महंगाई की मार से बदल ली राह: सोहना हाईवे पर ढाई गुना टोल बढ़ा तो फर्राटेदार सफर से किया परहेज, NHAI को नुकसान


सांकेतिक तस्वीर

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– फोटो : amar ujala

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सोहना से गुरुग्राम के बीच हजारों वाहन चालकों को जाम से निजात दिलाने के लिए सिग्नल फ्री एलिवेटेड हाइवे के फर्राटेदार सफर पर महंगे टोल से ग्रहण लग गया। हाइवे पर ढाई गुना टोल बढ़ा तो वाहन चालकों के आरामदायक और फर्राटेदार सफर का सपना भी टूट गया। टोल रेट बढ़ोतरी से अब तक करीब सात हजार वाहन चालक अपना रास्ता बदल चुके हैं। 

एक अनुमान के मुताबिक सोहना हाइवे के निर्माण के बाद करीब 25 हजार वाहन प्रतिदिन एलिवेटेड हाइवे से गुजर रहे थे, अब यह संख्या 17 से 18 हजार वाहन ही प्रतिदिन रह गई है। टोल बढ़ोतरी के बाद रास्ता बदलने को मजबूर हुए वाहन चालकों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है, लेकिन जेब पर अनावश्यक बोझ बढ़ाने की बजाय वाहन चालक उबड़-खाबड़ रास्तों की परेशानी झेलना मुनासिब समझ रहे हैं। 

इनका तर्क है कि एक तरफा यात्रा के 115 रुपये टोल का भुगतान करना पड़ता है। इस लिहाज से दो यात्रा के एक दिन में 230 रुपये हुए जो महीने भर की 30 यात्राओं का 6900 रुपये होता है। अगर रियायती दर का मासिक पास भी बनाया जाए तो वह भी 3915 रुपये का है। जेब और घर का बजट बिगाड़ने से बेहतर है कि उबड़-खाबड़ रास्तों का ही सफर कर लिया जाए।

एनएचएआई को हो रहा घाटा
करीब 7000 वाहनों की आवाजाही प्रभावित होने से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को घाटा हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक एनएचएआई को प्रतिदिन करीब 16 लाख रुपये से अधिक का घाटा उठाना पड़ रहा है। एनएचएआई के एक अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि महज 15 से 20 किलोमीटर की दूरी के लिए 115 रुपये एक तरफ यात्रा के लिए वसूलना ठीक नहीं है। 
इसका अंदाजा उन्हें पहले से ही था। क्योंकि गुरुग्राम से सोहना जाने के लिए बादशाहपुर के बाद कई रास्ते हैं, जो विभिन्न गांवों से होकर गुजरते हैं। इन रास्तों के सफर में समय भले ही 10 से 12 मिनट का अतिरिक्त समय लगता है, लेकिन वाहन चालक का ढाई सौ रुपये भी बचता है। इस अधिकारी ने कहा कि एनएचएआई के नियमों के अनुसार टोल वृद्धि की गई है।

चार महीने में ही बढ़ा दिए रेट
सोहना हाइवे पर टोल वसूली इसी साल अप्रैल में शुरू हुई थी। अप्रैल में यहां टोल वसूली की जिम्मेदारी नूर मोहम्मद कंपनी को सौंपी गई। जिसे जुलाई में बदलकर उसके स्थान पर पाथ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त कर दिया गया। अप्रैल में केवल इसका 12 किलोमीटर का हिस्सा (बादशाहपुर के बीएसएफ कैंप से सोहना तक) वाहनों के लिए खोला गया था। 

यहां पहले कार की एक तरफ यात्रा के लिए 45 रुपये टोल वसूला गया। मासिक पास भी 1555 रुपये का था। इसमें पहली बढ़ोतरी चार अगस्त को की गई। यहां टोल रेट सीधे ढाई गुना से अधिक बढ़ा कर कार की एक यात्रा के 115 रुपये कर दिए गए। मासिक पास (50 यात्रा) का रेट 1555 रुपये बढ़ाकर 3915 कर दिया गया।

हाइवे पर वाहनों की संख्या 7 हजार प्रितिदिन तक कम हो गई है। इसके पीछे शायद टोल रेट बढ़ना ही मुख्य कारण है। कंपनी की ओर से वाहनों की घटती संख्या से एनएचएआई को अवगत करा दिया है।
-रंगेश मिश्रा, प्रबंधक, घामडौज टोल
 

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सोहना से गुरुग्राम के बीच हजारों वाहन चालकों को जाम से निजात दिलाने के लिए सिग्नल फ्री एलिवेटेड हाइवे के फर्राटेदार सफर पर महंगे टोल से ग्रहण लग गया। हाइवे पर ढाई गुना टोल बढ़ा तो वाहन चालकों के आरामदायक और फर्राटेदार सफर का सपना भी टूट गया। टोल रेट बढ़ोतरी से अब तक करीब सात हजार वाहन चालक अपना रास्ता बदल चुके हैं। 

एक अनुमान के मुताबिक सोहना हाइवे के निर्माण के बाद करीब 25 हजार वाहन प्रतिदिन एलिवेटेड हाइवे से गुजर रहे थे, अब यह संख्या 17 से 18 हजार वाहन ही प्रतिदिन रह गई है। टोल बढ़ोतरी के बाद रास्ता बदलने को मजबूर हुए वाहन चालकों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है, लेकिन जेब पर अनावश्यक बोझ बढ़ाने की बजाय वाहन चालक उबड़-खाबड़ रास्तों की परेशानी झेलना मुनासिब समझ रहे हैं। 

इनका तर्क है कि एक तरफा यात्रा के 115 रुपये टोल का भुगतान करना पड़ता है। इस लिहाज से दो यात्रा के एक दिन में 230 रुपये हुए जो महीने भर की 30 यात्राओं का 6900 रुपये होता है। अगर रियायती दर का मासिक पास भी बनाया जाए तो वह भी 3915 रुपये का है। जेब और घर का बजट बिगाड़ने से बेहतर है कि उबड़-खाबड़ रास्तों का ही सफर कर लिया जाए।

एनएचएआई को हो रहा घाटा

करीब 7000 वाहनों की आवाजाही प्रभावित होने से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को घाटा हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक एनएचएआई को प्रतिदिन करीब 16 लाख रुपये से अधिक का घाटा उठाना पड़ रहा है। एनएचएआई के एक अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि महज 15 से 20 किलोमीटर की दूरी के लिए 115 रुपये एक तरफ यात्रा के लिए वसूलना ठीक नहीं है। 

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