[ad_1]
Last Updated:
Same Tune in Two Films : बॉलीवुड में ऐसा बहुत बार हुआ है जब किसी फिल्म के पॉप्युलर गाने की ट्यून में थोड़ा बहुत चेंज करके कोई नया सॉन्ग बना लिया गया हो. 1993 में आई एक ब्लॉकबस्टर फिल्म के सबसे विवादित और आइकॉनिक सॉन्ग की ट्यून से मिलती-जुलती धुन पर दूसरे संगीतकार ने ऐसा गाना बनाया कि पूरी दुनिया झूम उठी. फिल्म को 8 ऑस्कर अवॉर्ड भी मिले. सबसे ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि दोनों गाने सुरों की मल्लिका अल्का याज्ञनिक ने गाए हैं. ये फिल्म और सुरीली धुन कौन सी थी, आइये जानते हैं…..
बॉलीवुड के कुछ गानों की धुन मिलती-जुलती लगती है. 16 साल के अंतराल में बॉलीवुड में दो ऐसी फिल्में आईं जिनका एक गाना बहुत हद तक एक जैसा था. दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बहुत सफल रहीं. एक फिल्म जहां ब्लॉकबस्टर निकली, वहीं दूसरी फिल्म ने इतिहास रच दिया. 8 ऑस्कर अवॉर्ड जीते. दोनों फिल्में के म्यूजिक डायरेक्टर अलग-अलग थे लेकिन प्लेबैक सिंगर एक ही थी. ये फिल्में थीं : खलनायक और स्ल्मडॉग मिलेनियर की.

6 अगस्त 1993 में रिलीज हुई खलनायक फिल्म का एक गाना ‘चोली के पीछे क्या है’ बेहद पॉप्युलर हुआ था. इस गाने को अल्का याज्ञनिक और इला अरुण ने आवाज दी थी. 2009 में रिलीज हुई ‘स्ल्मडॉग मिलेनियर’ फिल्म में इसी गाने से मिलता-जुलता ‘रिंग-रिंग रिंगा..रिंग-रिंग-रिंगा-रिंग-रिंग-रिंगा-रिंगा-रिंग.’ इस गाने को भी इला अरुण और अल्का याज्ञनिक ने गाया था. संगीतकार एआर रहमान ने इसे तैयार किया था. ‘चोली के पीछे क्या है’ सॉन्ग की धुन लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने तैयार की थी. गीत आनंद बख्शी ने लिखा था. यह गाना आनंद बक्शी ने फोन पर खलनायक फिल्म के डायरेक्टर-प्रोड्यूसर सुभाष घई को लिखवाया था. गाने के बोल सुनते ही घई के हाथ से पेन छूट गया था. यह बात उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताई थी.

अल्का याज्ञनिक ने अपने एक इंटरव्यू में खुद इसकी पुष्टि की थी. अल्का ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘स्लमडॉग मिलेनियर का सॉन्ग ‘रिंग-रिंग रिंगा…खलनायक फिल्म के चोली की पीछे की लाइन पर बनाया गया है. ‘चोली के पीछे क्या है’ सॉन्ग को ही थोड़ा घुमा-फिराकर एआर रहमान ने म्यूजिक बनाया. एआर रहमान रिकॉर्डिंग के समय स्टूडियो पर मौजूद नहीं थे. उन्होंने स्काइप पर बातचीत की. उन्होंने कहा था कि आपने चोली के पीछे गाया है, यह सॉन्ग उसी तरह का है. बस थोड़ा सा वर्जन अलग है. मैं हंस रही थी कि ये गाना कैसा है? बोल अजीब से थे. मुझे जरा भी अहसास नहीं था कि यह इतना बड़ा हिट सॉन्ग बन जाएगा.’

स्लमडॉग मिलेनियर 2009 में आई एक रोमांटिक क्राइम ड्रामा फिल्म थी. फिल्म में देव पटेल, फ्रेडा पिंटो, मधुर मित्तल, अनिल कपूर, इरफान खान, सौरभ शुक्ला, अयूष महेश खांडेकर, रुबीना अली और महेश मांजरेकर नजर आए थे. फिल्म को डैनी बॉयल ने डायरेक्ट किया था. प्रोड्यूसर क्रिश्चियन कोलसन थे. म्यूजिक एआर रहमान ने दिया था. फिल्म को भारत में 23 जनवरी 2009 में रिलीज किया गया था. वैसे फिल्म को पहले इटली में 5 दिसंबर 2008 को रिलीज किया गया था. 124 करोड़ के बजट में बनीं फिल्म ने दुनियाभर में 3145 करोड़ की कमाई की थी. भारत में ही नहीं दुनियाभर में फिल्म को प्यार मिला.

