान के निक्केई में 6%, कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 4.50%, चीन का शंघाई इंडेक्स 6.50% नीचे है। हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 10% नीचे हैं।
- भारतीय बाजार का इंडेक्स सेंसेक्स 4.20% गिरकर 72,150 के स्तर पर आ गया है। निफ्टी में 1000 अंक (4.50%) की गिरावट है। ये 22,000 से नीचे है।
- 3 अप्रैल को अमेरिका का डाउ जोन्स 3.98%) गिरकर 40,545 पर बंद हुआ। S&P 500 इंडेक्स में 4.84% की गिरावट रही। नैस्डेक कंपोजिट 5.97% गिरा।
- फाइनेंशियल कॉमेंटेटर जिम क्रैमर ने 1987 जैसे ‘ब्लैक मंडे’ आने की भविष्यवाणी की है। क्रैमर ने कहा- अमेरिकी बाजार आज 22% तक गिर सकता है।
9 अप्रैल से लागू होंगे रेसिप्रोकल टैरिफ
अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% बेसलाइन (न्यूनतम) टैरिफ लगेगा। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल को और रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू होंगे। बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है।

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यूरोपीय बाजारों में गिरावट, जर्मनी का डैक्स इंडेक्स 10% टूटा: यूके का FTSE 100 इंडेक्स 5% से ज्यादा नीचे, ट्रम्प के टैरिफ का असर