in

मरीजों से डॉक्टरों में फैल सकती हैं कैंसर समेत ये गंभीर बीमारियां, जानें कितने होते हैं चांस Health Updates

मरीजों से डॉक्टरों में फैल सकती हैं कैंसर समेत ये गंभीर बीमारियां, जानें कितने होते हैं चांस Health Updates

[ad_1]

कैंसर संक्रामक नहीं है और शारीरिक संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता है. हालांकि, कुछ वायरस और बैक्टीरिया जो कैंसर का कारण बन सकते हैं. वे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं. कैंसर शरीर में असामान्य कोशिकाओं के कारण होता है जो अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं. यह संक्रामक नहीं है क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली अन्य लोगों की कैंसर कोशिकाओं सहित विदेशी कोशिकाओं को नष्ट कर देती है.

वायरस और बैक्टीरिया
कुछ वायरस और बैक्टीरिया कैंसर का कारण बन सकते हैं, लेकिन कैंसर खुद एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता है. उदाहरण के लिए, HPV गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का कारण बन सकता है, लेकिन यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है.

ऑर्गन ट्रांसप्लांट
दुर्लभ मामलों में, कैंसर किसी अंग या ऊतक प्रत्यारोपण के माध्यम से दाता से प्राप्तकर्ता में फैल सकता है. हालांकि, रोग संचरण को रोकने के लिए ऑर्गन ट्रांसप्लांट की कड़ी जांच की जाती है.

अगर कैंसर संक्रामक होता तो हम फ्लू की तरह ही कैंसर के प्रकोप का सामना करते. हम कैंसर से पीड़ित लोगों के परिवारों और दोस्तों और उनकी देखभाल करने वाले स्वास्थ्य पेशेवरों में कैंसर की उच्च दर की उम्मीद करते. कुछ परिवारों में कैंसर अधिक बार हो सकता है, इसका मतलब यह नहीं है कि परिवार के सदस्यों ने एक-दूसरे को कैंसर फैलाया है.

इसके कारणों में शामिल हैं:

परिवार के सदस्यों के जीन एक जैसे होते हैं.

परिवार की अस्वास्थ्यकर जीवनशैली (उदाहरण के लिए आहार और धूम्रपान) एक जैसी हो सकती है.

परिवार के सभी सदस्य एक ही कैंसर पैदा करने वाले एजेंट के संपर्क में आ सकते हैं.

कैंसर मरीज के पास जाने से यह बीमारी नहीं होती है. हालांकि, कुछ तरह के कैंसर ऐसे हैं, जिनमें अलग-अलग वायरस और बैक्टीरिया फैलते हैं. इनमें सर्वाइकल, लिवर और पेट का कैंसर सामिल है. cancer.gov के मुताबिक, कैंसर कभी भी छूआछुत से नहीं होता है. यह ऑर्गन या टिशू ट्रांसप्लांटेशन के केस में ही हो सकता है.

कैंसर सेल्स के अलावा शरीर के कई सेल्स एनर्जी के लिए ग्लूकोज पर डिपेंड रहते हैं लेकिन यह बिल्कुल गलत बात है कि ग्लूकोज या शुगर लेने से कैंसर सेल्स को ज्यादा ऊर्जा मिलती है और वे तेजी से ग्रोथ करते हैं. कैंसर रिसर्च यूके के मुताबिक, अभी तक इस तरह का कोई प्रमाण नहीं मिला है, जिसमें पाया गया हो कि शुगर छोड़नेसे कैंसर का खतरा कम होता है.

यह भी पढ़ें: कपड़े रंगने वाले कलर का कॉटन कैंडी बनाने में इस्तेमाल, कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा

फैमिली हिस्ट्री में किसी सदस्य को कैंसर है या कभी रहा हो तो उस परिवार के बाकी सदस्यों में कैंसर का रिस्क रहता है लेकिन ऐसा आमतौर पर नहीं होता है. इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है.

इस बात को लेकर अभी तक कोई साइंटिफिक सबूत नहीं मिले हैं. नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के मुताबिक, ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है, जिससे साबित हो कि डिओ लगाने से ब्रेस्ट कैंसर हो रहा है. हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि डिओ में ऐल्युमिनियम कंपाउंड्स और पैराबेन यूज होते हैं, जो स्किन के जरिए शरीर में पहुंच जाते हैं और नुकसान पहुंचा सकते हैं. हेयर डाई को लेकर भी इस तरह का प्रमाण नहीं मिला है लेकिन हेयर ड्रेसर्स या सैलून में काम करने वाले लोग जो केमिकल वाले प्रोडक्ट्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उनमें ब्लैडर कैंसर होने का रिस्क रहता है.

यह भी पढ़ें: क्या मर्दों को भी होती है महिलाओं के मेनोपॉज जैसी दिक्कत? ढलती उम्र के साथ शरीर पर ऐसे पड़ता है असर

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

[ad_2]
मरीजों से डॉक्टरों में फैल सकती हैं कैंसर समेत ये गंभीर बीमारियां, जानें कितने होते हैं चांस

शरणार्थियों और अवैध झुग्गियों को मालिकाना हक से यमुना रिवर फ्रंट तक, BJP के घोषणा पत्र जारी Politics & News

शरणार्थियों और अवैध झुग्गियों को मालिकाना हक से यमुना रिवर फ्रंट तक, BJP के घोषणा पत्र जारी Politics & News

Australian Open 2025: मैडिसन कीज ने जीता महिला सिंगल्स का खिताब, फाइनल में सबालेंका – India TV Hindi Today Sports News

Australian Open 2025: मैडिसन कीज ने जीता महिला सिंगल्स का खिताब, फाइनल में सबालेंका – India TV Hindi Today Sports News