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युगांडा छोड़ने का आदेश, फिर पहुंचे अमेरिका, गुजरात से जुड़ी हैं काश पटेल की जड़ें – India TV Hindi Today World News

युगांडा छोड़ने का आदेश, फिर पहुंचे अमेरिका, गुजरात से जुड़ी हैं काश पटेल की जड़ें – India TV Hindi Today World News

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Image Source : AP
काश पटेल

भारतीय मूल के अमेरिकी काश पटेल को अमेरिकी सीनेट ने संघीय जांच ब्यूरो (FBI) का डायरेक्टर नियुक्त किया है। अमेरिका की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं। काश पटेल का परिवार आज से 70 से 80 साल पहले गुजरात छोड़कर युगांडा चला गया था। बाद में उनके परिवार को युगांडा भी छोड़ना पड़ा और पहले कनाडा फिर अमेरिका में जाकर बस गया।  न्यूयॉर्क में वर्ष 1980 में काश पटेल का जन्म हुआ। 

आनंद जिले के भद्रन गांव से जुड़ी हैं जड़ें

काश पटेल की जड़ें गुजरात के आनंद जिले के भद्रन गांव से जुड़ी हैं। उनका परिवार इसी गांव में रहता था। काश पटेल पाटीदार समुदाय से आते हैं। आज से करीब 70 से 80 साल पहले काश पटेल का परिवार गुजरात छोड़कर युगांडा चला गया था। पटेल के सभी करीबी परिवार के सदस्य विदेश में बस गए हैं। अफ्रीका जाने के बाद उन्होंने भद्रन में अपने पुश्तैनी घर बेच दिए थे।

आणंद स्थित समुदाय का एक संगठन छग पाटीदार मंडल अपने सदस्यों की वंशावली रखता है। संगठन के सचिव और आनंद जिला भाजपा के राजेश पटेल ने कहा, “वंशावली में काश पटेल के पिता प्रमोद पटेल और उनके भाइयों और दादा के नाम भी हैं।”  राजेश पटेल ने बताया कि हालांकि काश पटेल का नाम अभी वंशवृक्ष में नहीं जोड़ा गया है, लेकिन उनके परिवार की 18 पीढ़ियों की प्रविष्टि ‘वंशावली’ में है।

उन्होंने बताया, “हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, परिवार भद्रन गांव के मोती खड़की इलाके में रहता था और वे लगभग 70 से 80 साल पहले युगांडा चले गए थे।” राजेश पटेल ने बताया, “परिवार ने अपना पुश्तैनी घर और जमीन बेच दी है और उनके सभी रिश्तेदार विदेश में, खासकर अमेरिका में बस गए हैं। अब, जब काश पटेल का कोई पारिवारिक सदस्य भारत वापस आएगा तो हम उनकी अगली पीढ़ी के नाम, जिसमें उनका अपना नाम भी शामिल है, को ‘वंशावली’ में दर्ज करने की अनुमति मांगेंगे।” 

पाटीदार समुदाय से जुड़ा है काश पटेल का परिवार

उन्होंने कहा, “हम काश पटेल से नहीं मिले हैं, क्योंकि परिवार ने हाल के वर्षों में आनंद का दौरा नहीं किया है। लेकिन हमारे समुदाय के कई लोग उन्हें जानते हैं, क्योंकि पाटीदार समुदाय एक दूसरे से बहुत जुड़ा हुआ है।” राजेश पटेल ने कहा कि जहां तक ​​उन्हें पता है, 1970 में अफ्रीकी देश से निकाले जाने के बाद परिवार कुछ समय के लिए भारत लौटा था। उन्होंने कहा, “युगांडा से निकाले गए भारतीय कुछ समय के लिए भारत आए थे, क्योंकि उन्होंने ब्रिटेन, अमेरिका या कनाडा में शरण के लिए आवेदन किया था। काश पटेल का परिवार भी कुछ समय के लिए यहां आया था और फिर उनके आवेदन स्वीकार होने के बाद वे कनाडा चले गए।” राजेश पटेल ने कहा कि कनाडा से वे अमेरिका चले गए, जहां 1980 में काश पटेल का जन्म हुआ। 

दरअसल, युगांडा में प्रवास करने वाले भारतीयों को तानाशाह ईदी अमीन ने अफ्रीकी देश से निकाल दिया था, जिन्होंने 1971 में सैन्य तख्तापलट करके सत्ता हथिया ली थी। 1972 में उन्होंने भारतीय समुदाय को 90 दिनों में अपना देश छोड़ने का आदेश दिया था। न्यूयॉर्क के मूल निवासी, काश पटेल ने अपनी स्नातक की पढ़ाई रिचमंड विश्वविद्यालय में पूरी की और फिर न्यूयॉर्क लौटकर कानून की डिग्री हासिल की, साथ ही यूनाइटेड किंगडम में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन फैकल्टी ऑफ लॉज़ से अंतर्राष्ट्रीय कानून में प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया। (इनपुट-पीटीआई)

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