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1 घंटे पहलेलेखक: नवनीत गुर्जर, नेशनल एडिटर, दैनिक भास्कर
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जम्मू- कश्मीर और हरियाणा चुनाव के एग्जिट पोल आने के बाद सरकार बनाने के लिए लड्डू फूटने लगे हैं। कश्मीर में कांग्रेस – नेशनल कांन्फ्रेंस गठबंधन को स्पष्ट बहुमत में एक दो सीटों की कमी का अनुमान ज़ाहिर होते ही महबूबा मुफ़्ती को अपनी किंग मेकर भूमिका याद आ गई।
उन्होंने इस गठबंधन का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। नेकां सुप्रीमो फारुख अब्दुल्ला ने कहा-महबूबा जी हमें समर्थन देना चाहती हैं, ये अच्छी बात है।
हालाँकि अभी चुनाव के वास्तविक नतीजे आना बाक़ी है। सही में किस दल या गठबंधन को कितनी सीटें मिलनी हैं और किसकी सरकार बननी है, यह आठ अक्टूबर को चुनाव परिणाम आने पर ही तय होगा। वैसे भी पिछले लोकसभा चुनाव के बाद एग्जिट पोल का हस्र हर कोई देख चुका है, इसलिए केवल एग्जिट पोल को अंतिम सत्य मानना ठीक नहीं है।
दूसरी तरफ हरियाणा में सरकार बनाने की तैयारी अलग- अलग दल नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि एग्जिट पोल में यहाँ कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया है। कुल 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए। एग्जिट पोल में कांग्रेस को 50 से 60 सीटें मिलती हुई दिखाई गई हैं।
हालाँकि, यहाँ भी अंतिम नतीजे आना अभी बाकी हैं। हाँ, हरियाणा में कांग्रेस के भीतर ज़रूर कई तरह की तैयारियाँ शुरू हो गई लगती हैं। किसी को मुख्यमंत्री बनना है, किसी को मंत्री। इस ख़ेमे के मुख्यमंत्री बने तो कौन- कौन मंत्री बनेगा? उस ख़ेमे के मुख्यमंत्री बने तो मंत्रिमंडल में किस- किस का नंबर लगेगा, इस तरह के क़यास लगाए जा रहे हैं।
झक सफ़ेद कुर्ते सिलवाए जा रहे हैं, जैसा कि हर शपथ ग्रहण समारोह से पहले होता है। एग्जिट पोल को सही मान लिया जाए तो कोई दस साल बाद हरियाणा में कांग्रेस की सरकार आने की पूरी संभावना है। दस साल से यहाँ भाजपा की सरकार चल रही थी।
आठ अक्टूबर को कश्मीर और हरियाणा के चुनाव परिणाम घोषित होते ही दो-चार दिन में महाराष्ट्र और झारखण्ड के चुनाव घोषित होने की पूरी संभावना है। महाराष्ट्र में इस बार महा संग्राम होने वाला है। यहाँ विधानसभा चुनावों में पहली बार छह अलग- अलग दल अपना भाग्य आज़माने वाले हैं। कांग्रेस और भाजपा तो पहले की तरह मैदान में होंगी ही, राकांपा को दो टुकड़े हो चुके हैं और शिवसेना भी दो भागों में बंट चुकी है। यहाँ चुनाव दिलचस्प होगा और निश्चित तौर पर नतीजे भी चौंकाने वाले होंगे।
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भास्कर ओपिनियन: एग्जिट पोल के अनुमानों को देख लड्डू फूटने लगे