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25 साल में आए 10 सबसे विनाशकारी भूकंपों में लगभग 6 लाख लोग मारे गए, हजारों लापता हुए और करोड़ों लोग बेघर हो गए।
म्यांमार में 28 मार्च को आए भूकंप में अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मौतों का आंकड़ा 10 हजार तक जाने की आशंका है। 7.7 तीव्रता का ये भूकंप बेहद भयावह था, लेकिन इसके बावजूद 21वीं सदी में दुनियाभर में आए टॉप-10 भूकंपों की लिस्ट में नहीं है।
21वीं सदी में आए 10 सबसे विनाशकारी भूकंपों में लगभग 6 लाख लोग मारे गए, हजारों लापता हुए और करोड़ों लोग बेघर हो गए। इन आपदाओं ने एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका के कई देशों में भारी तबाही मचाई, जिसमें लाखों घर, ऐतिहासिक इमारतें और बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया।
इनमें भारत में तीन बड़े भूकंप आए- 2001 गुजरात भूकंप, 2005 कश्मीर भूकंप और 2015 नेपाल भूकंप (जिसका प्रभाव भारत में भी पड़ा)। इन भूकंपों में लगभग 30,000 से अधिक मौतें हुईं और लाखों लोग प्रभावित हुए।
बीते 25 साल के 10 सबसे बड़े भूकंपों के बारे में पढ़िए…
2004 हिंद महासागर भूकंप और सुनामी
तीव्रता: 9.2-9.3
मौतें: 2.30 लाख
26 दिसंबर 2004 को, इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के पास 9.2-9.3 तीव्रता का भूकंप आया। यह 21वीं सदी का सबसे शक्तिशाली भूकंप था, जिसने विनाशकारी सुनामी उत्पन्न की। भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, मालदीव, सोमालिया सहित 14 देशों में 2,30,000 से अधिक लोग मारे गए।
सुनामी की लहरें 30 मीटर तक ऊंची थीं, जिससे तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही हुई। लाखों लोग बेघर हुए और व्यापक राहत कार्य चलाए गए। इस आपदा के बाद, हिंद महासागर में सुनामी चेतावनी प्रणाली स्थापित की गई ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से नुकसान कम किया जा सके।

2010 हैती भूकंप
तीव्रता: 7.0
मौतें: 1,60,000
12 जनवरी 2010 को हैती में 7.0 तीव्रता का भीषण भूकंप आया, जिसका केंद्र राजधानी पोर्ट-ओ-प्रिंस के पास था। इस आपदा में लगभग 2,00,000 से 3,00,000 लोग मारे गए और लाखों लोग बेघर हो गए। भूकंप के कारण सरकारी इमारतें, अस्पताल, स्कूल और बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया।
बचाव कार्यों में कई देशों ने सहायता भेजी, लेकिन कमजोर प्रशासन और संसाधनों की कमी के कारण राहत कार्य प्रभावित हुए। इस भूकंप ने हैती की अर्थव्यवस्था और समाज पर दीर्घकालिक प्रभाव डाला। पुनर्निर्माण प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

2008 सिचुआन चीन भूकंप
तीव्रता: 7.9
मौतें: 87,587
12 मई 2008 को चीन के सिचुआन प्रांत में 7.9 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे भारी तबाही हुई। इस आपदा में 87,000 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 3,75,000 लोग घायल हुए।
भूकंप का केंद्र वेंचुआन काउंटी में था, लेकिन झटके बीजिंग और शंघाई तक महसूस किए गए। हजारों स्कूल, अस्पताल और इमारतें ध्वस्त हो गईं, जिससे लाखों लोग बेघर हो गए।
चीन सरकार ने बड़े पैमाने पर राहत और पुनर्निर्माण अभियान चलाया, जिसमें 4.8 लाख करोड़ युआन (लगभग 146 बिलियन डॉलर) खर्च किए गए। यह भूकंप चीन की सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक था।

2005 कश्मीर भूकंप
तीव्रता: 7.6
मौतें: 87,351
8 अक्टूबर 2005 को 7.6 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और भारत के जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में आया। इसका केंद्र पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद के पास था। इस आपदा में 80,000 से अधिक लोग मारे गए, 1,00,000 से अधिक घायल हुए और करीब 40 लाख लोग बेघर हो गए।
पाकिस्तान, भारत और अफगानिस्तान में हजारों इमारतें, स्कूल और अस्पताल नष्ट हो गए। खराब मौसम और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों के कारण राहत कार्यों में मुश्किलें आईं। कई देशों और संगठनों ने सहायता भेजी। यह दक्षिण एशिया के सबसे घातक भूकंपों में से एक था, जिससे क्षेत्र में भारी तबाही हुई।

