in

मॉरीशस ने PM मोदी को धन्यवाद दिया: ब्रिटेन ने 50 साल बाद लौटाया चागोस द्वीप, भारत ने समझौते में मदद की थी Today World News

मॉरीशस ने PM मोदी को धन्यवाद दिया:  ब्रिटेन ने 50 साल बाद लौटाया चागोस द्वीप, भारत ने समझौते में मदद की थी Today World News

[ad_1]

2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनॉथ 2022 में भारत दौरे पर आए थे। तस्वीर उसी समय की है।

ब्रिटेन से चागोस द्वीप हासिल करने के बाद मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनॉथ ने भारत सरकार और PM मोदी का धन्यवाद दिया है। उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि सभी साथी देशों ने उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई में उनका साथ दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चागोस द्वीप को लेकर ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच लगभग 50 सालों से विवाद चल रहा था। भारत दोनों के बीच लंबे समय से इस समझौते की कोशिश कर रहा था। समझौते के बाद भारत ने दोनों पक्षों का स्वागत किया है।

ब्रिटेन और मॉरीशस ने 60 द्वीपों से मिलकर बने चागोस द्वीप समूह को लेकर गुरुवार को एक समझौता किया। इसके मुताबिक ‘चागोस द्वीप’ मॉरीशस को दिया जाएगा।

चागोस द्वीप पर डिएगो गार्सिया आइलैंड भी है। यहां पर अमेरिका और ब्रिटेन ने ज्वाइंट मिलिट्री बेस बना रखा है। समझौते के मुताबिक 99 साल तक के लिए अमेरिका-ब्रिटेन का बेस यहां पर बना रहेगा।

आजादी के बाद भी मॉरीशस को नहीं मिला चागोस ​​​​​​​1968 में मॉरीशस को ब्रिटेन से आजादी मिल गई थी। लेकिन, ब्रिटेन ने चागोस द्वीप पर अपना दावा नहीं छोड़ा था। मॉरीशस का दावा था कि ये द्वीप उसका है। साल 2017 में संयुक्त राष्ट्र में चागोस द्वीप को लेकर वोटिंग हुई।

भारत समेत 94 देशों ने मॉरीशस के पक्ष में और 15 देशों ने ब्रिटेन के पक्ष में वोट किया था। 2019 में इंटरनेशनल कोर्ट ने भी द्वीप को मॉरीशस का हिस्सा बताया था।

ब्रिटेन ने अमेरिका को डिएगो गार्सिया लीज पर दिया, बना मिलिट्री बेस मॉरीशस की आजादी से पहले ही 1966 में अमेरिका ने ब्रिटेन को 50 साल की लीज पर डिएगो गार्सिया द्वीप दे दिया था। साल 2016 में इस लीज को 20 साल के लिए और बढ़ा दिया गया था।

डिएगो गार्सिया में अमेरिका ने वायु और नौसेना का बेस बना रखा है। इसके लिए अमेरिका ने यहां बसे हजारों लोगों को बेदखल कर ब्रिटेन और मॉरीशस भेज दिया था।

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में लिज ट्रस सरकार ने मॉरीशस के बीच बातचीत शुरू हुई की थी। हालांकि तब कंजरवेटिव पार्टी के ही पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन ने इस पहल का विरोध किया था। जॉनसन का कहना था कि इस द्वीप को उन्हें सौंप देने के बाद चीन यहां अड्डा बना सकता है।

डिएगो गार्सिया को लेकर ब्रिटेन और अमेरिका में हुआ था विवाद अक्टूबर 2021 में करीब 100 लोग श्रीलंका से भागकर कनाडा जा रहे थे। लेकिन डिएगो गार्सिया के पास उनकी नाव खराब मौसम में फंस गई। इसके बाद नाव के लोगों ने डिएगो गार्सिया द्वीप पर उतरने का फैसला किया। लेकिन यहां पहुंचने के बाद उन्हें अमेरिकी सैनिकों ने पकड़कर गिरफ्तार कर लिया।

श्रीलंका से भागकर डिएगो गार्सिया द्वीप पर पहुंचे लोगों को अमेरिकी सेना ने पकड़ लिया था।

श्रीलंका से भागकर डिएगो गार्सिया द्वीप पर पहुंचे लोगों को अमेरिकी सेना ने पकड़ लिया था।

इसके बाद BBC ने डिएगो गार्सिया पहुंचकर इससे जुड़ी रिपोर्टिंग की अनुमति मांगी लेकिन अमेरिका ने इससे इनकार कर दिया था। इसे लेकर ब्रिटिश कोर्ट में सुनवाई चल रही थी लेकिन अमेरिका ने सुरक्षा का हवाला देकर इसे रोकने को कहा था।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]
मॉरीशस ने PM मोदी को धन्यवाद दिया: ब्रिटेन ने 50 साल बाद लौटाया चागोस द्वीप, भारत ने समझौते में मदद की थी

Jind News: चुनाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने भी तैयार  haryanacircle.com

Jind News: चुनाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने भी तैयार haryanacircle.com

Sri Lanka reaches debt-restructuring agreement Today World News

Sri Lanka reaches debt-restructuring agreement Today World News