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Agency:News18 Haryana
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Faridabad News: फरीदाबाद के किसान धनपाल पालक की खेती करते हैं, वे 5 बीघा जमीन पर खेती करते हैं, लेकिन क्या उन्हें इससे मुनाफा मिल रहा है, चलिए जानते हैं.
किसान धनपाल की मेहनत भरी खेती की कहानी.
हाइलाइट्स
- किसान धनपाल 5 बीघा जमीन पर पालक और सरसों उगाते हैं।
- पालक की खेती से ज्यादा मुनाफा नहीं होता, बस मजदूरी भर निकलती है।
- खेती की लागत 6 रुपये प्रति किलो है, पट्टे पर जमीन ली है।
फरीदाबाद. फरीदाबाद के मेहनती किसान धनपाल 5 बीघा जमीन पर खेती कर अपने परिवार का खर्च चलाते हैं. उन्होंने अपनी जमीन में ढाई बीघा में पालक और ढाई बीघा में सरसों की फसल उगाई है. यह फसल लगभग 2 महीने में तैयार हो जाती है. हालांकि, पालक की खेती से ज्यादा मुनाफा नहीं होता, बस मजदूरी भर निकल पाती है. मंडी में पालक की कीमत 40 से 50 रुपये प्रति धड़ी (5 किलो) मिलती है, लेकिन सही फायदा तभी होता है, जब दाम 100 रुपये प्रति धड़ी तक पहुंचे.
फसल उगाने की प्रक्रिया भी काफी मेहनत भरी है. सबसे पहले खेत की तीन से चार बार जुताई की जाती है, ताकि मिट्टी अच्छी तरह तैयार हो जाए. इसके बाद क्यारियाँ बनाई जाती हैं. पालक की बुवाई के लिए एक बीघे में 8 से 9 किलो बीज की जरूरत होती है. सर्दियों के मौसम में यह फसल बेहतर होती है, जिसमें सिंचाई 8 से 10 दिन के अंतराल पर करनी पड़ती है.
फसल की देखभाल में भी काफी ध्यान देना होता है. कई बार पालक खराब होने लगता है, ऐसे में अमोनिया दवाई का इस्तेमाल करना पड़ता है, ताकि फसल को बचाया जा सके. इन सब मेहनतों के बावजूद मुनाफा बहुत कम होता है.
धनपाल ने बताया कि उनकी खेती की जमीन पट्टे पर ली गई है, जिसके लिए सालाना 50,000 रुपये पट्टे वाले को देने पड़ते हैं. खेती की लागत लगभग 6 रुपये प्रति किलो तक बैठती है. वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के रहने वाले हैं, लेकिन परिवार के भरण-पोषण के लिए फरीदाबाद में खेती कर रहे हैं.
धनपाल की कहानी उन तमाम किसानों की हकीकत बयां करती है, जो दिन-रात मेहनत कर हमें ताजा सब्जियां और अनाज मुहैया कराते हैं, पर फिर भी उनकी मेहनत का उचित मोल नहीं मिल पाता. उचित दाम न मिलने से किसान के अंदर थोड़ी नाराजगी है.
Faridabad,Haryana
February 01, 2025, 12:32 IST
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