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कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनियों को राज्य में बाइक-टैक्सी सेवाएं बंद करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि ये कंपनियां 6 हफ्ते के भीतर अपनी सेवाएं बंद करें। कोर्ट ने कहा कि जब तक राज्य सरकार मोटर वाहन अधिनियम के तहत उचित दिशानिर्देश अधिसूचित नहीं करती, तब तक बाइक-टैक्सी नहीं चल सकती। न्यायमूर्ति बी एम श्याम प्रसाद की एकल पीठ ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि निर्धारित समय के भीतर बाइक-टैक्सी का परिचालन बंद कर दिया जाए।

कंपनियों ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
दरअसल, बाइक टैक्सी सर्विस देने वाली ओला, उबर और रैपिडो जैसी कंपनियों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इन कंपनियों ने कोर्ट से मांग की थी कि वह राज्य सरकार को बाइक-टैक्सी चलाने के लिए पॉलिसी तैयार करने का निर्देश दे। याचिकाओं में कंपनियों ने एग्रीगेटर लाइसेंस जारी करने और बाइक-टैक्सियों को ट्रांसपोर्ट सर्विस के रूप में रजिस्टर करने की मांग की थी। अब हाईकोर्ट ने बाइक-टैक्सी ऑपरेटर्स को 6 सप्ताह के अंदर परिचालन बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया। जस्टिस श्याम प्रसाद ने स्पष्ट किया कि कोर्ट राज्य सरकार को नियम बनाने का निर्देश नहीं दे सकता। न ही कोर्ट नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स को परिवहन वाहन के रूप में रजिस्ट्रेशन करने का आदेश दे सकता है।

2021 से चला आ रहा मामला
कर्नाटक सरकार ने 14 जुलाई 2021 में बाइक टैक्सी सर्विसेज पर बैन लगाने का आदेश जारी किया था। इसके खिलाफ टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर्स कंपनियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद कोर्ट ने इन प्लेटफॉर्म्स पर कार्रवाई करने से सरकार को अस्थाई रूप से रोका था। कोर्ट द्वारा दी गई यह राहत आज तक जारी है, जिससे रैपिडो बाइक टैक्सियों का परिचालन जारी रखे हुए है।
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यात्रीगण कृपया ध्यान दें! कर्नाटक में नहीं चलेगी Ola, Uber और Rapido की बाइक-टैक्सी – India TV Hindi