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भगदड़ में इस वजह से होती है सबसे ज्यादा लोगों की मौत, इन हेल्थ टिप्स से बच सकती है आपकी जान Health Updates

भगदड़ में इस वजह से होती है सबसे ज्यादा लोगों की मौत, इन हेल्थ टिप्स से बच सकती है आपकी जान Health Updates

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भगदड़ एक घातक और खतरनाक स्थिति है ये तब होती है जब भीड़ एक ही समय में एक ही दिशा में आगे बढ़ते हुए, एक जगह की उसकी कैपिसिटी से अधिक वहां पर लोगों की संख्या बढ़ जाती है. भगदड़ के दौरान, लोग आपस में टकराते हैं और एक दूसरे के ऊपर या एक दूसरे से टकरा जाते हैं. हाल ही में 28 अक्टूबर को दक्षिण कोरिया के सियोल के इटावन में हैलोवीन कार्यक्रम के दौरान 150 से अधिक लोगों की मौत और 2 अक्टूबर को इंडोनेशिया के मलंग में एक फुटबॉल मैच के बाद 130 से अधिक लोगों की मौत का कारण बनी भगदड़ से पता चलता है कि भगदड़ कितनी खतरनाक होती है.

भगदड़ कई कारणों से हो सकती है:

छोटे जगह में अधिक लोगों का जमा होना

भीड़ पर खराब कंट्रोल

संकीर्ण रास्ता

भारी या खतरनाक संरचनाएं

भगदड़ के दौरान कंप्रेसिव एस्फिक्सिया के खतरे
भगदड़ के दौरान कई लोग गिर सकते हैं और कुचले जा सकते हैं, लेकिन मौत का सबसे आम कारण कंप्रेसिव एस्फिक्सिया है, जो एक खतरनाक स्थिति है जो तब होती है जब शरीर पर बाहरी दबाव के कारण सांस लेना बंद हो जाता है.
इंसान अपने फेफड़ों से हवा को अंदर और बाहर सांस की नली के जरिए ऑक्सीजन लेते हैं. जबकि हमारा ब्लड हमारे शरीर में कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाता है, कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलता है.

भगदड़ के दौरान, भीड़ में फंसे लोग एक-दूसरे से टकराते है. इसका मतलब है कि हिलने-डुलने की कोई जगह नहीं रहती है. इसके कारण मांसपेशी, डायाफ्राम को सिकुड़ने (कसने) और सपाट होने (आराम करने) से रोकता है, जिसका अर्थ है कि हवा फेफड़ों में प्रवेश नहीं कर सकती या बाहर नहीं निकल सकती.

जब ऐसा होता है तो यह जल्दी से कार्बन डाइऑक्साइड के निर्माण और ऑक्सीजन की कमी के साथ संपीड़ित और सांस लेने में दिक्कत होती है. इंसान का शरीर लंबे समय तक ऑक्सीजन के बिना काम नहीं कर सकता क्योंकि यह जल्दी से अंग विफलता और मस्तिष्क की मृत्यु का कारण बन सकता है.

भगदड़ के दौरान कैसे रखें खुद को सुरक्षित

कंप्रेसिव एस्फिक्सिया खतरनाक है, लेकिन इससे हमेशा मौत नहीं होती. कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) प्राइमरी इलाज के ज़रिए समय पर हस्तक्षेप करके, कंप्रेसिव एस्फिक्सिया से पीड़ित लोगों को बचाया जा सकता है. अगर आप सीपीआर से परिचित नहीं हैं और नहीं जानते कि सीपीआर को सही तरीके से कैसे किया जाए, तो कुछ न करने की तुलना में कोशिश करना हमेशा बेहतर होता है. कंप्रेसिव एस्फिक्सिया या कार्डियक अरेस्ट जैसी स्थितियों से पीड़ित लोगों को चार मिनट के बाद स्थायी मस्तिष्क क्षति हो सकती है. सीपीआर आपातकालीन चिकित्सा उपचार आने तक मस्तिष्क और अन्य अंगों में ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है.

किनारा खोजें
अगर आप अगर ऐसे भीड़ में फंसे तो किनारा ढूंढे. किसी दीवार और पोल के सहारे खड़े हो जाएं. ऐसी स्थिति में भीड़ में फंसने का डर कम रहता है. सीने और लंग्स को दबने से बचाएं. 

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भगदड़ में जमीन पर गिरे तो करें ये काम

अगर आप जमीन पर गिर जाए तो सिर को सीने की तरफ झुकाकर कलाई और बाजुओं की मदद से छिपा लें. घुटनों को मोड़कर सिकुड़कर ले जाएं. इस दौरान शरीर के सेंसेटिव पार्ट यानी पेट, सीने को दबने से बचाएं. भगदड़ के दौरान कभी भी भीड़ की उल्टी दिशा में न भागे. एक जगह कभी भी खड़े न रहें. स्थिर होने से धक्का लगने पर गिरने के चांस ज्यादा होते हैं. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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