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मोहम्मद यूनुस, बांग्लादेश के कार्यवाहक।
ढाकाः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले का पाकिस्तान से बदला लेने के भारत के ऐलान के बाद बांग्लादेश की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। बांग्लादेश के पूर्व सैन्य अधिकारी और प्रमुख कार्यवाहक मोहम्मद यूनुस के करीबी सहयोगी ने ऐसी स्थिति में भारत के नॉर्थ-ईस्ट राज्यों पर हमला करके उसे कब्जे में लेने का हास्यास्पद बयान दिया है। बांग्लादेश के पूर्व मेजर जनरल ने अपने फेसबुक पोस्ट पर यह विवादित बयान दिया है।
मोहम्मद यूनुस के सहयोगी ने कहा है, ” अगर भारत पहलगाम का बदला लेने के लिए पाकिस्तान पर हमला करता है, तो ढाका को चीन के साथ मिलकर उसके पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्ज़ा करने के लिए हमला कर देना चाहिए।” ये वही बांग्लादेश है, जिसे भारत ने ही पैदा किया था। आज बांग्लादेश जो कुछ भी है, वह भारत के बलबूते पर है। भारत के रहमो-करम पर बांग्लादेश की नींव टिकी है। मगर आज वही बांग्लादेश भारत के राज्यों पर कब्जा करने का मुंगेरी लाल वाला सपना देखने लगा है।
बांग्लादेश के पूर्व मेजर जनरल ने दिया बयान
भारत के नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों पर कब्जा करने का यह विवादित बयान बांग्लादेश के पूर्व मेजर जनरल एएलएम फजलुर रहमान ने दिया है। जो मोहम्मद यूनुस के बेहद करीबी हैं। उनका यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब भारत पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदारों से अपना हिसाब चुकता करने की तैयारी में है। इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। पाकिस्तान से आतंकियों ने स्थानीय मददगारों के सहयोग से धर्म पूछकर हिंदुओं को गोली मार दी थी। अब बांग्लादेश के एक पूर्व सैन्य अधिकारी और मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के करीबी सहयोगी ने सेवानिवृत्त मेजर जनरल फजलुर रहमान सुझाव दिया है कि अगर पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत पाकिस्तान पर हमला करता है तो ढाका को चीन के साथ मिलकर उसके पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्जा करना चाहिए। हालांकि, यूनुस की अंतरिम सरकार ने फजलुर रहमान द्वारा की गई टिप्पणियों से खुद को दूर कर लिया है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने दी सफाई
अपने पूर्व सैन्य जनरल के विवादित बयान को लेकर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा, “टिप्पणियां बांग्लादेश सरकार की स्थिति या नीतियों को नहीं दर्शाती हैं और सरकार किसी भी रूप या तरीके से इस तरह की बयानबाजी का न तो समर्थन करती है और न ही उसके पक्ष में है।” ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश सरकार ने सभी संबंधित पक्षों से रहमान द्वारा व्यक्त किए गए व्यक्तिगत विचारों से राज्य को जोड़ने से बचने का आग्रह किया है। विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, आपसी सम्मान और सभी देशों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।
फजलुर रहमान ने फेसबुक पर किया था पोस्ट
फजलुर रहमान ने यह विवादित पोस्ट मंगलवार को फेसबुक पेज पर किया था। उन्होंने लिखा, “अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो बांग्लादेश को चीन के सहयोग से भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्जा कर लेना चाहिए।” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इस संबंध में एक संयुक्त सैन्य व्यवस्था पर चीन के साथ चर्चा शुरू करना आवश्यक है।” रहमान ने यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, क्योंकि उन्हें दिसंबर 2024 में राष्ट्रीय स्वतंत्र आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसे 2009 के बांग्लादेश राइफल्स विद्रोह में हत्याओं की जांच करने का काम सौंपा गया था।
यूनुस ने भी दिया था भारत विरोधी बयान
इसके अलावा बांग्लादेश के शीर्ष नेतृत्व ने भी हाल के दिनों में कई भारत विरोधी टिप्पणियां भी की हैं। मार्च में खुद यूनुस ने अपनी चीन यात्रा के दौरान कहा कि भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य बांग्लादेश के समुद्र से घिरे हुए हैं, जो ढाका के साथ लगभग 1,600 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं और उनके पास उनके देश के अलावा समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। यूनुस ने कहा था कि ढाका इस क्षेत्र में हिंद महासागर का “एकमात्र संरक्षक” है। उन्होंने बीजिंग को बांग्लादेश के माध्यम से दुनिया भर में माल भेजने के लिए आमंत्रित किया था। (इनपुट-पीटीआई)
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यूनुस का सहयोगी बना मुंगेरीलाल, कहा-“अगर भारत पाक पर हमला करे तो ढाका को नॉर्थ-ईस्ट राज्यों पर कब्जा करना चाहिए”

