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भारतीय क्रिकेट टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी-2025 का खिताब जीत लिया, लेकिन मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी अभी तक इसी बात पर अटके हुए हैं कि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने मैच के दौरान रोजा नहीं रखा।
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ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने 5 दिन में दूसरी बार क्रिकेटर शमी को नसीहत दी। बरेली में कहा- शमी को शरियत के उसूलों पर हर हाल में अमल करना होगा और खुदा व रसूल से डरें। क्योंकि, कयामत के दिन उन्हें हिसाब देना होगा।
वहीं, पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज और पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने शमी का समर्थन किया है। इंजमाम ने कहा- खेलते हुए रोजा रखना बहुत मुश्किल काम है। किसी को खुश करने के लिए ना रोजा रखा जाता और ना ही छोड़ा जाता है।
अब विस्तार से पढ़िए…
शमी शरियत का मजाक न बनाएं: मौलाना शहाबुद्दीन
बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा- शमी को धार्मिक जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए।
मौलाना शहाबुद्दीन ने टीम इंडिया की जीत पर मुबारकबाद दी। कहा- मुझे खुशी हुई कि टीम इंडिया ने कामयाबी हासिल की। मैं टीम इंडिया के कप्तान, तमाम खिलाड़ी और मोहम्मद शमी को कामयाबी पर दिल की गहराइयों के साथ बधाई देता हूं। इंडिया ने भारत का झंडा पूरी दुनिया में बुलंद कर दिया।
मुबारकबाद देने के बाद मौलाना ने कहा- जो रोजे कजा हो गए हैं, नहीं रख सके, वो रोजे रमजान शरीफ के बाद रख लें। वो जब अपने घर वापस आएं तो अपने परिवार के लोगों को समझाएं कि शरियत का मजाक न बनाएं। शमी को शरियत के उसूलों पर हर हाल में अमल करना होगा और खुदा व रसूल से डरें। क्योंकि, कयामत के दिन उन्हें हिसाब देना होगा।

मैच के दौरान मोहम्मद शमी ने एनर्जी ड्रिंक पी थी, जिस पर विवाद शुरू हुआ।
6 मार्च को भी मौलाना ने शमी को दी थी नसीहत
शमी शरीयत के नियमों का पालन करें शहाबुद्दीन रजवी ने कहा था-

शरीयत के नियमों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है। इस्लाम में रोजा रखना फर्ज है। अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर रोजा नहीं रखता, तो वह इस्लामिक कानून के अनुसार गुनहगार माना जाता है। क्रिकेट खेलना बुरा नहीं है, लेकिन धार्मिक जिम्मेदारियों को भी निभाना चाहिए। मैं हिदायत देता हूं कि शमी शरीयत के नियमों का पालन करें और अपने धर्म के प्रति जिम्मेदार बनें।
पाकिस्तान क्रिकेटर बोले- हमारी टीम खाने-पीने स्क्रीन के पीछे चली जाती थी
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज इंजमाम उल हक ने कहा- खेलते वक्त रोजा छोड़ना कोई वैसी बात नहीं है। मुझे लगता है कि ज्यादा दिक्कत इस बात से हुई कि उसने सार्वजनिक रूप से पानी पी लिया। खेलने के साथ रोजा रख पाना मुश्किल है। हम लोगों का भी अपना अनुभव है। रोजे के दौरान मैच होता था, तो पाकिस्तान टीम वाटर ब्रेक के लिए स्क्रीन के पीछे चली जाती थी।
किसी को खुश करने के लिए ना रोजा रखा जाता और ना ही छोड़ा जाता है। तेज गेंदबाज को सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में स्पोर्ट्समैन होने के नाते कह रहा हूं कि खेल के दौरान रोजा रखना मुश्किल होता है। मेरा यही मानना है कि सबके सामने खाना-पीना ना करें। अगर शमी स्क्रीन के पीछे पानी पीते तो कोई दिक्कत नहीं होती।

शमी के भाई मुमताज ने बचाव में दिया बयान इसी बीच शमी के चचेरे भाई मुमताज ने उनके बचाव में बयान दिया है। उन्होंने कहा, शमी देश के लिए खेल रहे हैं। लोगों ने उनपर रोजा न रखने का आरोप लगाकर शर्मनाक हरकत की है।
विराट ने शमी की मां के छुए पैर मोहम्मद शमी अमरोहा के रहने वाले हैं। रविवार रात दुबई में जब चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला जा रहा था, तब शमी की मां भी थीं। खिताब जीतने के बाद शमी अपनी मां को भी ग्राउंड में ले आए।
शमी ने अपनी मां को विराट कोहली से मिलवाया। शमी की मां को देखते ही विराट उनसे मिलने आए। कोहली ने फौरन उनके पैर छुए। मोहम्मद शमी की मां ने कोहली के सिर पर हाथ रखा और आशीर्वाद भी दिया। इसके बाद विराट कोहली ने मोहम्मद शमी की मां के साथ फोटो भी क्लिक करवाया।

विराट कोहली ने शमी की मां के पैर छुए।

विराट ने शमी की मां के साथ फोटो खिंचाया।
शमी के गांव में जश्न टीम इंडिया ने 12 साल बाद 9 मार्च को चैंपियंस ट्रॉफी जीत ली। पूरे देश में लोगों ने जश्न मनाया। शमी के गांव अमरोहा में भी लोगों ने तिरंगा लहराया। भारत माता की जय के नारे लगाए।

14 महीने बाद क्रिकेट में वापसी की शमी 2023 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल के बाद चोटिल हो गए थे। उन्हें एड़ी की सर्जरी करानी पड़ी थी। फिर उन्हें वापसी के लिए 14 महीने का इंतजार करना पड़ा था।

34 साल के शमी के क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने 107 वनडे मैचों में 205 विकेट और 64 टेस्ट मैचों में 229 विकेट लिए हैं। वहीं, शमी ने T-20 के 25 मैचों में 27 विकेट लिए हैं। IPL के 110 मैचों में उन्होंने 127 विकेट लिए हैं।

पढ़िए शहाबुद्दीन रजवी के विवादित बयान शहाबुद्दीन रजवी को मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी के नाम से जाना जाता है। वह भारतीय इस्लामी विद्वान, लेखक और सोशल वर्कर हैं। वे ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष और इस्लामिक रिसर्च सेंटर के संस्थापक भी हैं।
रजवी ने अंग्रेजी, उर्दू और हिंदी में इस्लामी इतिहास और धर्मशास्त्र पर किताबें लिखी हैं। उनकी प्रमुख किताबों के नाम- तारीख जमात रजा-ए-मुस्तफा और मुफ्ती-ए-आजम हिंद के खलीफा है।

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मौलाना बोले- मोहम्मद शमी खुदा से डरें, रोजा रखें: कयामत के दिन हिसाब देना होगा; पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज ने भारतीय गेंदबाज का सपोर्ट किया – Bareilly News