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यूक्रेन का दावा- रूस ने चेर्नोबिल पर ड्रोन अटैक किया: राष्ट्रपति जेलेंस्की बोले- रेडिएशन रोकने के लिए बनाई गई कॉन्क्रीट शील्ड को नुकसान पहुंचा Today World News

यूक्रेन का दावा- रूस ने चेर्नोबिल पर ड्रोन अटैक किया:  राष्ट्रपति जेलेंस्की बोले- रेडिएशन रोकने के लिए बनाई गई कॉन्क्रीट शील्ड को नुकसान पहुंचा Today World News

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कीव9 मिनट पहले

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यूक्रेनी मीडिया ने चेर्नोबिल एटॉमिक प्लांट के पावर रिएक्टर नंबर- 4 पर ब्लास्ट का वीडियो शेयर किया। जेलेंस्की के आरोप को लेकर रूस ने अभी तक कोई रिएक्शन नहीं दिया है। 

यूक्रेन के चेर्नोबिल एटॉमिक प्लांट पर गुरुवार रात को ड्रोन हमला हुआ। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस अटैक का आरोप रूस पर लगाया है। ​​​​जेलेंस्की ने कहा कि गुरुवार देर रात विस्फोटकों से लैस एक रूसी ड्रोन ने चेर्नोबिल प्लांट के कॉन्क्रीट से बने सेफ्टी कवच पर हमला किया।

जेलेंस्की के मुताबिक, यह हमला तबाह हो चुके पावर रिएक्टर नंबर- 4 पर किया गया। हमले के चलते इमरात में आग लग गई थी, जिसे बुझा दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि 1986 में हुए ब्लास्ट के बाद रेडिएशन रोकने के कॉन्क्रीट की एक शील्ड बनाई गई थी। हमले से इसी शील्ड पर नुकसान पहुंचा है। अभी तक रेडिएशन का लेवल बढ़ने की कोई खबर नहीं है।

चेर्नोबिल के पावर रिएक्टर नंबर- 4 के ऊपर रेडिएशन को रोकने के लिए कॉन्क्रीट शील्ड बनाई गई थी। इस शील्ड को नुकसान पहुंचा है।

चेर्नोबिल के पावर रिएक्टर नंबर- 4 के ऊपर रेडिएशन को रोकने के लिए कॉन्क्रीट शील्ड बनाई गई थी। इस शील्ड को नुकसान पहुंचा है।

वोलोदिमीर जेलेंस्की ने VIDEO पोस्ट किया जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें चेर्नोबिल प्लांट की इमारत से तेज रोशनी निकलती दिख रही है। इसके बाद पूरा आसमान धुएं से भर जाता है। इंटरनेशल एटॉमिक एनर्जी ने बताया कि यूक्रेन में रात करीब 2 बजे यह हमला किया गया।

1986 में हुआ था चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में ब्लास्ट 26 अप्रैल 1986 में चेर्नोबिल के न्यूक्लियर पावर प्लांट में ब्लास्ट हुआ था। यहां काम कर रहे 32 कर्मचारियों की मौत हो गई थी। सैकड़ों कर्मचारी रेडिएशन की चपेट में आ गए थे। तब रूस नहीं सोवियत संघ होता था।

इस ब्लास्ट में मारे गए लोगों की सही संख्या आज नहीं नहीं पता चल सकी है। हालांकि, 50 लाख लोग प्लांट में हुए हादसे से निकले रेडिएशन का शिकार बने थे। इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की वजह से 4,000 से भी अधिक लोगों की मौत हुई।

सोवियत संघ ने हमले को छिपाने की कोशिश की थी, लेकिन स्वीडिश रिपोर्ट आने के बाद विस्फोट की बात मानी गई। सोवियत संघ के बंटवारे के बाद चेर्नोबिल यूक्रेन के हिस्से आ गया था।

चेर्नोबिल के न्यूक्लियर पावर प्लांट में हुआ धमाका इतना खतरनाक था कि 30 किलोमीटर के पूरे इलाके को खाली करवाना पड़ा।

चेर्नोबिल के न्यूक्लियर पावर प्लांट में हुआ धमाका इतना खतरनाक था कि 30 किलोमीटर के पूरे इलाके को खाली करवाना पड़ा।

एक जांच के दौरान हुआ था यह विस्फोट

  • 1986 में न्यूक्लियर पावर प्लांट में यह जांच की जा रही थी कि बिजली सप्लाई रुकने के बाद प्लांट के उपकरण काम करते हैं या नहीं।
  • एक्सपर्ट ने एक सिस्टम को बंद कर दिया था, इसके चलते रेडिएशन का लेवल बिगड़ गया था।
  • प्लांट में भयानक विस्फोट हो गया था, जिससे उसकी छत उड़ गई थी। इसके बाद रेडिएशन फैल गया था।

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