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दरअसल, मंगलवार को गुरुग्राम नगर निगम मानेसर में हुए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के चुनाव में राव नरबीर सिंह समर्थक गुट ने बड़ी जीत दर्ज की है. वार्ड-12 से निर्दलीय पार्षद चुने गए और बाद में भाजपा में शामिल हुए प्रवीण यादव को सीनियर डिप्टी मेयर और वार्ड-2 की पार्षद रीमा दीपक चौहान को डिप्टी मेयर चुन लिया गया.
पार्षदों की सूची– गुट साफ
वहीं, राव इंद्रजीत सिंह समर्थक 8 पार्षद चुनाव से दूर रहे. इनमें प्रताप (वार्ड-15), जोगिंदर यादव (वार्ड-1), रविंद्र (वार्ड-13), भूपेंद्र उर्फ बंटी, पिंकी देवी, प्रवेश यादव, राजदान और रवि यादव चुनाव में शामिल नहीं हुए. अहम बात है कि सांसद का भी वोट होता है और राव इंद्रजीत दिल्ली में एक मीटिंग में चले गए और चुनाव में नहीं आए.
प्रवीण यादव को भाजपा ने वार्ड-12 से टिकट नहीं दिया था, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. चुनाव के बाद उन्होंने फिर से भाजपा ज्वाइन कर ली थी. शुरुआत में वे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खेमे में माने जाते थे, लेकिन समय के साथ उनका झुकाव कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की ओर हुआ और अब वह डिप्टी मेयर बन गए हैं. इसी तरह रीमा चौहान सीनियर डिप्टी मेयर चुनी गई हैं.
मोदी सरकार में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा सरकार में मंत्री नरबीर सिंंह.
इस परिणाम को राव नरबीर सिंह के गुट की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है. वहीं राव इंद्रजीत सिंह समर्थक गुट की अनुपस्थिति ने साफ कर दिया कि गुटबाजी नगर निगम की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभा रही है. कुल 20 वार्डों में से बहुमत साबित करने के लिए 12 वोट जरूरी थे, जो राव नरबीर गुट ने आसानी से हासिल कर लिए. प्रशासनिक तैयारियों के बावजूद विरोधी गुट की गैरहाज़िरी ने इस चुनाव को एकतरफा बना दिया. उधर, नगर निगम मानेसर की इस राजनीतिक उठापटक पर अब आगे के घटनाक्रमों पर सभी की निगाहें टिकी हैं. हालांकि, भाजपा के लिए यह ना जीत ना ही हार वाली परिस्थिति रही है.
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