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भारत पाकिस्तान इंटरनेशनल सीमा पर होने वाली अवैध माइनिंग के मामले की जांच होगी। यह काम सर्वे ऑफ इंडिया करेगा, जबकि इस पर आने वाला खर्च पंजाब सरकार द्वारा उठाया जाएगा।
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यह जानकारी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सामने आई है। हालांकि पंजाब सरकार ने साफ किया है कि सीमा पर अवैध खनन बंद है। रक्षा मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही खनन की अनुमति दी जाती है। वहीं सुनवाई के दौरान पता चला है कि अवैध साइट बनाकर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पंजाब सरकार का जवाब रिकॉर्ड पर न मिलने से सुनवाई स्थगित कर दी गई
हर साल दस हजार करोड़ का नुकसान
इस मामले में चंडीगढ़ निवासी की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। उन्होंने याचिका में कहा था कि खनन अवैध तरीके से हो रहा है। इससे हर साल पंजाब सरकार को दस हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इस वजह से पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है।
वहीं, इस वजह से बार्डर एरिया में सुरेंगे और गड्ढे बन गए हैं, जो कि घुसपैठियों के लिए पनाहगार बन रहे हैं। ऐसे में इस चीज पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है। इसके अलावा कई अन्य दलीलें भी रखी गईं।
अवैध खनन के मामले में NGT भी सख्त
अवैध खनन के मामले को लेकर एनजीटी भी सख्त है। कई जिलों के केस अभी तक एनजीटी में चल रहे हैं। हालांकि खनन को लेकर नियम तय है। साथ ही सरकार द्वारा बकायदा परमिशन दी जाती है। हरेक जिले में खनन की साइट तय की गई है। ताकि इस प्रकार की गतिविधियों को पूरी तरह से रोका जा सकें।
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भारत-पाक सीमा पर अवैध खनन रोकने को लेकर सख्ती: सर्वे ऑफ इंडिया करेगा जांच, पंजाब सरकार करेगी भुगतान, HC में दी जानकारी – Punjab News