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हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड परिसर में वीआईपी आवास को लेकर एक बार फिर नया विवाद उजागर हुआ है। इस बार ये विवाद बोर्ड अधिकारियों के बीच नहीं बल्कि चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय की कुलपति दीप्ति धर्माणी को लेकर उपजा है। बोर्ड कैंपस में ए-प्रथम बोर्ड सचिव को अलॉट की गई कोठी में पिछले 17 माह से सीबीएलयू की कुलपति दीप्ति धर्माणी डेरा जमाए बैठी हैं। हालांकि बोर्ड प्रशासन की तरफ से यूनिवर्सिटी की कुलपति को ये आवास अस्थायी मंजूरी पर अलॉट किया गया था। जिसे नोटिस जारी करने के 48 घंटे में खाली करना अनिवार्य भी किया गया था। लेकिन बोर्ड प्रशासन की तरफ से दो बार नोटिस के बाद भी बोर्ड सचिव की कोठी खाली नहीं की गई तो उपायुक्त ने तहसीलदार भिवानी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया। जिसके बाद वीरवार दोपहर बाद भारी पुलिस बल के साथ ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में शिक्षा बोर्ड अधिकारियों का अमला मौके पर आवास सील करने पहुंचा।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड कैंपस में प्रथम ए आवास बोर्ड सचिव पद के लिए अधिकृत किया गया है। बोर्ड में पिछले कुछ अर्से से बोर्ड सचिव का पद खाली होने की वजह से आवास खाली पड़ा था। इसी के चलते ये आवास सीबीएलयू की कुलपति दीप्ति धर्माणी को अस्थायी मंजूरी पर अलॉट कर दिया। अस्थायी मंजूरी में यह भी स्पष्ट किया गया था कि 48 घंटे के अल्प नोटिस में ये आवास खाली करना होगा। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में माइनर मेंटनेंस शाखा के सहायक सचिव बहादुर सिंह ने बताया कि वीसी दीप्ति धर्माणी को 15 अप्रैल 2024 को बोर्ड सचिव आवास अस्थायी मंजूरी पर अलाॅट हुआ था। इस कोठी को खाली करने के लिए 10 सितंबर 2025 को पहला नोटिस दिया गया। इस पर वीसी की तरफ से जवाब भी दिया गया था। लेकिन 48 घंटे में आवास खाली करने के इस नोटिस के बाद भी आवास खाली नहीं हुआ तो फिर 19 सितंबर को दूसरा नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस का कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद बोर्ड ने उपायुक्त को पत्र लिखकर आवास खाली कराने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मांग की। जिस पर वीरवार को उपायुक्त के आदेश पर ड्यूटी मजिस्टेट तहसीलदार भिवानी जयवीर सिंह की अगुवाई में सिविल लाइन पुलिस थाना एसएचओ देवेंद्र सिंह अपने दल बल सहित मौके पर पहुंचे। वहीं बोर्ड की तरफ से माइनर मेंटनसेंस शाखा के सहायक सचिव बहादुर सिंह और शैक्षिक शाखा की सहायक सचिव संतोष नरवाल के बोर्ड स्टाफ भी पहुंचा। आवास खाली कराने की कई घंटों तक जद्दोजद चली।
तीन घंटे चला आवास खाली कराने का ड्रामा, बोर्ड चेयरमैन और बीजेपी नेता भी पहुंचे
बोर्ड परिसर में सचिव आवास को खाली कराने के लिए करीब तीन घंटे तक ड्रामा चला। इस बीच बोर्ड चेयरमैन डॉ पवन शर्मा व बीजेपी जिला अध्यक्ष वीरेंद्र कौशिक भी मौके पर पहुंचे। जिन्होंने करीब आधा घंटे तक बंद कमरे में भी आवास खाली कराने पहुंचे बोर्ड अधिकारियों से बातचीत की। लेकिन इस बीच वीसी दीप्ति धर्माणी मौजूद नहीं रही। दीप्ति धर्माणी के पति भूपेंद्र धर्माणी मौके पर मौजूद थे।
मुझे सचिव आवास खाली कराने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। लेकिन आवास खाली कराने का मामला लंबित रखा गया है। इसका मैसेज फोन पर आया है। मुझे मौके पर कानून व्यवस्था बहाल रखने के लिए भेजा था, जो ऐसा कुछ नहीं हुआ। आवास खाली कराने के संबंध में बोर्ड अधिकारियों को ही निर्णय लेना है।
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भिवानी: बोर्ड कैंपस के सचिव आवास पर 17 माह से अस्थायी मंजूरी पर डेरा जमाए बैठी हैं सीबीएलयू की कुलपति