2023 तुर्की-सीरिया भूकंप
तीव्रता: 7.8
मौतें: 62,013
6 फरवरी 2023 को तुर्की और सीरिया में 7.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया। इसका केंद्र तुर्की के गाजियांटेप प्रांत में था। कुछ घंटों बाद 7.5 तीव्रता का एक और झटका महसूस हुआ। इस आपदा में 59,000 से अधिक लोग मारे गए, हजारों घायल हुए और लाखों लोग बेघर हो गए। तुर्की और सीरिया में हजारों इमारतें ध्वस्त हो गईं।
यह 21वीं सदी के सबसे घातक भूकंपों में से एक था। दुनिया भर से राहत टीमें भेजी गईं, लेकिन सीरिया में युद्ध के कारण बचाव कार्य मुश्किल हुआ। यह तुर्की के इतिहास का सबसे भयानक भूकंप माना जाता है।

2003 बाम, ईरान
तीव्रता: 6.6
मौतें: 34,000
26 दिसंबर 2003 को ईरान के बाम शहर में 6.6 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया। इस भूकंप में 26,000 से अधिक लोग मारे गए, 30,000 से ज्यादा घायल हुए और लगभग 75% इमारतें ध्वस्त हो गईं। ऐतिहासिक अर्ग-ए-बाम किला, जो दुनिया की सबसे बड़ी मिट्टी की संरचना थी, भी बुरी तरह नष्ट हो गया। बचाव कार्य कठिन था क्योंकि बुनियादी ढांचा तबाह हो चुका था। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने राहत और पुनर्निर्माण में मदद की।

2001 गुजरात, भारत
तीव्रता: 7.7
मौतें: 20,085
26 जनवरी 2001 को गुजरात, भारत में 7.7 तीव्रता का भीषण भूकंप आया। इसका केंद्र कच्छ जिले के भुज के पास था। इस आपदा में 20,000 से अधिक लोग मारे गए, 1,67,000 से ज्यादा घायल हुए और लगभग 4 लाख मकान नष्ट हो गए। भुज, अहमदाबाद, गांधीनगर और अन्य शहरों में भारी तबाही हुई। सड़कें, बिजली और संचार प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हुईं।

2011 तोहोकू, जापान भूकंप और सुनामी
तीव्रता: 9.0-9.1
मौतें: 19,759
11 मार्च 2011 को जापान के तोहोकू क्षेत्र में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया। यह जापान के इतिहास का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। भूकंप के बाद 40 मीटर ऊंची सुनामी लहरें उठीं, जिसने तटीय शहरों को तबाह कर दिया। इस आपदा में लगभग 20,000 लोग मारे गए और लाखों लोग बेघर हो गए। फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में रेडिएशन रिसाव हुआ, जिससे गंभीर पर्यावरणीय संकट पैदा हुआ।

2015 नेपाल भूकंप
तीव्रता: 7.8
मौतें: 8,964
25 अप्रैल 2015 को नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र गोरखा जिले में था। इस आपदा में 8,800 से अधिक लोग मारे गए, 22,000 से ज्यादा घायल हुए और लाखों लोग बेघर हो गए। काठमांडू, भक्तपुर और ललितपुर में ऐतिहासिक धरोहरें नष्ट हो गईं, जिसमें धरहरा टावर और कई प्राचीन मंदिर शामिल थे। भूकंप के बाद कई शक्तिशाली झटके आए, जिससे और अधिक नुकसान हुआ। भारत, चीन और अन्य देशों ने राहत एवं बचाव कार्य में मदद की।

2006 योग्याकार्ता, इंडोनेशिया भूकंप
तीव्रता: 6.4
मौतें: 5,782
27 मई 2006 को इंडोनेशिया के योग्याकार्ता में 6.3 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया। इसका केंद्र जावा द्वीप पर था। इस भूकंप में 5,700 से अधिक लोग मारे गए, 38,000 से ज्यादा घायल हुए और लगभग 6 लाख लोग बेघर हो गए। हजारों घर, स्कूल, अस्पताल और ऐतिहासिक स्थल नष्ट हो गए।
भूकंप के कारण मेरापी ज्वालामुखी के सक्रिय होने की आशंका भी बढ़ गई थी। यह इंडोनेशिया के सबसे घातक भूकंपों में से एक था, जिसने योग्याकार्ता और आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई।

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म्यामांर भूकंप भयावह, फिर भी 10 बड़े भूकंप में नहीं: 2004 की सुनामी में 2.30 लाख मौतें; 2005 में कश्मीर में 87 हजार की जान गई