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स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के उद्देश्य से केयर कैंपेनियन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिला अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को मरीज की देखभाल करने की सलाह दी जाती है।
इस बारे में जानकारी देते हुए केयर कैंपेनियन प्रोग्राम के नोडल अधिकारी मौसमी ने बताया कि अस्पताल में चिकित्सकों व पूरा अस्पताल स्टाफ द्वारा इलाज अच्छे तरीके से किया जाता है। लेकिन घर जाने के बाद मरीज थोड़ा सा आराम होते ही इलाज को बीच में बंद कर देता है।
इसके अलावा घर जाने के बाद समय पर दवा नहीं ले पाता तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को मरीज की देखभाल करने के बारें में पूरी जानकारी दी जाती है। प्रोग्राम का उद्देश्य ये है की मरीज को घर पर भी पूरा इलाज मिल सकें।
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में बीपी, शुगर, स्तन कैंसर, बच्चेदानी का कैंसर आम हो गया है। इसलिए तीस साल से अधिक उम्र के मरीज नियमित जांच करवाते रहें। इसके अलावा उन्होंने बताया कि अगर कोई मरीज घर पर रह कर विशेषज्ञ से बातचीत कर मरीज संबंधित जानकारी लेना चाहता है तो निशुल्क नंबर 18001210095 डायल कर सहायता ले सकते हैं।
क्या है केयर कैंपेनियन प्रोग्राम
नोडल अधिकारी मौसमी ने बताया कि केयर कैंपेनियन प्रोग्राम के तहत मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को मरीज की देखभाल करने की जानकारी दी जाती है। घर पर जाने के बाद किस तरह से ध्यान रखना है, कब कौन सी दवा देनी है, किस समय देनी है। मरीज की देखभाल किस तरह करनी है। इसके बारे में विस्तार से समझाया जाता है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में चिकित्सकों, नर्स द्वारा पूरा इलाज कर घर भेज दिया जाता है लेकिन घर जाने के बाद मरीज पूरा अच्छे तरीके से इलाज पूरा नहीं कर पाता है। इसलिए अभियान के तहत मरीज के साथ आने वाले तीमारदारों को ये कैंपेनियन के माध्यम से समझाया जाता है। घर पर मरीज की किस तरह देखभाल करनी है। इसके बारे में अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ द्वारा पूरी जानकारी उनको दी जाती है।
केयर कैंपेनियन के तहत दिए जाने वाले सुझाव
अगर मरीज को दिल का दौरा या स्ट्रोक हुआ था तो दिल को स्वस्थ रखने के लिए भरपूर पोषक तत्वों वाला संतुलित आहार खाएं। चिकित्सक की सलाह के अनुसार पैदल चलें, योग और ध्यान जैसी शारीरिक गतिविधि करें। सिगरेट, बीड़ी, हुक्का ने पिएं और तंबाकू का सेवन न करें। चिकित्सक से स्वास्थ्य जांच करवाएं और अपनी दवाएं नियमित रूप से लें। अपने आप दवाएं न बंद करें, न बदलें।
अगर मरीज को फेफड़ों की बीमारी है तो धूम्रपान न करें। आप पहले कितनी भी देर तक और कितना भी धूम्रपान कर चुके हैं। लेकिन इसे अब बंद कर देना चाहिए। धूम्रपान करने वालों के पास समय न बिताएं, खासकर जब वे धूम्रपान कर रहे हों। बंद कमरे या रसोई में धुआं पैदा करने वाले ईंधन का इस्तेमाल न करें।
अगर हाई बीपी है तो संतुलित, कम नमक व कम तेल का खाना खाएं। आसानी से मिलने वाली हरी सब्जियों युक्त संतुलित आहार ले और दिन में छह से आठ गिलास पानी पिएं।
अगर डायबिटीज है तो अपना खाना समय पर खाएं। तीन से चार बार में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएं। मीठी चीजों और मिठाइयों से बचें। खाली पेट ज्यादा देर तक न रहें। खुद को खास तौर पर मुंह और पैरों को साफ और स्वच्छ रखें। हमेशा अपने साथ कुछ न कुछ खाने की चीजें जैसी मिश्री, गुड़, टॉफी रखें। चक्कर या बहुत ज्यादा पसीना आएं तो तुरंत उसे खा लें।
गैर संचारी बीमारियों से बचाव के लिए अपनी शुगर और बीपी की नियमित जांच करवाएं। अपनी दवा नियमित लें। घंटों तक एक जगह बैठे न रहें। नियमित रूप से योग करके तनाव से बचें। गैर संचारी रोगों का अचानक से पता नहीं चलता। इसलिए इनका पता करने के लिए नियमित जांच करवाएं। ये बीमारियां एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलती इसलिए जल्दी पहचान कर इलाज करवाना बहुत जरूरी है।
सामान्य कैंसर के लिए जांच करवाएं
मुंह, स्तन और बच्चेदानी के मुंह का कैंसर सबसे आम होता है। इसलिए तीस साल से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति को पांच साल में एक बार कैंसर की जांच जरूर करवानी चाहिए। बच्चेदानी के मुंह के कैंसर को रोकने के लिए गुप्तांगों की स्वच्छता, सुरक्षित यौन संबंध बनाना और नौ से 14 वर्ष की आयु की लड़कियां का टीकाकरण करवाना चाहिए। स्तन कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए महिलाओं को प्रति माह अपने स्तन की जांच खुद से करनी चाहिए।
सेवा का लाभ कैसे उठाएं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों से अपने सभी सवालों के जवाब पाने के लिए 18001210095 पर डायल कर सकते हैं।
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भिवानी में मरीजों की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग चला रहा केयर कैंपेनयिन प्रोग्राम