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मस्क 2 साल में मंगल पर भेजेंगे स्टारशिप: टेस्ट सफल रहा तो इंसानों को भी भेजा जाएगा, कहा- 20 साल में शहर बसाने का लक्ष्य Today World News

मस्क 2 साल में मंगल पर भेजेंगे स्टारशिप:  टेस्ट सफल रहा तो इंसानों को भी भेजा जाएगा, कहा- 20 साल में शहर बसाने का लक्ष्य Today World News


5 मिनट पहले

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तस्वीर मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने जारी की थी। इसमें मार्स पर बसने वाली कॉलोनी का स्ट्रक्चर दिखाया गया है।

इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अगले 2 सालों के अंदर मंगल गृह पर दुनिया के सबसे ताकतवर स्टारशिप रॉकेट भेजने वाली है। इस फ्लाइट का मकसद मार्स पर स्टारशिप की लैंडिंग को टेस्ट करना है। इस यात्रा में कोई इंसान मौजूद नहीं होगा। मस्क ने रविवार को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर ट्वीट कर यह जानकारी दी।

मस्क ने कहा कि अगर पहली फ्लाइट और लैंडिंग सफल रही तो हम अगले 4 साल में मंगल गृह पर पहला क्रू भेजेंगे। इसके बाद स्टारशिप को कम अंतराल पर मार्स भेजा जाएगा। हमारा लक्ष्य अगले 20 साल में मंगल पर शहर बसाना है। एक से ज्यादा ग्रहों पर रहने से जीवन के जारी रहने की संभावनाएं बढ़ जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि तब एक ग्रह के खत्म होने से जीवन के खत्म होने का खतरा नहीं रहेगा।

दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप को टेक्सास के बोका चिका से शाम 6.20 बजे लॉन्च किया गया था।

दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप को टेक्सास के बोका चिका से शाम 6.20 बजे लॉन्च किया गया था।

जून में हुई थी स्टारशिप की सफल टेस्टिंग इससे पहले मार्च में मस्क ने कहा था कि अगले 5 साल के अंदर बिना क्रू के स्टारशिप को मार्स पर लैंड कराया जाएगा। इसके बाद और 2 साल के अंदर हम मंगल पर इंसानों को भेज देंगे। फिर 3 बार फेल होने के बाद जून में स्टारशिप रॉकेट की सफल टेस्टिंग की गई थी।

इस दौरान स्टारशिप को स्पेस में ले जाने के बाद वापस पृथ्वी पर लाया गया और हिंद महासागर में कामयाब लैंडिंग कराई गई थी। टेस्ट का मकसद यह देखना था कि स्टारशिप पृथ्वी के वातावरण में एंट्री के दौरान सर्वाइव कर पाता है या नहीं।

पूरी तरह से रीयूजेबल है स्टारशिप सिस्टम इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने स्टारशिप रॉकेट को बनाया है। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी बूस्टर को कलेक्टिवली ‘स्टारशिप’ कहा जाता है। इस व्हीकल की ऊंचाई 397 फीट है। ये पूरी तरह से रीयूजेबल है और 150 मीट्रिक टन भार ले जाने में सक्षम है। स्टारशिप सिस्टम 100 लोगों को एक साथ मंगल ग्रह पर ले जा सकेगा।

स्टारशिप सिस्टम

  • हाइट: 397 फीट
  • डायमीटर: 9 मीटर
  • पेलोड कैपेसिटी: 100-150 मीट्रिक टन

स्टारशिप इंसानों को मंगल पर पहुंचाएगा ये लॉन्चिंग इसलिए अहम है, क्योंकि ये स्पेसशिप ही इंसानों को इंटरप्लेनेटरी बनाएगा। यानी इसकी मदद से पहली बार कोई इंसान पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे ग्रह पर कदम रखेगा। मस्क 2029 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाकर वहां कॉलोनी बसाना चाहते हैं। स्पेसशिप इंसानों को दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे से कम समय में पहुंचाने में भी सक्षम होगा।

मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने की क्या जरूरत? मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने की जरूरत पर एलन मस्क कहते हैं- ‘पृथ्वी पर एक लाइफ एंडिंग इवेंट मानवता के अंत का कारण बन सकता है, लेकिन अगर हम मंगल ग्रह पर अपना बेस बना लेंगे तो मानवता वहां जीवित रह सकती है।’

करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर डायनासोर का भी अंत एक लाइफ एंडिंग इवेंट के कारण ही हुआ था। वहीं, प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने भी 2017 में कहा था कि अगर इंसानों को सर्वाइव करना है तो उन्हें 100 साल के भीतर विस्तार करना होगा।

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