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ढाका4 घंटे पहले
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फुटेज 5 अगस्त को बांग्लादेश में हुई हिंसा की है। सैकड़ों प्रदर्शनकारी हसीना के इस्तीफे की मांग के साथ ढाका पहुंचे थे।
तारीख- 5 अगस्त 2024, बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ हुआ प्रदर्शन हिंसक हो चुका था। 1 दिन पहले ही पुलिस से मुठभेड़ में कुल 100 लोगों की मौत हो गई थी। इस बीच ढाका से 1826 किलोमीटर दूर भारत की राजधानी दिल्ली में 2 अर्जियां भेजी जाती हैं।
पहली अर्जी में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना कुछ समय के लिए भारत आने की इजाजत की अपील थी। इसके कुछ ही देर बाद भेजी गई दूसरी अर्जी में बांग्लादेश के अधिकारी मिलिट्री एयरक्राफ्ट के भारत में दाखिल होने के लिए क्लीयरैंस मांगते हैं। इजाजत मिलने के बाद शाम को शेख हसीना का विमान दिल्ली लैंड करता है।
शेख हसीना के हेलिकॉप्टर में बैठने से पहले का वीडियो। यह सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
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तीनों सेनाओं के चीफ बांग्लादेश के पीएम आवास पहुंचे…
5 अगस्त की सुबह बांग्लादेश की सड़कों पर 4 प्रदर्शनकारी जमा थे। ये किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के लिए बांग्लादेश के पीएम आवास की तरफ कूच कर रहे थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक देश का माहौल बिगड़ता देख तीनों सेनाओं के हेड और पुलिस चीफ शेख हसीना से मिलने पीएम आवास पहुंचे। इस वक्त उनकी बहन शेख रेहाना भी वहां मौजूद थीं। हसीना ने सुरक्षाबलों के चीफ को हर हाल में प्रदर्शनकारियों को रोकने का आदेश दिया। हालांकि, उन्होंने इसे नामुमकिन बताया।
आर्मी चीफ वकार-उज-जमान ने बताया कि देशभर से लोग ढाका पहुंच रहे हैं। कुछ लोग प्रधानमंत्री आवास के करीब पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री को बचाने के लिए अब इकलौता जरिया यही है कि लोगों तो मारा जाए, इसके जनसंहार करना पड़ेगा। उसके बाद भी प्रदर्शनकारियों के काबू में आने की कोई गारंटी नहीं है।
हसीना बेटे से फोन पर बात करने के बात इस्तीफा देने के लिए राजी हुई थीं।
सेना प्रमुखों की चिंताओं को देखते हुए रेहाना ने हसीना से अकेले में बात करने को कहा। 20 मिनट बाद जब वे लौटे तब हसीना चुप थीं। हालांकि, वह फिर भी प्रदर्शनकारियों को काबू में करने पर अड़ी हुई थीं। आखिरकार आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज-जमान ने अमेरिका में रह रहे हसीना के बेटे वाजेद जॉय को फोन किया।
आर्मी चीफ ने वाजेद से हसीना को समझाने को कहा। उन्होंने फोन प्रधानमंत्री को दिया। इसके बाद अगले कुछ मिनट तक हसीना चुप रहीं। वे अपने बेटे की बात सुन रही थीं। आखिर में ‘हां’ में सिर हिलाते हुए उन्होंने फोन रख दिया। हसीना बेटे के कहने पर बांग्लादेश छोड़ने पर राजी हो गईं, हालांकि वे ऐसा नहीं करना चाहती थीं।
बांग्लादेश छोड़ने के लिए सिर्फ 1 घंटे का समय
देश में हालात बिगड़ते देख आर्मी चीफ ने अनुमान लगाया कि हसीना के पास बांग्लादेश से निकलने के लिए 1 घंटे से भी कम समय है। दोपहर करीब 1 बजे हसीना बहन के साथ अपने क्वार्टर के नीचे उतरीं। रेहाना के हाथ में एक बड़ा सा फोटो फ्रेम था।
बांग्लादेश के अधिकारी हसीना के जाने से पहले देश के नाम उनके आखिरी संबोधन की तैयारी कर रहे थे। इस बीच कुछ कन्फ्यूजन हुआ। लाइव ब्रॉडकास्ट वाला ट्रक PM आवास की जगह आर्मी चीफ के हेडक्वार्टर चला गया।
यह बांग्लादेश में सत्ता बदलने का सबसे बड़ा संकेत था। हसीना के स्टाफ की मौजूदगी में उन्हें एक गाड़ी में बैठाकर PM आवास से ले जाया गया। हसीना की सुरक्षा के लिए उनके काफिले में करीब 12 गाड़ियां शामिल थीं। उन्होंने आवास के मुख्य गेट से निकलने की कोशिश की।
सफलता न मिलने पर वे दूसरे रास्ते से बाहर निकले। हालांकि, यहां भी प्रदर्शनकारियों की भीड़ मौजूद थी।
हसीना 12 गाड़ियों के काफिले के साथ पीएम आवास से निकली थीं।
बख्तरबंद गाड़ियों के बीच से एयरफील्ड पहुंचीं हसीना
हसीना की सुरक्षा में मौजूद टीम ने मदद की अपील की। इसके बाद सेना की बख्तरबंद गाड़ियां वहां पहुंची। भीड़ को किसी तरह रोककर हसीना को वहां से निकाला गया। उन्हें सीधे एक हेलीपैड ले जाया गया। यहां से हेलिकॉप्टर के जरिए हसीना और उनकी बहन एयरफील्ड पहुंची। फिर दोनों को एक मिलिट्री एयरक्राफ्ट में बैठाकर बांग्लादेश से बाहर ले जाया गया।
दूसरी तरफ, आर्मी चीफ वकार ने हसीना के देश छोड़ने के बाद विपक्षी पार्टियों के साथ इमरजेंसी बैठक की। फिर उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा, “शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है। हम अंतरिम सरकार बनाएंगे, देश को अब हम संभालेंगे। आंदोलन में जिन लोगों की हत्या की गई है, उन्हें इंसाफ दिलाया जाएगा।”
5 अगस्त की शाम करीब 6 बजे हसीना का C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर लैंड हुआ। यहां भारत के NSA अजीत डोभाल ने उनका स्वागत किया। हसीना पिछले 2 दिन से भारत में ही हैं। वह यहां कितने समय तक रहेंगी, भारत के बाद वे कहां जाएंगी, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
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