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एडीआर सेंटर के सभागार में आयोजित बैठक को संबोधित करते सीजेएम पवन कुमार।
भिवानी। प्राधिकरण सचिव कम सीजेएम पवन कुमार की अध्यक्षता में एडीआर सेंटर के सभागार में मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर कार्यशाला हुई। इस कार्यशाला में एलएडीसी के डिप्टी चीफ बबली पंवार व पेनल अधिवक्ता अनुराधा खनगवाल ने मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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प्राधिकरण के सचिव कम सीजेएम पवन कुमार ने बताया कि मासिक धर्म स्वच्छता पर जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। हर महिला के जीवन में मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन इसके दौरान शारीरिक स्वच्छता को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। अस्वच्छता की वजह से महिलाओं को कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे संक्रमण, खुजली, या बदबू। इस उद्देश्य से, जागरूकता फैलाना और मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के महत्व को समझाना बहुत जरूरी है।
एलएडीसी के डिप्टी चीफ बबली पंवार ने मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता का पालन करने से महिलाओं को मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से बेहतर महसूस होता है। इसके अलावा संक्रमण से बचाव होता है और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों में कमी आती है।
उन्होंने बताया कि मासिक धर्म के दौरान रोज नहाना चाहिए। गुप्तांगों को साफ रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि संक्रमण का खतरा न हो। गीले या गंदे अंडर गारमेंट्स से इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए हमेशा सूखे और स्वच्छ अंडर गारमेंट्स पहनने चाहिए। पैड और टैम्पोन का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। पैड को हर 4-6 घंटे में बदलना जरूरी है।
पैड या टैम्पोन का सही तरीके से उपयोग मासिक धर्म स्वच्छता का अहम हिस्सा है। एक बार इस्तेमाल किए गए पैड या टैम्पोन को सही तरीके से फेंकना चाहिए ताकि वह अन्य लोगों के लिए किसी प्रकार की परेशानी का कारण न बने। पैड को बंद करके और उसे एक टॉयलेट पेपर में लपेटकर कूड़ेदान में डालना चाहिए।
टैम्पोन को भी सही तरीके से हटाकर डस्टबिन में फेंकना चाहिए। पेनल अधिवक्ता अनुराधा खनगवाल ने कहा कि मासिक धर्म के दौरान हाथों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। शौचालय का इस्तेमाल करने से पहले और बाद में हाथों को अच्छे से धोना चाहिए। जो संक्रमण से बचने में मदद करते हैं। मासिक धर्म के दौरान आराम और सही तरीके से सोना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है।
उन्होंने बताया कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखना महिलाओं के स्वास्थ्य और भलाई के लिए जरूरी है। इस पर जागरूकता फैलाकर हम न केवल महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान कर सकते हैं, बल्कि मानसिक शांति भी सुनिश्चित कर सकते हैं। इस दिशा में हर महिला और समाज का योगदान महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
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महिला के जीवन में मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया : सीजेएम