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यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के मामले में फंसी भारत की नर्स निमिषा प्रिया को माफ करने से मेहदी परिवार ने इनकार कर दिया है।
CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक मेहदी के भाई अब्दुल फतह महदी ने सोशल मीडिया पर साफ कहा कि वे अपने भाई की हत्या के मामले में कोई माफी या समझौता नहीं चाहते।
महदी ने कहा कि ‘न्याय की जीत होगी’ भले ही सजा में देरी हो, लेकिन ‘बदला लेकर रहेंगे’। महदी ने आगे कहा कि चाहे कोई भी कितना दबाव डाले या मिन्नतें करे, वे क्षमा नहीं करेंगे और बल्ड मनी (खून के बदले दी जाने वाली रकम) नहीं लेंगे। निमिषा को मौत की सजा 16 जुलाई को होनी थी, लेकिन इसे फिलहाल टाल दिया गया है।

ये तस्वीर निमिषा प्रिया और उनके पति टॉमी थॉमस की है।
BBC अरबी को दिए एक इंटरव्यू में भी मेहदी ने कहा कि वे शरीयत कानून के तहत ‘किसास’ यानी बदले की मांग करते हैं। निमिषा को मौत की सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने निमिषा के उस दावे को झूठा बताया जिसमें उसने कहा था कि तलाल मेहदी ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था और उसे प्रताड़ित किया गया था। उनके मुताबिक, ये सब बातें उसे निर्दोष दिखाने के लिए गढ़ी गई हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ हत्या ही नहीं, बल्कि सालों तक चले इस केस की लंबी कानूनी लड़ाई ने भी उनके परिवार को काफी नुकसान पहुंचाया है। इसलिए वे मुआवजे की कोई रकम नहीं लेना चाहते।
भारत और यमन के धर्मगुरुओं की बातचीत जारी
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कंथापुरम के ग्रैंड मुफ्ती एपी अबूबकर मुसलियार और यमन के चर्चित सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज इस मसले पर बातचीत कर रहे हैं। इसमें यमन के सुप्रीम कोर्ट के एक जज और मृतक के भाई भी शामिल हैं।
यमन के शेख हबीब को बातचीत के लिए मुफ्ती मुसलियार ने मनाया। ऐसा भी पहली बार हुआ है जब पीड़ित परिवार का कोई करीबी सदस्य बातचीत को तैयार हुआ है।
यह बातचीत शरिया कानून के तहत हो रही है, जो पीड़ित परिवार को दोषी को बिना किसी शर्त के या फिर ब्लड मनी के बदले में माफ करने का कानूनी अधिकार देता है।
कांथापुरम बोले- इंसानियत के नाते माफी की मांग की
मुफ्ती कांथापुरम ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा- इस्लाम में हत्या के बदले दीया (मुआवजा) देने का भी रिवाज है। मैंने उनसे दीया स्वीकार करने की अपील की क्योंकि यहां पार्टी इसके लिए तैयार है। इस बारे में बातचीत चल रही है।
कंथपुरम ने आगे कहा कि निमिषा की मौत की सजा कुछ दिनों के लिए टाल दी गई है। हमने इंसानियत के नाते उसकी माफी की मांग की है। अगर ऐसी मांग मान ली जाती है, तो भारत में मुसलमानों के लिए बहुत आसानी होगी। यहां मुसलमान और हिंदू सभी एक मंच पर रहते हैं।
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यमन में भारतीय नर्स को माफी नहीं: मृतक का भाई बोला- मुआवजा नहीं चाहिए, सजा में भले ही देरी हो, बदला लेकर रहेंगे

