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मीडिया रिपाेर्ट के अनुसार, आतंकी संगठन जैश-ए-माेहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर बहावलपुर की पाॅश काॅलाेनी में रह रहा है।
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का चीफ मसूद अजहर 20 साल बाद दुनिया के सामने आया। पाकिस्तान में उसने अपने समर्थकों के बीच भारत और पीएम मोदी के खिलाफ एक स्पीच दी, जिसे लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा- पाकिस्तान हमेशा कहता रहा है कि अजहर उसके देश में नहीं है। ऐसे में अजहर की स्पीच से पाकिस्तान का दोगलापन उजागर होता है।
अजहर 2019 के पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था और उसे यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की तरफ से वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। हम मांग करते हैं कि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उसे न्याय के कटघरे में लाया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 3 दिसंबर को जैश के डिजिटल प्लेटफॉर्म से वीडिया रिलीज हुआ था, जो अब वायरल हुआ। इसमें मसूद ने भारत, पीएम मोदी और इजराइली पीएम नेतन्याहू के खिलाफ भाषण दिया था। साथ ही बाबरी का जिक्र करते हुए कहा था- क्या 300 लोग भी नहीं है, जो मेरी बाबरी को वापस लाने के लिए लड़ सकें।
तस्वीर साल 2000 की है, जब मसूद अजहर ने कराची में एक सभा को संबोधित किया था। (क्रेडिट-AFP)
मदरसे में दिया था भाषण रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजहर ने भाषण पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित उम्म-उल-क़ुरा मदरसा और मस्जिद परिसर से दिया था।
यह वही जगह है जिसे 2019 में पाकिस्तानी सरकार ने अपने कब्जे में लेने का दावा किया था, लेकिन स्थानीय निवासियों के अनुसार, वहां आज भी जैश-ए-मोहम्मद का कब्जा है और सुरक्षा के लिए हथियारबंद गार्ड तैनात हैं।
स्पीच में मसूद ने कश्मीर और फिलिस्तीन में आतंक फैलाने की नई साजिश का भी खुलासा किया है। उसने नेतन्याहू को चूहा कहा। भाषण में उसने लोगों से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ने की भी अपील की।
पठानकोट-उरी हमले का मास्टरमाइंड है अजहर अजहर भारत में एक नहीं बल्कि कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है। संसद हमले के अलावा मसूद 2016 में हुए पठानकोट हमले का भी मास्टरमाइंड हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, मसूद ने भारत पर हमलों के लिए जैश-ए-मोहम्मद के कैडर का इस्तेमाल किया था। उनसे 2005 में अयोध्या में राम जन्मभूमि और 2019 में पुलवामा में CRPF के जवानों पर भी हमला करवाया था।
इसके अलावा मसूद 2016 में उरी हमले और अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में भारतीय कॉन्सुलेट पर अटैक का भी जिम्मेदार है। अजहर अल-कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन और तालिबान फाउंडर मुल्लाह उमर का खास था।
1994 में पहली बार भारत आया था आतंकी मसूद अजहर मसूद अजहर पहली बार 29 जनवरी, 1994 को बांग्लादेश विमान में सवार होकर ढाका से दिल्ली पहुंचा था। 1994 में अजहर फर्जी पहचान बनाकर श्रीनगर में दाखिल हुआ था। उसका मकसद हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी और हरकत-उल-मुजाहिदीन गुटों के बीच तनाव कम करना था।
इस बीच भारत ने उसे आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए अनंतनाग से गिरफ्तार कर लिया था। तब अजहर ने कहा था- कश्मीर को आजाद कराने के लिए 12 देशों से इस्लाम के सैनिक आए हैं। हम आपकी कार्बाइन का जवाब रॉकेट लॉन्चर से देंगे।
अजहर ने कहा था- पाकिस्तान और ISI के लिए मेरी अहमियत नहीं जानता भारत अजहर ने जेल में कहा था कि भारत को नहीं पता कि मैं पाकिस्तान और ISI के लिए कितना अहम हूं। ये मेरी पॉपुलैरिटी को कम आंक रहे हैं। ISI मुझे वापस पाकिस्तान लाकर रहेगा। उसे श्रीनगर में बादामी बाग छावनी,दिल्ली में तिहाड़ जेल और अंत में जम्मू में कोट बलवाल जेल में रखा गया था।
इसके 4 साल बाद जुलाई 1995 में जम्मू-कश्मीर में 6 विदेशी टूरिस्ट्स को अगवा कर लिया गया। किडनैपर्स ने टूरिस्ट के बदले समूद अजहर को रिहा करने की मांग की। इस बीच अगस्त में दो टूरिस्ट किडनैपर्स की कैद से भागने में कामयाब हो गए। हालांकि, बाकियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
तस्वीर 1999 की है, जब आतंकी भारत के एक विमान को हाईजैक करके अफगानिस्तान ले गए थे।
1999 में विमान हाईजैक के बाद भारत सरकार ने अजहर को छोड़ा
- इसके और 4 साल बाद 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली आ रही एक भारतीय विमान को अजहर के भाई सहित दूसरे आतंकियों ने हाईजैक कर लिया। वो इसे अफगानिस्तान के कंधार ले गए, जहां उस वक्त तालिबान का शासन था। विमान में कैद लोग के बदले मसूद अजहर सहित 3 आतंकियों को छोड़ने की मांग की गई।
- आतंकियों की मांग पूरी हुई और मसूद आजाद हो गया। इसके बाद वो पाकिस्तान भाग गया। चीनी सरकार कई बार UNSC में मसूद को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित होने से बचा चुकी है। 2009 में अजहर को वैश्विक आतंकी की लिस्ट में शामिल करने के लिए पहली बार प्रस्ताव आया था। तब लगातार 4 बार चीन ने सबूतों की कमी का हवाला देकर प्रस्ताव पास नहीं होने दिया।
2019 में वैश्विक आतंकी घोषित हुआ:अक्टूबर 2016 में चीन ने फिर से भारत के प्रस्ताव के खिलाफ जाकर UNSC में अजहर को बचा लिया। इसके बाद 2017 में अमेरिका ने UNSC में अजहर को आतंकी घोषित करने की मांग उठाई लेकिन चीन फिर से बीच में आ गया। हालांकि, मई 2019 में चीन ने अपना अड़ंगा हटा दिया और UNSC में मसूद को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित कर दिया गया।
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भारत बोला-मसूद अजहर की स्पीच से पाकिस्तान का दोगलापन उजागर: जैश चीफ ने मोदी-भारत के खिलाफ भाषण दिया, बाबरी का भी जिक्र किया