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भारत में टीबी से मौत के मामलों में कमी, जानें कितनी खतरनाक ये बीमारी Health Updates

भारत में टीबी से मौत के मामलों में कमी, जानें कितनी खतरनाक ये बीमारी Health Updates
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TB Disease : टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस बीमारी दुनियाभर की चिंता बढ़ा रही है. भारत सरकार टीबी को खत्म करने का अभियान चला रही है. हाल ही में इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि देश में टीबी के मामले तो बढ़े हैं, लेकिन इससे होने वाली मौतों में 21.4% की कमी आई है.

देश में टीबी के छूटे मामलों की संख्या 2015 में 15 लाख थी, जो 2023 में घटकर 2.5 लाख हो गई. उसस साल देश में 25.5 लाख टीबी मामले थे. केंद्रीय मंत्री के अनुसार, देश में टीबी मामलों में 17.7 प्रतिशत की गिरावट आई है. ऐसे में आइए जानते हैं टीबी कितनी खतरनाक बीमारी है, इसके लक्षण क्या हैं और बचने के लिए क्या करना चाहिए…

टीबी कितनी खतरनाक बीमारी है

टीबी (Tuberculosis) एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नाम के बैक्टीरिया से होती है. ये बैक्टीरिया हवा से फैलते हैं और फेफड़ों को संक्रमित करते हैं. कई बार रीढ़ की हड्डी, ब्रेन या किडनी जैसे दूसरे अंगों पर भी असर पड़ सकता है. संक्रामक होने के बाजवूद टीबी आसानी से नहीं फैलती है. जब कोई संक्रमित व्यक्ति के आसपास ज्यादा समय बिताता है तो इस बीमारी की चपेट में आ सकता है.

टीबी दो तरह की होती है

टीबी दो तरह की होती है. एक्टिव टीबी और लैटेंट टीबी. एक्टिव टीबी में किसी को बीमारी के सभी लक्षण दिखाई देते हैं, और वह दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है. जबकि लैटेंट टीबी में बैक्टीरिया शरीर में मौजूद रहता है, लेकिन सक्रिय नहीं होता. व्यक्ति को कोई लक्षण महसूस नहीं होते, लेकिन यदि इम्यूनिटी कमजोर हो जाए, तो यह सक्रिय रूप ले सकता है.

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टीबी के लक्षण क्या हैं

लगातार 2-3 हफ्तों तक खांसी रहना

खांसते समय खून या बलगम आना

तेज बुखार और रात में पसीना आना

वजन का तेजी से घटना

भूख कम लगना और कमजोरी महसूस होना

सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ

अगर टीबी शरीर के अन्य हिस्सों में फैलती है, तो हड्डियों में दर्द, पेट में सूजन, ब्रेन में इंफेक्शन से सिरदर्द या भर्म होना.

टीबी कितनी खतरनाक हो सकती है

सही समय पर इलाज न करने पर टीबी जानलेवा हो सकती है.

यह फेफड़ों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है.

अगर दिमाग में फैल जाए, तो यह मेनिन्जाइटिस का कारण बन सकती है.

गर्भवती महिलाओं में यह दिक्कतें बढ़ा सकती है.

मरीज दवाइयों का पूरा कोर्स नहीं करता तो ड्रग-रेसिस्टेंट टीबी हो सकती है, जिसका इलाज कठिन हो जाता है.

टीबी का इलाज कैसे किया जाता है?

टीबी का इलाज DOTS (Directly Observed Treatment, Short-course) से किया जाता है, जिसमें मरीज को डॉक्टर की निगरानी में कई महीनों तक दवाएं दी जाती हैं. इसके अलावा एंटी-टीबी दवाएं डॉक्टर्स दे सकते हैं. पौष्टिक आहार लेना चाहिए, ताकि इम्यूनिटी मजबूत हो. टीबी मरीज को मास्क पहनना चाहिए, ताकि संक्रमण न फैले.

टीबी से बचाव कैसे करें?

बीसीजी (BCG) वैक्सीन लगवाएं, जो टीबी से बचाने में मदद करती है.

संक्रमित व्यक्ति से सुरक्षित दूरी बनाए.

खांसते और छींकते समय मुंह पर रूमाल या टिशू रखें.

भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें.

संतुलित आहार लें और इम्यूनिटी मजबूत बनाएं.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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