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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों और उनके आकाओं को कड़ा सबक सिखाने की बात कही है।
भारत और पाकिस्तान के बीच कुल मिलाकर 4 बड़ी जंगें हो चुकी हैं और पड़ोसी देश को हर जंग में मुंह की खानी पड़ी है। 1947-48 की जंग में पाकिस्तान का कश्मीर पर कब्जा करने का मंसूबा पूरा नहीं हो सका, 1965 की जंग में भी उसे मुंह की खानी पड़ी, 1971 की लड़ाई में उसके 2 टुकड़े हो गए और 1999 में तो उसकी ऐसी दुर्गति हुई कि अपने सैनिकों की लाशों तक को पहचानने से इनकार कर दिया। पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच एक बार फिर टकराव की सुगबुगाहट होने लगी है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर दोनों देशों के बीच जंग होती है तो पाकिस्तान कितने दिन टिकेगा? आइए, समझने की कोशिश करते हैं:

दोनों देशों की आर्मी में कितना दम?
भारत की बात करें तो ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार भारतीय थलसेना दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है, जिसमें 14.55 लाख सक्रिय सैनिक और 11.55 लाख रिजर्व सैनिक हैं। भारत के पास 4,614 टैंक, 1,51,248 बख्तरबंद वाहन, और 3,243 खींची जाने वाली आर्टिलरी हैं। भारत की पैरामिलिट्री फोर्स में 25.27 लाख जवान हैं, जो आंतरिक और बाहरी दोनों खतरों से निपटने में सक्षम हैं। भारत की रणनीतिक गहराई, हाई-एल्टीट्यूड युद्ध में विशेषज्ञता, और उन्नत हथियार इसे मजबूत बनाते हैं।
वहीं पाकिस्तानी थलसेना में 6.54 लाख सक्रिय सैनिक और लगभग 5 लाख रिजर्व सैनिक हैं, जो इसे दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना बनाता है। इसके पास 3,742 टैंक, 50,523 बख्तरबंद वाहन, और 752 सेल्फ-प्रोपेल्ड आर्टिलरी हैं, जो भारत से अधिक हैं। हालांकि, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और सैन्य आधुनिकीकरण में सीमित निवेश इसकी क्षमता को प्रभावित करते हैं। इस तरह देखा जाए तो पाकिस्तान की थलसेना भले ही कागजों पर ताकतवर दिख रही हो, हकीकत में शायद वह उतनी मारक न हो।
दोनों देशों की तुलना करें तो भारत की थलसेना संख्याबल, संसाधन, और तकनीकी रूप से पाकिस्तान से काफी आगे है। भारत का रक्षा बजट (77.4 बिलियन डॉलर) पाकिस्तान (6.3 बिलियन डॉलर) से लगभग 10 गुना अधिक है, जिससे भारत को उन्नत हथियार और प्रशिक्षण में बढ़त मिलती है।
भारत और पाकिस्तान की कोई तुलना ही नहीं है।
समुद्र की लहरों पर है किसका राज?
भारतीय नौसेना एक ‘ब्लू-वॉटर नेवी’ है, जो वैश्विक स्तर पर अभियान चलाने में सक्षम है। इसके पास 294 नौसैनिक प्लेटफॉर्म हैं, जिनमें दो विमानवाहक पोत (INS विक्रांत, INS विक्रमादित्य), 18 पनडुब्बियां, 14 डिस्ट्रॉयर, और 300 एयरक्राफ्ट शामिल हैं। भारत की नौसेना हिंद महासागर में प्रभुत्व रखती है और परमाणु-सक्षम पनडुब्बियां इसे रणनीतिक बढ़त देती हैं।
पाकिस्तानी नौसेना एक ‘ग्रीन-वॉटर नेवी’ है, जो मुख्य रूप से तटीय रक्षा तक सीमित है। इसके पास 114 नौसैनिक जहाज, 8 पनडुब्बियां, 9 फ्रिगेट, और 85 एयरक्राफ्ट हैं। पाकिस्तान अपनी नौसेना को चीन और तुर्की के सहयोग से आधुनिक बना रहा है, लेकिन यह भारत की नौसेना की तुलना में काफी छोटी और कम सक्षम है।
दोनों देशों की नेवी की तुलना करें तो भारत की नौसेना का बेड़ा और तकनीकी क्षमता पाकिस्तान से कहीं अधिक है। 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर हमला कर पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया था, जो इस अंतर को दर्शाता है।
हवा में हुई लड़ाई तो कौन मारेगा बाजी?
भारतीय वायुसेना के पास 2,229 एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें 600 फाइटर जेट, 899 हेलीकॉप्टर, और अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम शामिल हैं। भारत की एयरफोर्स वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है और इसके पास अर्ली वॉर्निंग सिस्टम और मिसाइल सिस्टम जैसे आधुनिक उपकरण हैं।
पाकिस्तानी एयरफोर्स के पास 1,434 एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें 387 फाइटर जेट और 57 अटैक हेलीकॉप्टर शामिल हैं। हालांकि, संख्याबल और तकनीकी रूप से यह भारत से काफी पीछे है। पिछली जंगों में भी भारत की हवाई ताकत के आगे पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे।
इस तरह देखा जाए तो भारत की वायुसेना की संख्यात्मक और तकनीकी श्रेष्ठता इसे हवाई युद्ध में बढ़त देती है। भारत के पास अधिक उन्नत फाइटर जेट और हवाई रक्षा प्रणालियां हैं, जो युद्ध में निर्णायक साबित हो सकती हैं।
युद्ध में और क्या हैं निर्णायक कारक?
दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं। भारत के पास 120-130 और पाकिस्तान के पास 150-170 परमाणु हथियार हैं। भारत की अग्नि-5 मिसाइल और पाकिस्तान की शाहीन-3 लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें हैं। परमाणु युद्ध की स्थिति में दोनों देशों को भारी नुकसान होगा, जिससे पूर्ण युद्ध की संभावना कम है। आर्थिक स्थिति की बात करें तो भारत की जीडीपी पाकिस्तान के मुकाबले 10 गुना है, ऐसे में पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था उसे लंबी जंग की इजाजत नहीं देती। साथ ही पाकिस्तान को जहां चीन और कुछ हद तक तुर्की से समर्थन मिल सकता है, वहीं भारत के साथ दुनिया के तमाम देश हैं। हालांकि दोनों देशों की लड़ाई में बाहरी हस्तक्षेप की संभावना कम ही है।
जंग में कितने दिन तक टिक पाएगा पाकिस्तान?
पाकिस्तान की सैन्य क्षमता भारत की तुलना में कम है, खासकर अगर लड़ाई लंबी चली तो। 1971 की जंग में जब भारत ने पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर हमला किया था तो पाकिस्तान ने 13 दिनों में सरेंडर कर दिया था और उसके 2 टुकड़े हो गए थे। मौजूदा समय की बात करें तो पाकिस्तान का सीधी लड़ाई 13 दिन तक टिकना भी मुश्किल लगता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2 से 3 हफ्ते की जंग पाकिस्तान को पूरी तरह बर्बाद कर सकती है। इस तरह देखा जाए तो एक सैन्य शक्ति के रूप में पाकिस्तान और भारत का कोई मुकाबला ही नहीं है।
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भारत से जंग हुई तो कितने दिन टिकेगा पाकिस्तान? आंकड़ों के जरिए समझिए पूरी बात – India TV Hindi