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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि हाल ही में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) संक्रमण वाले देश से लौटे एक युवा पुरुष मरीज की पहचान वायरस के संदिग्ध मामले के रूप में की गई है. मरीज को एक निर्दिष्ट अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और बताया जा रहा है कि उसकी हालत स्थिर है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार व्यक्ति से नमूने एकत्र कर लिए गए हैं तथा एमपॉक्स की उपस्थिति की पुष्टि के लिए परीक्षण किया जा रहा है. देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला मिला है . फिलहाल व्यक्ति के सैंपल लेकर उसे जांच के लिए भेज दिया गया है. आगे के इलाज के रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है.
मंकीपॉक्स का पहला मामला आया सामने
देश में रविवार को मंकी पॉक्स का पहला संदिग्ध मामला सामने आया है. स्वास्थ मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक एक पुरुष मरीज हाल ही में विदेश से यात्रा करके देशा लौटा था और ऐसे देश से यात्रा करके लौटा है जहां मंकी पॉक्स के केसेस है. इस व्यक्ति को फिलहाल अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और नमूने लिए गए हैं ताकि मंकी पॉक्स की उपस्थिति की पुष्टि की जा सके। फिलहाल व्यक्ति की स्थिति स्थिर बताई जा रही है.
पब्लिक हेल्थ एमरजैंसी मंकीपॉक्स
डब्ल्यूएचओ की तरफ से 14 अगस्त को एमपॉक्स को पब्लिक हेल्थ एमरजैंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (पीएचईआईसी) घोषित किया गया था. जिसके बाद 17 अगस्त को स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति और तैयारियों की समीक्षा बैठक की थी. हालांकि तब दी गई जानकारी के मुताबिक भारत में तब तक म्पॉक्स के कोई मामले नहीं पाए गए थे. भारत सरकार की तरफ से बीमारी के संभावित प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए सक्रिय उपाय शुरू कर दिए गए थे.
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जिन लोगों को स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन लगी है उसे मंकीपॉक्स कुछ नहीं करेगा
तकरीबन तीन हफ्ते पहले MonkeyPox को लेकर स्वास्थ मंत्रालय ने सभी राज्यों के साथ मिलकर बैठक कर इससे निपटने के लिए तैयार रहने को कहा था. इसके साथ ही एयरपोर्ट्स और अस्पतालों को अलर्ट किया गया है. जानकार बताते है कि जिन लोगो को स्मालपॉक्स की वेक्सीन लगी है इनपर मोंकेयपॉक्स का असर नहीं होगा. दिल्ली में सफदरजंग, RML और लेडी हार्डिंग नोडल हॉस्पिटल बनाए गए है जिसमे आइसोलेशन और इलाज के लिए तैयारी की गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सोमवार को सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई है. सभी राज्यों को कहा गया है कि वे लोगों को बीमारी के बारे में जागरूक करें. इसके फैलाव के तरीके, समय पर रिपोर्टिंग और निवारक उपायों की आवश्यकता के बारे में जानकारी दें. लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि भीड़ में कोई अनावश्यक घबराहट न हो. मंत्रालय ने निम्नलिखित कदम उठाने के लिए कहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय मे राज्यों को दी एडवाइजरी
1. म्पॉक्स बीमारी के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देशों को व्यापक रूप से प्रसारित करना.
2. एनसीडीसी द्वारा जारी अपडेटेड सीडी-अलर्ट पर कार्रवाई करना.
3. राज्य और जिला स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी की समीक्षा करना.
4. अस्पतालों में अलगाव सुविधाओं की पहचान करना और उनमें आवश्यक सामग्री और प्रशिक्षित मानव संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना.
5. सभी महत्वपूर्ण हितधारकों को अभिविन्यास देना, जिसमें रोग निगरानी इकाइयों को मामलों की परिभाषा, संपर्क ट्रेसिंग और अन्य निगरानी गतिविधियों पर पुनः अभिविन्यास देना शामिल है.
AIIMS की तरफ से भी 3 हफ्ते पहले मरीज़ों के लिए मंकीपॉक्स को लेकर SOP जारी की गईं थीं. आइम्स ने मरीज़ों को मंकीपॉक्स से जुड़ी जानकारी देते हुए बताया था कि यह एक वायरल जूनोसिस है, जिसके लक्षण छोटे चेचक के रोगियों में देखे गए लक्षणों के समान हैं, हालांकि इसके लक्षण कम गंभीर हैं.
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AIIMS SOP ट्रायज क्षेत्र में स्क्रीनिंग
बुखार, दाने या संक्रमित मंकीपॉक्स मामलों के संपर्क में आने वाले मरीजों को तुरंत मूल्यांकन के लिए चिह्नित किया जाना चाहिए. प्रमुख लक्षणों की पहचान करें. बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन वाले लिम्फ नोड्स, ठंड, थकान और विशिष्ट त्वचा के घाव (मैकुलोपैप्युलर दाने जो वेसिकल्स और पुस्ट्यूल्स में विकसित हो सकते हैं).
आइसोलेशन या होल्डिंग क्षेत्र
एम्स ने संदिग्ध मरीजों आइसोलेशन एरिया में रखने की बात कही है. ताकि अन्य मरीजों और स्टाफ के संपर्क को कम किया जा सके. एबी-7 बेड नंबर 33, 34, 35, 36 और 37 को मंकीपॉक्स रोगियों को अलग करने के लिए चिह्नित किया गया है. ये बेड इमरजेंसी सीएमओ की सिफारिश पर मंकीपॉक्स मरीजों को आवंटित किए जाएंगे और उनका इलाज किया जाएगा. एबी-7 अस्थायी धारण कक्ष बना रहेगा जब तक कि रोगी को निर्धारित देखभाल के लिए अस्पताल में ट्रांसफर नहीं किया जाता है (सफदरजंग अस्पताल).
आईडीएसपी को सूचना
मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामले की पहचान होने पर इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) के अधिकारियों को संपर्क नंबर 8745011784 पर सूचित करें. मरीज के विवरण, संक्षिप्त इतिहास, क्लिनिकल फाइंडिंग और संपर्क विवरण दें.
सफदरजंग अस्पताल में रेफरल
सफदरजंग अस्पताल को मंकीपॉक्स मरीजों के प्रबंधन और इलाज के लिए अधिकृत किया गया है. ऐसे में मंकीपॉक्स होने के संदेह वाले किसी भी मरीज को आगे के मूल्यांकन और इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भेजा जाना चाहिए.
मरीज हैंडलिंग और आइसोलेशन
सभी रोगियों को सख्त संक्रमण नियंत्रण उपायों के साथ संभाला जाना चाहिए. संदिग्ध मामलों के साथ निपटने पर स्टाफ को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का इस्तेमाल करना चाहिए।
डॉक्यूमेंटेशन और संचार
मरीजों के विवरण, लक्षणों और रेफरल प्रक्रिया का उचित डॉक्यूमेंटेशन बनाए रखा जाना चाहिए. इस प्रोटोकॉल को सभी संबंधित विभागों और स्टाफ को संदिग्ध मंकीपॉक्स मामलों के लिए समन्वित और इफेक्टिव रिस्पॉन्स सुनिश्चित करने के लिए प्रसारित किया जाना चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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