in

भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर कौन हैं? एशिया की महिलाएं भी उनसे पीछे – India TV Hindi Politics & News

भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर कौन हैं? एशिया की महिलाएं भी उनसे पीछे  – India TV Hindi Politics & News

[ad_1]

Image Source : X@ASHWINIVAISHNAW
महिला लोको पायलट सुरेखा यादव

नई दिल्लीः भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सफलता की कहानी लिख रही हैं। इन्हीं महिलाओं में से एक हैं लोको पायलट सुरेखा यादव, जो भारत ही नहीं बल्कि एशिया की पहली पहली ट्रेन ड्राइवर हैं। भारत की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने साल 1988 में भारतीय रेलवे की ट्रेन की ड्राइवर सीट पर बैठने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया था। 

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की भी पहली महिला ड्राइवर हैं सुरेखा

सुरेखा यादव की उपलब्धि रेलवे ट्रैक से कहीं आगे तक फैली। उन्होंने संदेश दिया कि महिलाएं भी किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है। सुरेखा यादव देश की सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट भी हैं। 58 वर्षीय सुरेखा यादव कई मायनों में एक नई मिसाल हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र के सतारा की रहने वाली सुरेखा यादव ने अपनी उपलब्धियों के लिए अब तक राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीते हैं। 

कौन हैं सुरेखा यादव?

एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर किसी परिचय की मोहताज नहीं है। सुरेखा का जन्म 2 सितंबर 1965 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स किया। इसके सुरेशा ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। पढ़ाई के दौरान ही सुरेखा अपने करियर को लेकर सपने देखती थीं। वह लीक से हटकर कुछ अलग करना चाहती थीं। 

सुरेखा यादव को ट्रेनों को लेकर बचपन से ही बहुत लगाव था। जब ट्रेन ड्राइवर के लिए वैकेंसी निकली तो उन्होंने फॉर्म भर दिया और साल 1986 में लिखित पास किया। इसके बाद इंटरव्यू भी पास कर लिया। सुरेखा कल्याण ट्रेनिंग स्कूल में ट्रेनी ड्राइवर के तौर नियुक्त हुईं। ट्रेनिंग पूरा होते ही असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर प्रमोट हुईं और नियमित तौर पर ट्रेन की ड्राइवर बन गईं। सुरेखा को सबसे पहले मालगाड़ी चलाने का मौका मिला। बाद में जब प्रमोशन हुआ तो वह एक एक्सप्रेस ट्रेन की लोको पायलट बन गई। 

सुरेखा यादव की प्रमुख उपलब्धियां

भारत की पहली लेडीज़ स्पेशल ट्रेन चालक: अप्रैल 2000 में सुरेखा ने सेंट्रल रेलवे के लिए पहली “लेडीज़ स्पेशल” लोकल ट्रेन चलाई, जिसे तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में शुरू किया गया था। यह उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।

 डेक्कन क्वीन ट्रेन चलाने वाली एशिया की पहली महिला: 2011 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्होंने पश्चिमी घाट के चुनौतीपूर्ण इलाके को पार करते हुए पुणे से मुंबई तक प्रतिष्ठित डेक्कन क्वीन ट्रेन चलाने वाली एशिया की पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया।

वंदे भारत एक्सप्रेस पायलट: मार्च 2023 में सुरेखा भारत की सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने वाली पहली महिला बनीं। उन्होंने सोलापुर से छत्रपति शिवाजी टर्मिनल (CSMT) तक 455 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए ट्रेन को चलाया। इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी जिक्र किया था। 

 रेल चालक सुरेखा यादव को दिए गए पुरस्कारों की लिस्ट

  1. जिजाऊ पुरस्कार- 1998
  2. महिला अचीवर्स पुरस्कार- 2001
  3. राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ से सम्मानित-2001
  4. एस.बी.आई. प्लेटिनम जुबली वर्ष समारोह- 2003-2004
  5. सह्याद्रि हिरकणी पुरस्कार- 2004
  6. प्रेरणा पुरस्कार- 2005
  7. जी.एम. पुरस्कार- 2011
  8. महिला अचीवर्स पुरस्कार- 2011
  9. आरडब्ल्यूसीसी सर्वश्रेष्ठ महिला पुरस्कार- 2013

Latest India News



[ad_2]
भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर कौन हैं? एशिया की महिलाएं भी उनसे पीछे – India TV Hindi

VIDEO : करनाल में मधुबन पुलिस अकादमी के वच्छेर स्टेडियम में सेपक टकरा के हुए अहम मुकाबले Latest Haryana News

VIDEO : करनाल में मधुबन पुलिस अकादमी के वच्छेर स्टेडियम में सेपक टकरा के हुए अहम मुकाबले Latest Haryana News

International Women’s Day: when women marched for Bread and Roses Today World News

International Women’s Day: when women marched for Bread and Roses Today World News