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भारतीय दल म्यांमार पहुंचा
भूकंप से तबाह हुए म्यांमार की मदद के लिए भारत से आपातकालीन मानवीय सहायता का पहला जत्था शनिवार को यांगून पहुंचा। भारतीय दल यहां भूकंप से प्रभावित इलाकों में पीड़ितों की खोज और बचाव अभियान में मदद करेगा। इसके साथ ही चिकित्सा दल घायलों का इलाज करेगा। भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने 29 मार्च को राहत सामग्री का पहला जत्था भेजा, जिसमें व्यक्तिगत देखभाल, खाद्य सामग्री, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप और रसोई के बर्तन शामिल हैं।
भारतीय दूतावास से जारी एक बयान के अनुसार, भारत म्यांमार में प्राकृतिक आपदा पर लगातार नजर रखेगा और उसके बाद अतिरिक्त सहायता भेजी जाएगी। इस बीच (एमएनए) ने घोषणा की है कि वह लोगों को राहत सामग्री और दवाइयों को मुफ्त में जरूरतमंदों तक पहुंचाएगी।
भारत ने 15.3 टन राहत सामग्री भेजी
भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद के लिए चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस की तरफ से 5041 किलोग्राम राहत सामग्री और 37 चीनी राहतकर्मियों भेजे गए हैं। वहीं, भारतीय वायुसेना का विमान भारत से 15.3 टन राहत सामग्री लेकर पहुंचा। एमएनए ने दोनों देशों से आई राहत सामग्री को लोगों तक पहुंचाने के लिए यांगून अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जरूरी ग्राउंड सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई हैं। म्यांमार नेशनल एयरलाइंस की तरफ से कहा गया “हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि हम भूकंप से प्रभावित लोगों को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में राहत सामग्री और दवाइयों का निःशुल्क परिवहन उपलब्ध कराएंगे।” भूकंप से मची तबाही के बाद अधिकारियों के साथ-साथ पूरे म्यांमार के धार्मिक संगठन भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत, सहायता और आपूर्ति प्रदान कर रहे हैं।
म्यांमार में भारतीय दल
भारतीय दल में 118 सदस्य
लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में कुलीन शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉन्डर्स की 118 सदस्यीय टीम आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और आपूर्ति के साथ म्यांमार पहुंची है। एयरबोर्न एंजेल्स टास्क फोर्स आपदा प्रभावित क्षेत्रों में इलाज और सर्जरी के लिए प्रशिक्षित है। भारतीय सेना आपदा में घायल लोगों की देखभाल के लिए 60-बेड का चिकित्सा उपचार केंद्र स्थापित करेगी। यह सुविधा स्थानीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की मदद करेगी। इससे इमरजेंसी मेडिकल सेवाएं बेहतर होंगी, जो भूकंप के कारण तबाह हो गई हैं।
चीन की युन्नान बचाव टीम म्यांमार पहुंची
म्यांमार में 28 मार्च को शक्तिशाली भूकंप आया था। इसमें कम से कम 1000 लोग मारे गए हैं। पूरे देश में तबाही मची हुई है। इस बीच चीनी दूतावास ने घोषणा की कि युन्नान प्रांतीय बचाव और चिकित्सा दल म्यांमार पहुंच गया है। 37 सदस्यों वाली टीम 29 मार्च को यांगून अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची और यांगून में चीनी दूतावास की प्रभारी सुश्री काओ जिंग और यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री यू सोई थीन ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। यह भूकंप के 18 घंटे के भीतर पहुंचने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय बचाव टीम है। चीनी टीम लाइफ डिटेक्टर, भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली, पोर्टेबल उपग्रह और ड्रोन सहित आपातकालीन राहत उपकरणों के कुल 112 सेट के साथ पहुंची है।
चीन ने की 100 मिलियन युआन की मदद
म्यांमार सरकार के अनुरोध पर, चीनी सरकार ने आपातकालीन मानवीय सहायता में 100 मिलियन युआन प्रदान करने का निर्णय लिया है और प्रभावित क्षेत्रों में टेंट, कंबल, आपातकालीन चिकित्सा किट, भोजन और पीने के पानी के रैक जैसी तत्काल आवश्यक आपूर्ति प्रदान करने के लिए दो राहत दल भेजेगी। पहला बैच 31 मार्च को पहुंचाया जाएगा, तथा म्यांमार की आवश्यकताओं के अनुसार आगे की सहायता प्रदान की जाएगी। चीनी दूतावास ने कहा कि पारंपरिक चीन-म्यांमार भाईचारे वाली पौकफॉ मित्रता तथा गर्मजोशी से भरी सामुदायिक भावना के अनुरूप, राहत दल राहत कार्य में भाग लेने के लिए शीघ्र ही नेपी ताव जाएगा।

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भारत से मानवीय मदद का पहला जत्था म्यांमार पहुंचा, 60 बेड का चिकित्सा केंद्र बनाएगा – India TV Hindi