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मनीषा हत्याकांडः पुलिस की वो गलतियां, जो BJP सरकार पर पड़ी भारी और बढ़ता गया…फिर CBI जांच की सिफारिश Haryana News & Updates

मनीषा हत्याकांडः पुलिस की वो गलतियां, जो BJP सरकार पर पड़ी भारी और बढ़ता गया…फिर CBI जांच की सिफारिश Haryana News & Updates

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भिवानी. हरियाणा के भिवानी के लोहारू में प्ले स्कूल टीचर मनीषा की हत्या का मामला अब तक सुलझ नहीं पाया है. सीएम नायब सिंह सैनी ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने का ऐलान किया, लेकिन अब भी अंतिम संस्कार को लेकर फैसला हो गया है. बेटी के शव का दिल्ली एम्स में पोस्मार्टम होगा और फिर उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. ऐसे में हम आपको बीते आठ रोज की कहानी बताने जा रहे हैं औऱ साथ ही बताएंगे कि कैसे पुलिस ने इस मामले पर कोताही बरती.

दरअसल, इस पूरे मामले में पुलिस ने पहले दिन से ही कोताही बरती. 11 अगस्त को जब मनीषा लापता हुई थी तो परिवार ने लोहारू थाने में शिकायत दी थी. इस पर पुलिस ने रुचि नहीं दिखाई औऱ पिता से कहा कि उसकी बेटी भाग गई होगी और जल्द ही घर लौट आएगी. इसके बाद 12 अगस्त को केस तो दर्ज कर लिया गया, लेकिन मनीषा की तलाश में पुलिस ने नहीं कुछ नहीं किया.

13 अगस्त को लाश मिली

इस मामले में पुलिस ने दो दिन तक कोई पहल नहीं की. लेकिन फिर पुलिस को कुछ लोगों ने सूचना दी कि लोहारू के सिंघानी गांव में नहर के पास खेतों में एक लाश मिली है. इस पर जांच में पता चला कि यह लाश ढाणी लक्ष्मण के बेटी मनीषा की है. शव की शुरुआती जांच में कहा गया कि मनीषा की बेरहमी से हत्या की गई.

बेटी के हाल को देखकर ग्रामीण और परिजन भड़क गए और फिर भिवानी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने मनीषा का शव लेने से इंकार कर दिया. मामले ने तूल पकड़ा और पुलिस की लापरवाही की खबरें उजागर हुई तो सैनी सरकार ने एसपी मनबीर सिंह को पद से हटाया और लोहारू थाने के पांच पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया.

मनीषा के गांव ढाणाी लक्ष्मण में बुघवार को लोगों का धरना.

पांच दिन तक धरना प्रदर्शन चलता रहा और फिर अचानक 18 अगस्त को इस मामले में पुलिस ने दावा किया कि उसने आत्महत्या की थी और कीटनाशक खरीद कर खाया. सुसाइड नोट भी वायरल हो गया. हालांकि, पुलिस ने इस नोट के वायरल होने पर कुछ नहीं कहा. परिजन फिर भड़क गए. रोहतक पीजीआई में शव की जांच में रेप की भी पुष्टि नहीं हुई.

पहले दिन नोट मिला तो छुपाया क्यों

इस पूरे प्रकरण को लेकर आईजी वाई पूर्ण सिंह ने कहा कि पहले दिन ही शव के पास बैग से नोट बरामद हुआ था. लेकिन पुलिस ने जांच के चलते यह बात नहीं बताई. हालांकि, सबसे बड़ा सवाल है कि फिर पांच दिन बाद पुलिस ने सुसाइड की बात क्यों कही. अहम बात कि पुलिस ने सुसाइड नोट अगर पहले दिन मिला था तो फिर हत्या का मामला क्यों दर्ज किया. आईजी ने हालांकि, नोट को लेकर साफ साफ जवाब नहीं दिया और कहा कि मेडिकल बोर्ड की जांच के आधार पर ही पर सारी बातें कह रहे हैं. वहीं, पुलिस अब तक मनीषा का मोबाइल फोन और कीटनाश की बोतल का भी पता नहीं लगा पाई है.

जहां से खरीदा कीटनाशन, उसका पता नहीं

इस मामले में पुलिस का दावा है कि बेटी ने एक दुकान से कीटनाशक खरीदा, लेकिन अब तक पता नहीं चला है कि कौन सी दुकान थी और ना ही उस दुकानदार की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया आई है. आईजी ने कहा कि इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. उधर, लड़की के पिता संजय़ ने कहा था कि उनकी बेटी इंग्लिश में नोट नहीं लिख सकती है.

आठ दिन बाद मामले पर सहमति

बहरहाल, मनीषा हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही से सारा मामला तूल पकड़ गया और करीब आठ दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं हुआ तो सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश कर दी. पुलिस पर लोगों को विश्वास नहीं है औऱ इसमें सीएम नायब सिंह सैनी को मजबूरन सीबीआई को जांच देनी पड़ी. अब दिल्ली एम्स में मनीषा के शव को ले जाया गया है.

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