- Hindi News
- Business
- Moody’s: India To Remain G20’s Fastest Growing Economy Through 2027 With 6.5% Annual GDP Growth
नई दिल्ली3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
मूडीज रेटिंग्स ने कहा है कि भारत आने वाले दो साल तक G-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा। मूडीज के मुताबिक भारत की GDP ग्रोथ 2027 तक औसतन 6.5% रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के ऊंचे टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहेगी।
भारतीय इकोनॉमी अमेरिकी टैरिफ का असर नहीं
50% अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारतीय निर्यातकों ने सफलतापूर्वक नए बाज़ार खोजे हैं। सितंबर में भारत का कुल निर्यात 6.75% बढ़ा, जबकि अमेरिका को निर्यात 11.9% घटा।
मूडीज ने ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2026-27’ रिपोर्ट में कहा कि भारत की विकास दर को मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश, घरेलू उपभोक्ता मांग और निर्यात विविधीकरण का समर्थन मिलेगा। इन कारणों से आर्थिक रफ्तार मजबूत बनी रहेगी।

G-20 ग्रुप क्या है?
G-20 यानी ग्रुप ऑफ ट्वेंटी, दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का एक अनौपचारिक समूह है, जो वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर बातचीत और समाधान निकालने के लिए बना है।
इसका गठन 1999 में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी फोरम के रूप में हुआ था, लेकिन 2008 की ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस (दुनिया भर में आर्थिक संकट) के बाद 2009 से इसे G-20 समिट्स का नाम दिया गया, ताकि बड़े देश मिलकर महंगाई, व्यापार, जलवायु परिवर्तन और विकास जैसे मुद्दों पर सहयोग करें और वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर रखें।
इसमें 19 देश शामिल हैं। अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका। साथ ही यूरोपीय संघ (EU) भी एक सदस्य है, जो कुल मिलाकर दुनिया की 85% GDP और 75% वैश्विक व्यापार को कवर करता है।

GDP क्या है?
इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए GDP का इस्तेमाल होता है। ये देश के भीतर एक तय समय में बनाए गए सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को दिखाती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है।
दो तरह की होती है GDP
GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है।
कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?
GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।
GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है?
GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च।
इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।
Source: https://www.bhaskar.com/business/news/india-remains-the-fastest-growing-economy-in-the-g-20-136410801.html
