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संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Mon, 21 Apr 2025 12:38 AM IST
ब्राह्राण भवन में कथा समापन पर हवन करते हुए भक्त।
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चरखी दादरी। ब्राह्मण भवन में आयोजित की जा रही साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा का समापन हवन व प्रसाद वितरण के साथ हुआ।
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कथा वाचक करिश्मा भट्ट ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का उद्देश्य मानव जाति को ऐसे मार्ग पर ले जाना है जहां वे आपसी द्वेष को भुला कर सत्य की राह पर चलने के लिए प्रेरित हों। इसका प्रत्येक प्रसंग हमें सिखाता है कि केवल धर्म व सत्य का मार्ग ही समस्त दुखों से छुटकारा दिला सकता है। भौतिक साधनों को सभी ने इस धरा पर ही आखिर में छोड़ कर चले जाना है। मृत्यु जीवन का अंतिम सत्य है। इससे कोई भी नहीं बच पाया चाहे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हो या भगवान कृष्ण।
उन्होंने कहा कि हवन की परंपरा सदियों से चली आ रही है. जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत में भी किया गया है। अग्नि के जरिए ईश्वर की उपासना करने की विधि हवन कहलाती है। समापन के दौरान बतौर मुख्य यज्ञमान कृष्ण भारद्वाज ने सपरिवार शिरकत की। धर्म प्रचार प्रसार प्रमुख आनंद शास्त्री ने बताया कि यज्ञ देवताओं का मुख है। इसके जरिए पूजा के भोग को पितरों व देवताओं तक पहुंचाया जाता है।
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मृत्यु जीवन का अंतिम सत्य, इससे कोई भी नहीं बच पाया : करिश्मा