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डार्क जोन में शामिल जिले में लगातार गिरते भूजल के कारण बोरवेल ठप्प हो रहे हैं। किसान अब पारंपरिक खेती को छोड़कर नई तकनीकों का उपयोग कर अच्छा मुनाफा ले रहे हैं। महेंद्रगढ़ के गांव खायरा निवासी किसान योगेंद्र यादव ने वर्ष 2022 में जब गिरते भूजल के कारण बोरवेल ठप्प हुआ तो कुछ अलग करने की ठानी। महज चार साल के समय में योगेंद्र यादव ने 20 क्विंटल उत्पादन से 1100 क्विंटल मशरूम का उत्पादन एवं 55 लाख रुपये का सालाना कारोबार खड़ा कर दिया। गत दिसंबर माह के दौरान प्रदेशभर में सबसे अधिक वैरायटी की मशरूम उत्पादन के लिए किसान को प्रगतिशील किसान अवॉर्ड से नवाजा गया था। मशरूम की अच्छी गुणवत्ता होने के कारण दिल्ली, गुरूग्राम व रेवाड़ी जैसे शहरों में लगातार मांग भी बढ़ रही है।
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महेंद्रगढ़: मशरूम के उत्पादन से किसान हुआ मालामाल, 3 साल में लिख दी सफलता की इबारत