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वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन साउथ अफ्रीका भारत दौरे पर है, जहां उसे दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। अफ्रीकी टीम के लिए यह दौरा आसान नहीं होगा, क्योंकि वह 15 साल से भारत में एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत सकी है। हालांकि, साउथ अफ्रीका जून 2025 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) जीतने के बाद एक भी सीरीज नहीं हारा है। .
दोनों टेस्ट मैच कोलकाता और गुवाहाटी में होंगे। यहां की स्पिन-फ्रेंडली पिचों पर रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल जैसे स्पिन ऑलराउंडर भारत की सबसे बड़ी ताकत साबित होंगे। इन तीनों के साथ चाइनामैन कुलदीप यादव साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों के लिए बड़ी परेशानी साबित हो सकते हैं।

साउथ अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा टीम के साथ सोमवार को कोलकाता पहुंचे।
जिम्बाब्वे को 2-0 से हराया, पाकिस्तान में ड्रॉ खेला साउथ अफ्रीका ने 11 से 14 जून के बीच लंदन के लॉर्ड्स स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया को हराकर WTC का खिताब जीता था। इसके बाद अफ्रीकी टीम ने जिम्बाब्वे दौरे पर 2-0 से क्लीन स्वीप किया, जबकि पाकिस्तान दौरे पर खेली गई दो मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रॉ रही।

साउथ अफ्रीका के इस अजेय अभियान को शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारतीय टीम रोक सकती है। ऐसा क्यों हो सकता है, इसे हम यहां 6 फैक्टर्स में बता रहे हैं।
पढ़िए 6 फैक्टर्स…
1. पिछले 15 साल से भारत में नहीं जीता साउथ अफ्रीका साउथ अफ्रीका पिछले 15 साल से भारतीय सरजमीं पर कोई टेस्ट मैच नहीं जीत सका है। टीम को आखिरी जीत 2010 में नागपुर में ग्रीम स्मिथ की कप्तानी में मिली थी। तब अफ्रीका ने भारत को पारी और 6 रन से हराया था। उस मैच में हाशिम अमला ने नाबाद 253 रनों की शानदार पारी खेली थी और ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुने गए थे। उस मुकाबले के बाद दोनों टीमों के बीच भारत में 8 टेस्ट खेले गए हैं, जिनमें अफ्रीका को 7 में हार मिली है और एक ड्रॉ रहा है।
साउथ अफ्रीका ने 1996 में पहली बार भारत का दौरा किया था। उसने भारत में 1999 में अपनी पहली और अब तक की एकमात्र टेस्ट सीरीज जीत हासिल की थी। अब तक भारत में दोनों टीमों के बीच 7 टेस्ट सीरीज हुई हैं। भारत ने 4 जीती हैं, साउथ अफ्रीका ने 1 जीती, जबकि 2 सीरीज ड्रॉ रही हैं।

2. धीमे विकेट पर बल्लेबाजी भी आसान नहीं होगी भारतीय पिचें साउथ अफ्रीकी टीम के बैटर्स के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकती हैं। सीरीज का पहला मैच कोलकाता और दूसरा गुवाहाटी में खेला जाएगा। आमतौर पर भारतीय पिचें धीमी और स्पिन फ्रेंडली होती हैं। ऐसे में यहां बल्लेबाजी करना अफ्रीकी बैटर्स के लिए आसान नहीं होगा।

3. केशव महाराज के अलावा किसी के पास अनुभव नहीं 15 दिन पहले भारतीय दौरे के लिए घोषित साउथ अफ्रीकी टीम में 3 स्पेशलिस्ट स्पिनर चुने गए हैं। इनमें केशव महाराज के अलावा, कोई अन्य अनुभवी स्पिनर नहीं है। केशव महाराज ने अब तक 60 टेस्ट मैच खेले हैं, इनमें उन्हें 212 विकेट मिले हैं। साइमन हार्मर के पास 12 और एस मुथुस्वामी के पास महज 7 टेस्ट मैच का अनुभव है।
4. हमारे पास 3 स्पिन ऑलराउंडर और कुलदीप भी भारत के पास 3 स्पिन ऑलराउंडर हैं, इतना ही नहीं, चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को भी साउथ अफ्रीका के खिलाफ स्क्वॉड में शामिल किया गया है। आगे इन 4 प्लेयर्स का प्रदर्शन…
- रवींद्र जडेजा : भारतीय स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने 87 टेस्ट में 338 विकेट झटके हैं। इनमें से 246 विकेट भारतीय पिचों पर आए हैं।
- वॉशिंगटन सुंदर : ऑफ स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर ने 15 टेस्ट मैचों में 35 विकेट झटके हैं। इनमें 21 विकेट घरेलू पिचों पर आए हैं।
- अक्षर पटेल: ऑफ स्पिनर अक्षर पटेल ने 14 मैच में 55 टेस्ट विकेट लिए हैं। उन्होनें 47 विकेट भारत में आए हैं।
- कुलदीप यादव : चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव भारत के स्पिन डिपार्टमेंट को लीड कर रहे हैं। वे 15 मैच में 68 विकेट झटके हैं। कुलदीप भारत में 50 विकेट ले चुके हैं।
5. भारतीय टीम का घरेलू पिचों पर मजबूत प्रदर्शन भारत के नाम अपने घरेलू मैदान पर सबसे ज्यादा लगातार टेस्ट सीरीज जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। टीम ने 2012 से 2024 तक लगातार 18 टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की थी। इस विजय अभियान को न्यूजीलैंड ने पिछले साल रोका था। तब भारतीय टीम को 0-3 से क्लीन स्वीप झेलनी पड़ी। भारतीय टीम ने पिछले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप किया था।

6. ऋषभ पंत की वापसी, ध्रुव जुरेल शानदार फॉर्म में भारतीय टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की वापसी हो रही है। ध्रुव जुरेल भी अच्छी फॉर्म में हैं। दोनों ही बैटर्स ने साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ 2 अनऑफिशियल टेस्ट की सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया है। पंत ने 2 मैचों में 2 अर्धशतकों के सहारे 196 रन बनाए हैं। जबकि, ध्रुव जुरेल 2 शतकों के सहारे 259 रन बनाए। वे सीरीज के टॉप स्कोरर हैं।

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भारत में 15 साल से टेस्ट नहीं जीता साउथ अफ्रीका: इस बार भी राह आसान नहीं, स्पिन ऑलरॉउंडर देंगे बड़ी चुनौती; 6 फैक्टर्स पढ़िए