स्लमडॉग मिलेनियर की चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी. इस फिल्म को 8 ऑस्कर अवॉर्ड मिले थे, जिसमें बेस्ट पिक्चर, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्क्रीनप्ले, बेस्ट सिनेमेटोग्राफी, बेस्ट एडिटिंग, बेस्ट ऑरिजनल स्कोर, बेस्ट साउंड मिक्सिंग अवॉर्ड शामिल हैं. यह बात अलग है कि यह फिल्म भारत के बारे में बनी थी लेकिन ऑस्कर यूके लिए जीते थे. फिल्म की शूटिंग मुंबई की गलियों में हुई. स्ल्मडॉग मिलेनियर से जुड़ा सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि फिल्म जब बनकर तैयार हुई तो रिलीज करने वाली कंपनी अचानक बंद हो गई. फिर फॉक्स सर्चलाइट पिक्चर्स कंपनी ने फिल्म पर भरोसा जताया. फाइनली फिल्म थिएटर्स में पहुंची.

फिल्म में प्रेम कुमार का रोल अनिल कपूर ने निभाया था. पहले यह रोल शाहरुख खान को ऑफर हुआ था लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया था. 2010 में शाहरुख खान ने अपनी फिल्म ‘माई नेम इज खान’ के प्रमोशन के दौरान एक इंटरव्यू में कहा था- ‘मैं फिल्म में काम करना चाहता था क्योंकि टॉपिक बहुत इंटरेस्टिंग था लेकिन फिर इसे करने से इनकार कर दिया क्योंकि इसके होस्ट का रोल थोड़ा चीट टाइप का था.’

स्लमडॉग मिलेनियर फिल्म के टाइटल पर बहुत विवाद हुआ था. फिल्म की कहानी मुंबई की झुग्गी-बस्तियों में पले-बढ़े एक अनाथ लड़के की कहानी है जो एक टीवी क्विज शो में अपनी ज़िंदगी की कहानियों से सभी सवालों के जवाब देता है. देव पटेल और फ्रेडा पिंटो की यह डेब्यू फिल्म थी. फिल्म में दोनों के बीच प्यार दिखाया जाता है. असल जिंदगी में भी दोनों लंबे समय तक साथ रहे. 2014 में दोनों का ब्रेकअप हो गया था.

फिल्म के सभी गानों का म्यूजिक एआर रहमान ने तैयार किया था. ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ का एक गाना ‘जय हो’ को एआर रहमान ने सलमान खान की फिल्म युवराज के लिए तैयार किया था. सुभाष घई को यह गाना पसंद नहीं आया तो फिल्म में नहीं लिया. बाद में यही सॉन्ग ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ में इस्तेमाल किया गया और इतिहास रच दिया. एआर रहमान पहले एशियाई शख्सियत थे जिन्होंने एक ही फिल्म के लिए दो ऑस्कर अवॉर्ड जीते थे.

अनिल कपूर ने यह फिल्म नहीं करना चाहते थे. ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के सेट पर अमिताभ बच्चन के सामने बातचीत के दौरान कहा था, ‘मैं यह फिल्म करना नहीं चाहता था क्योंकि मैं जानता नहीं था डैनी बॉयल कौन है? मुझे मेरे बेटे ने उनके बारे में बताया. कहा कि वो बहुत बड़े डायरेक्टर हैं. जब स्क्रिप्ट पढ़ी तो मैंने कहा कि ये रोल तो बहुत आसान है. मैं सेट पर पहुंचा और रिहर्स करना शुरू किया. पांच दिन तक रिहर्स किया, फिर मन ही मन सोचा कि अमित जी के पैर कहा हैं? जब कैमरा रोल हुआ तो सब चीजें आसानी से हो गईं.’

बात ‘खलनायक’ फिल्म की करें तो शो मैन सुभाष घई ने संजय दत्त-माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ के साथ मिलकर यह फिल्म बनाई थी. इस फिल्म का गाना था : चोली के पीछे क्या है, इतना पॉप्युलर हुआ था कि 1 करोड़ ऑडियो कैसेट तो एक हफ्ते के भीतर ही बिक गए थे. क्लाइमैक्स सीन शूट होने के बाद संजय दत्त जेल जाना पड़ा था. संजय दत्त की इसी इमेज को भुनाते हुए 6 अगस्त 1993 को फिल्म को रिलीज किया गया. फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई. एक प्रोग्राम में प्लेबैक सिंगर अल्का याज्ञनिक ने मजाकिया अंदाज में कहा था ‘चोली के पीछे क्या है’ में मेरी कोई गलती नहीं है. इला अरुण इसके पीछे अजीब तरह की आवाजें डाली हैं. मैंने तो चोली में दिल है मेरा, इस दिल को मैं दूंगी अपने यार को, बहुत ही निर्दोष भाव से गाया है.’
[ad_2]
माधुरी दीक्षित का वो ‘बदनाम’ गाना, संगीतकार ने सुरीली धुन चुराकर बनाया ऐसा सॉन्ग, मूवी ने जीते 8 ऑस्कर अवॉर्ड

